छोटी बचत योजनाओं में निवेश करने वाले लोगों को झटका देते हुए सरकार ने बीते बुधवार को पीपीएफ और राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र समेत लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में 1.1 प्रतिशत तक की कटौती की थी. माना जा रहा है कि कुछ राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनावों में भाजपा को किसी नुकसान से बचाने के लिए ब्याज दरों में कटौती का निर्णय वापस लिया गया.
नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि सरकार लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) तथा एनएससी (राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र) जैसी छोटी बचत योजनाओं में की गई बड़ी कटौती वापस लेगी और कहा कि ऐसा गलती से हो गया था.
हालांकि, माना जा रहा है कि पश्चिम बंगाल, असम और तीन अन्य राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनावों में भाजपा को किसी नुकसान से बचाने के लिए ब्याज दरों में कटौती का निर्णय वापस लिया गया.
छोटी बचत योजनाओं में निवेश करने वाले लोगों को झटका देते हुए सरकार ने बुधवार को लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) और एनएससी (राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र) समेत लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में 1.1 प्रतिशत तक की कटौती की थी. यह कटौती एक अप्रैल से शुरू 2021-22 की पहली तिमाही के लिए की गई थी.
इसके एक दिन बाद गुरुवार को यह फैसला उस समय वापस लेने का ऐलान किया गया, जब पश्चिम बंगाल में दूसरे चरण के मतदान हो रहे हैं. आज ही नंदीग्राम सीट पर भी मतदान है, जहां से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनाव लड़ रही हैं.
सीतारमण ने ब्याज दरों को 31 मार्च को खत्म हुए वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही के स्तर पर लाने का आश्वासन दिया है.
इसे लेकर सीतारमण ने गुरुवार सुबह ट्वीट किया, ‘भारत सरकार की छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर वही रहेगी जो 2020-2021 की अंतिम तिमाही में थी, यानी जो दरें मार्च 2021 तक थीं. पहले जारी किया गया आदेश वापस लिया जाएगा.’
Interest rates of small savings schemes of GoI shall continue to be at the rates which existed in the last quarter of 2020-2021, ie, rates that prevailed as of March 2021.
Orders issued by oversight shall be withdrawn. @FinMinIndia @PIB_India— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) April 1, 2021
वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, पीपीएफ पर ब्याज 0.7 प्रतिशत कम कर 6.4 प्रतिशत, जबकि एनएससी पर 0.9 प्रतिशत कम कर 5.9 प्रतिशत कर दी गई थी. लघु बचत योजनाओं पर ब्याज तिमाही आधार पर अधिसूचित की जाती है.
ब्याज में सर्वाधिक 1.1 प्रतिशत की कटौती एक साल की मियादी जमा राशि पर की गई थी. इस पर ब्याज 5.5 प्रतिशत से कम करके 4.4 प्रतिशत करने का फैसला किया गया था.
छोटी बचत योजनाओं के लिए ब्याज दरों को तिमाही आधार पर अधिसूचित किया जाता है.
पुरानी दरें बहाल होने के बाद पीपीएफ और एनएससी पर क्रमश: 7.1 प्रतिशत और 6.8 प्रतिशत की दर से वार्षिक ब्याज मिलता रहेगा.
इस तरह सुकन्या समृद्धि योजना के लिए 7.6 प्रतिशत ब्याज मिलता रहेगा, जबकि पहले इसे घटाकर 6.9 प्रतिशत करने की बात कही गई थी.
पांच वर्षीय वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के लिए ब्याज दर 7.4 प्रतिशत पर बरकरार रखी जाएगी. वरिष्ठ नागरिकों की योजना पर ब्याज का भुगतान त्रैमासिक आधार पर किया जाता है.
बचत जमा पर ब्याज दर चार प्रतिशत होगी, जबकि इसे घटाकर 3.5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव था.