प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने एक याचिका पर केंद्र से चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है.
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने भारत की संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका को ख़ारिज करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के ख़िलाफ़ दायर याचिका पर मंगलवार को केंद्र से जवाब तलब किया.
प्रधान न्यायाधीश जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस याचिका पर केंद्र से चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 11 अप्रैल के अपने फैसले में अनुच्छेद 370 को चुनौती देने वाली याचिका को ख़ारिज कर दी थी. अदालत ने कहा था कि इसमें अब कुछ भी शेष नहीं बचा है क्योंकि शीर्ष अदालत इस मुद्दे पर पहले ही एक याचिका ख़ारिज कर चुका है.
उच्च न्यायालय ने याचिका दायर करने वाली कुमारी विजयलक्ष्मी झा का दावा है कि अदालत के समक्ष उठाया गया मुद्दा न्यायालय में आए मामले से अलग है.
उन्होंने दलील दी कि अनुच्छेद 370 अस्थाई व्यवस्था थी और 1957 में राज्य की संविधान सभा के भंग होने के साथ ही यह कालातीत हो गई.
याचिका में कहा गया है कि राज्य संविधान सभा के भंग होने और उसके संविधान को भारत के राष्ट्रपति, संसद या भारत सरकार की ओर से मंज़ूरी नहीं मिलने के बावजूद अनुच्छेद 370 को जारी रखना हमारे संविधान की मूल संरचना के साथ धोखाधड़ी है.
जुलाई, 2014 में उच्चतम न्यायालय ने जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जा को चुनौती देने वाली याचिका को ख़ारिज करते हुए उन्हें उच्च न्यायालय जाने के लिए कहा था.