गुजरात के वन मंत्री गणपत वसावा ने विधानसभा में बताया कि 313 शेरों में 23 की मौत अप्राकृतिक कारणों से हुई. उन्होंने कहा कि 2019 में 154 और 2020 में 159 शेरों की मौत हुई. इनमें 90 शेरनी, 71 शेर और 152 शावक शामिल हैं.
गांधीनगर: गुजरात के वन मंत्री गणपत वसावा ने विधानसभा में बताया है कि राज्य में 2019 और 2020 में 152 शावकों समेत कुल 313 शेरों की मौत हुई है. इनमें से 23 की मौत अप्राकृतिक कारणों से हुई.
कांग्रेस विधायक वीरजी ठुम्मर के सवाल का जवाब देते हुए मंत्री ने शुक्रवार को कहा कि 2019 में 154 और 2020 में 159 शेरों की मौत हुई. इनमें 90 शेरनी, 71 शेर और 152 शावक शामिल हैं.
उन्होंने कहा, ‘313 में से 23 की मौत खुले कुओं में गिरने या वाहनों के टक्कर मारने जैसे अप्राकृतिक कारणों से हुई.’
ठुम्मर ने दावा किया कि कुछ शेर वन विभाग द्वारा दिए जा रहे मांस को खाकर विभिन्न वायरस से संक्रमित हो रहे हैं. कांग्रेस विधायक के दावे के बाद मंत्री ने कड़ी कार्रवाई का वादा किया.
वसावा ने कहा कि गिर अभयारण्य के निकट 43 हजार कुओं के आसपास दीवारें बनाई गई हैं, ताकि शेर इनमें न गिरें. उन्होंने कहा कि संरक्षण के ऐसे ही कई प्रयास किए जाने की वजह से शेरों की आबादी 2015 की 523 से बढ़कर 2020 में 674 हो गई.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने बीते दो साल में शेरों के संरक्षण और गिर वन क्षेत्र में विकास गतिविधियों के लिये 108 करोड़ रुपये दिए थे.