उत्तर प्रदेश के महोबा ज़िले का मामला. अधिकारियों ने परिजनों के हवाले से बताया कि किसान पर साहूकारों का तीन लाख रुपये क़र्ज़ भी था.
महोबा: उत्तर प्रदेश में महोबा जिले के खरेला कस्बे में आंधी से मटर की फसल नष्ट होने से क्षुब्ध एक 43 वर्षीय किसान ने शनिवार को फांसी लगाकर कथित रूप से आत्महत्या कर ली.
चरखारी तहसील के उपजिलाधिकारी (एसडीएम) राकेश कुमार ने बताया कि खरेला कस्बे में तीन बीघा कृषि भूमि के किसान उमाशंकर नामदेव द्वारा शनिवार को अपने घर में फंसी लगाकर आत्महत्या कर लेने की सूचना मिली है, जिसकी जांच के लिए राजस्व निरीक्षक और उस क्षेत्र के लेखपाल को मौके पर भेजा गया है.
उन्होंने कहा कि राजस्व अधिकारियों की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद आत्महत्या के कारणों का पता चल सकेगा. इस बीच पुलिस ने शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है.
राजस्व निरीक्षक (रिवेन्यू इंस्पेक्टर) कामता प्रसाद त्रिपाठी ने किसान की पत्नी विनीता के हवाले से बताया कि पिछले सप्ताह तेज आंधी से किसान के खेत में तैयार मटर की फसल नष्ट हो गई थी.
पत्नी का कहना है कि हो सकता है कि फसल नष्ट होने से क्षुब्ध होकर उसने आत्महत्या की हो.
त्रिपाठी ने बताया कि परिजन किसान पर साहूकारों का तीन लाख रुपये कर्ज होने की भी जानकारी दे रहे हैं.
उन्होंने कहा कि राजस्व अधिकारी और पुलिस आत्महत्या के कारणों की जांच कर रहे हैं. किसान के आश्रितों को नियमानुसार सरकारी सहायता दिलाई जाएगी.