पत्र में जदयू के बागी नेता को आगाह किया गया है कि वह बिहार सरकार और हिंदू हितों के ख़िलाफ़ न बोलें वरना उन्हें ख़ामियाज़ा भुगतना पड़ेगा.
नई दिल्ली: जदयू के बागी नेता शरद यादव को कथित तौर पर एक दक्षिणपंथी समूह से एक धमकी भरा पत्र मिला है जिसमें उन्हें बिहार की राजनीति में हस्तक्षेप न करने और ‘राष्ट्र विरोधी’ ताकतों का समर्थन न करने की चेतावनी दी गई है.
यादव के कार्यालय ने रविवार को बताया कि उन्होंने पत्र के बारे में केंद्रीय गृह मंत्रालय को सूचित कर दिया गया है.
राज्यसभा सदस्य यादव को यह पत्र डाक के ज़रिये उनके आवास पर हाल ही में भेजा गया. पत्र में उन्हें आगाह किया गया है कि वह बिहार सरकार और हिंदू हितों के ख़िलाफ़ न बोलें अन्यथा उन्हें इसका ख़ामियाज़ा भुगतना पड़ेगा. इसमें कहा गया है कि उन्होंने ‘राष्ट्र विरोधी’ ताकतों का पक्ष लेकर बड़ी भूल की है.
यादव राजद तथा कांग्रेस के साथ हुए ‘महागठबंधन’ को छोड़कर राजग से जुड़ने के पार्टी के फैसले के ख़िलाफ़ असंतोष ज़ाहिर किया है.
इस धमकी भरे पत्र के इतर रविवार को पटना के गांधी मैदान में हो रही राजद की रैली में जद यू के बागी नेता शरद यादव शामिल हुए. उनके अलावा सपा नेता अखिलेश यादव, तृणमूल कांग्रेस नेता ममता बनर्जी समेत कई विपक्षी दलों के नेता पहुंचे हैं.
रैली में कांग्रेस की ओर राहुल गांधी और सोनिया गांधी तो नहीं शामिल हुए लेकिन कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद, बिहार प्रभारी सीपी जोशी आदि पहुंचे हुए हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)