आप को 31 दिसंबर 2015 को राउज एवेन्यू में बंगला संख्या 206 आवंटित किया गया था. इस साल अप्रैल में उपराज्यपाल ने बंगले का आवंटन नियमों और क़ानून के विपरीत बताते हुए रद्द कर दिया था.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी के मध्य में आम आदमी पार्टी को आवंटित बंगला रद्द करने का उपराज्यपाल एलजी का आदेश खारिज करते हुए कहा कि कार्रवाई के लिए कोई कारण नहीं दिया गया है.
न्यायमूर्ति विभू बखरू ने इस मामले को राजनीतिक पार्टी को सुनने के बाद आठ हफ्ते में तर्कसंगत फैसला लेने के लिए उपराज्यपाल अनिल बैजल के पास वापस भेज दिया.
अदालत ने कहा कि 12 अप्रैल का आवंटन रद्द करने वाले आदेश में यह नहीं बताया गया कि किस कानून या नियम का उल्लंघन किया गया है. उन्होंने केंद्र सरकार से कहा कि राजनीतिक पार्टियों को परिसर आवंटित करने की अगर नीति है तो उसे समान रूप से लागू करना चाहिए.
अदालत ने दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग द्वारा 13 जून को पारित दो अहम आदेशों को भी स्थगित रखा है जिसमें पार्टी के वैकल्पिक आवास के अनुरोध को खारिज करते हुए बाजार दर के हिसाब से 31 मई तक संपत्ति के 27 लाख रुपये से ज्यादा के किराये के बकाये का भुगताने का निर्देश दिया गया था.
आप की ओर से वरिष्ठ वकील अरुण कथपालिया ने कहा कि पार्टी को 31 दिसंबर 2015 को राउज एवेन्यू में बंगला संख्या 206 आवंटित किया गया था.
वकील आदित्य विजय कुमार के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि इसके बाद आप को इस साल 12 अप्रैल को एक संदेश मिला जिसमें कहा गया था कि उपराज्यपाल ने बंगले का आवंटन इस आधार पर रद्द कर दिया है कि यह कानून और नियमों के विपरीत है.
आप ने अपनी अर्जी में यह भी दावा किया था कि उसे ऐसी कार्रवाई का निशाना बनाया जा रहा है जबकि अन्य पार्टियों को राष्ट्रीय राजधानी के बीचोबीच आवास आवंटित हैं.
पार्टी ने दलील है कि केंद्र सरकार की नीति के मुताबिक सभी पंजीकृत राजनीतिक पार्टियां आवास की अधिकारी हैं. बहस के दौरान, अतिरिक्त सॉलिटर जनरल संजय जैन और केंद्र सरकार के वकील ने कहा था कि पार्टी को दक्षिण दिल्ली के साकेत में आवास की पेशकश की गई थी लेकिन आप ने इसे लेने से इनकार कर दिया.
LG’s order cancelling the office allotment to AAP set aside by Delhi High Court. Has been declared ex facie illegal. Boom!
— Raghav Chadha (@raghav_chadha) August 23, 2017
आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने फैसले के बाद पार्टी प्रवक्ता राघव चड्ढा के ट्वीट को रिट्वीट किया है. इस ट्वीट में राघव ने कहा है- ‘दिल्ली हाइकोर्ट ने आप के दफ्तर का आवंटन रद्द करने के एलजी के फैसले को पलट दिया है. उपराज्यपाल का फैसला अवैध हो गया है.’