विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीसी चाको ने इस्तीफ़ा देते हुए कहा कि पार्टी में कोई लोकतंत्र नहीं बचा है. उम्मीदवारों की सूची के बारे में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के साथ कोई चर्चा नहीं की गई. इसके बाद पार्टी के प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा कि कांग्रेस में कोई गुटबाज़ी नहीं है, पार्टी एक है.
नई दिल्ली/कोच्चि: केरल में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बुधवार को कांग्रेस को उस वक्त बड़ा झटका लगा जब उसके वरिष्ठ नेता पीसी चाको ने पार्टी छोड़ने की घोषणा की और आरोप लगाया कि चुनाव के लिए पार्टी के उम्मीदवार तय करने में गुटबाजी हावी रही.
पिछले एक साल के भीतर ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद चाको ऐसे दूसरे वरिष्ठ नेता हैं जिन्होंने पार्टी छोड़ी है. चाको कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य रहे हैं.
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह से टकराव के बीच सिंधिया पिछले साल मार्च में भाजपा में शामिल हो गए थे. सिंधिया खेमे के 20 से अधिक विधायकों ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया था, जिसके बाद कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिर गई थी.
कांग्रेस में ‘ग्रुप 23’ से जुड़े विवाद की पृष्ठभूमि में चाको ने यह आरोप भी लगाया कि पिछले दो वर्षों से पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व सक्रिय नहीं है.
Kerala is facing a crucial election. People want Congress to come back but there's groupism practiced by top leaders of Congress. I've been arguing with high command that this should be ended. But the high command is also agreeing to the proposal given by both groups: PC Chacko
— ANI (@ANI) March 10, 2021
उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफे की घोषणा की, लेकिन भविष्य के अपने कदम के बारे में कुछ नहीं बताया. हालांकि चाको ने भाजपा को लेकर अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि वह केरल में कोई ‘राजनीतिक फैक्टर’ नहीं है.
चाको ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को अपना इस्तीफा भेज दिया है. चाको ने यह भी बताया कि वह पार्टी छोड़ने के बारे में कई दिनों से विचार कर रहे थे.
उन्होंने दावा किया, ‘कांग्रेस में कोई लोकतंत्र नहीं बचा है. उम्मीदवारों की सूची के बारे में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के साथ कोई चर्चा नहीं की गई.’
उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि केरल में छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के उम्मीदवारों का चयन दो समूहों ने अलोकतांत्रिक तरीके से किया. इसमें एक ‘ए’ समूह का नेतृत्व ओमन चांडी और ‘आई’ समूह का नेतृत्व रमेश चेन्नीथला कर रहे हैं.
चाको ने कहा कि दोनों समूह दिवंगत नेता के करुणाकरन और वरिष्ठ नेता एके एंटनी के समय से ही सक्रिय हैं. ‘ए’ समूह का नेतृत्व एंटनी करते थे और ‘आई’ समूह का नेतृत्व करुणाकरन करते थे.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस में राष्ट्रीय स्तर पर ऐसा कोई नहीं है जो पार्टी का नेतृत्व संभाल सके और ऐसे में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना कर रही सोनिया गांधी ने जिम्मेदारी ली.
चाको ने कहा कि कांग्रेस कार्य समिति ने एकमत से राहुल गांधी से आग्रह किया कि वह पार्टी के अध्यक्ष फिर से बनें, लेकिन वह तैयार नहीं हुए.
केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने चाको के इस कदम पर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने उन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि दिल्ली में प्रभारी रहते हुए गुटबाजी को बढ़ावा देने वाले व्यक्ति ने पार्टी से जाने में बहुत देर कर दी.
Says a man who actively encouraged and promoted groupism in Delhi.
हुज़ूर जाते जाते बहुत देर कर दी https://t.co/ONvFkqTG8i— Pawan Khera 🇮🇳 (@Pawankhera) March 10, 2021
उन्होंने चाको के बयान को लेकर ट्वीट किया, ‘यह बात वह व्यक्ति कहता है जिसने दिल्ली में गुटबाजी को सक्रियता के साथ प्रोत्साहित किया और बढ़ावा दिया. बहुत देर कर दी हुजूर जाते जाते.’
उल्लेखनीय है कि पिछले साल हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव के समय चाको कांग्रेस के दिल्ली प्रभारी थे.
उस चुनाव में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुल सका था और ज्यादातर सीटों पर पार्टी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई. इस चुनाव के बाद ही चाको ने प्रभारी पद से इस्तीफा दे दिया था.
कांग्रेस में कोई गुटबाजी नहीं हैं, पार्टी एक है: आनंद शर्मा
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने ‘ग्रुप 23’ से जुड़े विवाद और पार्टी में गुटबाजी के आरोपों की पृष्ठभूमि में बुधवार को कहा कि कांग्रेस में कोई अलग अलग गुट नहीं हैं तथा पूरी पार्टी सोनिया गांधी की अध्यक्षता में एकजुट है.
शर्मा की इस टिप्पणी का इस संदर्भ में खासा महत्व है कि वह उस ‘ग्रुप 23’ में शामिल हैं जिसने कांग्रेस में व्यापक संगठनात्मक बदलाव और सक्रिय अध्यक्ष की मांग को लेकर पिछले साल सोनिया गांधी को पत्र लिखा था.
उन्होंने पार्टी में गुटबाजी से संबंधित पीसी चाको के आरोपों से जुड़े सवाल पर संवाददाताओं से कहा, ‘ऐतिहासिक रूप से कांग्रेस में आंतरिक चर्चा की परंपरा पुरानी है… यह परंपरा आज भी जारी है. कांग्रेस में कोई गुटबाजी नहीं है. कांग्रेस एक है और इसकी अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं.’
उन्होंने कहा, ‘फिलहाल एक ही लक्ष्य है कि आगामी चुनावों में भाजपा और दूसरे विरोधियों को हराया जाए. ऐसी कोई धारणा नहीं बननी चाहिए कि कांग्रेस एकजुट होकर इन चुनावों को नहीं लड़ेगी.’
शर्मा के इस बयान से कुछ दिनों पहले ‘ग्रुप 23’ में शामिल एक और वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने भी कहा था कि वह और उनके साथी आगामी चुनावों में पार्टी के लिए प्रचार करेंगे तथा कांग्रेस को जीत दिलाना उनकी शीर्ष प्राथमिकता है.