कांग्रेस ने भी शीर्ष अदालत केे फैसले का स्वागत किया और कहा कि भेदभाव को दूर करने और महिलाओं का अधिकार बहाल करने की दिशा में यह निर्णय बहुत महत्वपूर्ण साबित होगा.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक साथ लगातार तीन बार तलाक बोलने की प्रथा पर उच्चतम न्यायालय के फैसले को ऐतिहासिक करार देते हुए मंगलवार को कहा कि यह महिलाओं के सशक्तिकरण और मुस्लिम महिलाओं को समानता का अधिकार प्रदान करने की दिशा में अहम कदम है.
उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में कहा, ‘माननीय उच्चतम न्यायालय का फैसला ऐतिहासिक है. यह मुस्लिम महिलाओं को समानता का अधिकार प्रदान करने और महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में सशक्त कदम है.’
वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि तीन तलाक पर उच्चतम न्यायालय का निर्णय मुस्लिम महिलाओं के लिए स्वाभिमान पूर्ण एवं समानता के एक नए युग की शुरुआत है और भाजपा मुस्लिम महिलाओं को मिले उनके अधिकारों और सम्मान को संकल्पवान न्यू इंडिया की ओर बढ़ते कदम के रूप में देखती है.
अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि तीन तलाक धर्म से जुड़ा मुद्दा नहीं है. यह सामाजिक सुधार से जुड़ा विषय है. केंद्र सरकार इस मुद्दे पर कानून बनाने के संदर्भ में सभी राजनीतिक दलों के साथ चर्चा करेगी. उन्होंने कहा कि हमें अड़ियल रवैया नहीं अपनाना चाहिए. हमें सामाजिक बुराई के संदर्भ में सुधारवादी पहल को अपनाना चाहिए .
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने उच्चतम न्यायालय के फैसले को महत्वपूर्ण करार देते हुए कहा कि सभी धर्मों के विद्वानों को इसे महिलाओं को न्याय दिलाने के कदम के रूप में देखना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘उच्चतम न्यायालय ने तीन तलाक पर महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. मैं सभी धर्माचार्यों से निवेदन करती हूं कि वह इस नजरिये से विचार करें कि यह फैसला महिलाओं को न्याय दिलाने के लिये उठाया गया कदम है. एक महिला होने के नाते भी मुझे तीन तलाक पर उच्चतम न्यायालय का फैसला बहुत अच्छा लगा. कोई व्यक्ति जब अपनी पत्नी को एकदम से तलाक देकर घर से बाहर कर देता है, तो उस महिला के लिये इस अप्रिय स्थिति का सामना करना बेहद कठिन होता है. किसी महिला को इस तरह से बाहर निकाला जाना कहीं न कहीं एक अत्याचार ही है.’
कांग्रेस ने तीन तलाक पर न्यायालय के फैसले का स्वागत किया
उच्चतम न्यायालय के फैसले को ऐतिहासिक करार देते हुए कांग्रेस ने इसका स्वागत किया और कहा कि भेदभाव को दूर करने और महिलाओं का अधिकार बहाल करने की दिशा में यह निर्णय बहुत महत्वपूर्ण साबित होगा.
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘हम उच्चतम न्यायालय के इस ऐतिहासिक निर्णय का स्वागत करते हैं. तीन तलाक की प्रथा इस्लामिक शिक्षा के विरूद्ध है. तीन तलाक की प्रथा इस्लामिक न्यायशास्त्र के दो मूल स्रोत कुरान और हदीस के विरूद्ध है. उच्चतम न्यायालय के इस फैसले से भेदभाव एवं शोषण दूर होगा और महिलाओं के अधिकार बहाल होंगे. हमने पहले भी कहा था कि हम इस मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय के निर्णय की प्रतीक्षा करेंगे और वह जो भी फैसला देगा, वह सभी को मान्य होगा.‘
हिंदू विवाह अधिनियम की तर्ज पर बने मुस्लिम परिवार कानून: बीएमएमए
मुस्लिम समाज में एक बार में तीन तलाक की प्रथा के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ने वाले संगठन भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन (बीएमएमए) ने उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि अब सरकार और राजनीतिक दलों को मिलकर हिंदू विवाह अधिनियम की तर्ज पर मुस्लिम परिवार कानून बनाना चाहिए.
बीएमएमए की संस्थापक नूरजहां सफिया नियाज ने कहा, ‘हम उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं. यह उन सभी महिलाओं की जीत है जो इस लड़ाई में हमारे साथ थीं. यह एक लंबी लड़ाई थी और अब उम्मीद है कि एक अच्छे कानून के साथ इस लड़ाई का अंत होगा. हम चाहते हैं कि सभी राजनीतिक दल और सरकार मिलकर एक ऐसा मुस्लिम परिवार कानून बनाएं जिसमें मुस्लिम महिलाओं की चिंताओं का ध्यान रखा जाए. बेहतर होगा कि यह हिंदू विवाह अधिनियम की तर्ज पर हो.’
तीन तलाक पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की कार्यकारिणी बैठक 10 सितंबर को
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड तीन तलाक को लेकर उच्चतम न्यायालय के निर्णय के मद्देनजर अपनी अगली रणनीति आगामी 10 सितम्बर को भोपाल में होने वाली अपनी कार्यकारिणी बैठक में तय करेगा.
बोर्ड के कार्यकारिणी सदस्य एवं वरिष्ठ अधिवक्ता जफरयाब जीलानी ने बताया कि बोर्ड की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आगामी 10 सितम्बर को भोपाल में आयोजित की जाएगी, जिसमें तीन तलाक को लेकर उच्चतम न्यायालय के फैसले के मद्देनजर आगे की रणनीति तय की जाएगी. उन्होंने बताया कि यह बैठक पूर्व निर्धारित थी और इसका एजेंडा कल ही जारी किया गया था.
We have to respect the judgement. It is going to be a great Herculean task to implement this on ground: Asaduddin Owaisi, AIMIM #TripleTalaq pic.twitter.com/FbWPKmgPwG
— ANI (@ANI) August 22, 2017
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘हम इस फैसला का स्वागत करते हैं हालांकि इसे जमीन पर उतारना कठिन काम होगा.’