केंद्रीय सूचना आयोग स्वास्थ्य मंत्रालय के ख़िलाफ़ जानकारियां छिपाने को लेकर दायर शिकायतों पर सुनवाई कर रहा था, जहां एक आरटीआई आवेदन के जवाब में मंत्रालय के अधिकारी ने कोरोना टीकाकरण से संबंधित सूचनाओं का खुलासा करने से इनकार कर दिया था.
नई दिल्ली: केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने अपने एक आदेश में कहा है कि स्वास्थ्य मंत्रालय जनहित को ध्यान में रखते हुए कोरोना संबंधी सभी जरूरी जानकारियां खुद ही सार्वजनिक करे.
सीआईसी ने कहा कि इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और लोगों को मूलभूत जानकारियों के लिए सूचना का अधिकार (आवेदन) दायर नहीं करना होगा.
मुख्य सूचना आयुक्त वाईके सिन्हा ने मंत्रालय द्वारा कोविड-19 वैक्सीन से संबंधित जानकारियां छिपाने को लेकर दायर शिकायतों पर सुनवाई करते हुए ये निर्देश जारी किया.
नोएडा निवासी अनिकेत गौरव ने इसी साल 15 अप्रैल को एक आरटीआई आवेदन दायर कर ये जानकारी मांगी थी कि क्या मंत्रालय या विभाग के पास इसका आंकड़ा है कि कितने ऐसे लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, जिन्होंने वैक्सीन का पहला या दोनों डोज लगवा लिया था.
इसके साथ ही गौरव ने ये भी पूछा था कि वैक्सीन लगने के बाद भी कोरोना पॉजिटिव आए लोगों में से कितनों को हल्के और कितनों को गंभीर लक्षण थे.
हालांकि मंत्रालय ने इस पर जानकारी देने से इनकार कर दिया और इसके जन सूचना अधिकारी (सीपीआईओ) ने आवेदनकर्ता को कहा कि स्वास्थ्य राज्य का विषय है और इस संबंध में मंत्रालय के कोविड-19 वैक्सीनेशन एडमिनिस्ट्रेशन सेल (सीवीएसी) में कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि इस बारे में जानकारी लेने के लिए ‘आरोग्य सेतु ऐप’ या ‘mygov.in//COVID-19’ या ‘MyGov App’ पर जाएं.
Central Information Commission
Date of Hearing : 17.05.2021
Date of Decision : 17.05.2021 pic.twitter.com/tPU5WUbI7L— TheLegalSquad (@thelegalsquad) May 17, 2021
इस तरह की जानकारी से निराश होकर अनिकेत गौरव ने सीआईसी का रुख किया और कहा कि मंत्रालय ने ‘गलत एवं भ्रामक’ सूचना दी है.
इस संबंध में 14 मई को सौंपे अपने लिखित जवाब में मंत्रालय के अवर सचिव सत्येंद्र सिंह ने कहा कि सीवीएसी को कोविड-19 संबंधी खरीद के लिए बजट आवंटन का कार्य दिया गया है, इसलिए आवेदनकर्ता द्वारा मांगी गई जानकारी उनके पास नहीं थी.
एक अन्य आरटीआई आवेदन में अनिकेत गौरव ने मंत्रालय से पूछा था कि पिछले छह महीने में वैक्सीन उत्पादनकर्ताओं को कितने ऑर्डर दिए गए हैं और उसमें से कितने प्राप्त हुए हैं. इसके अलावा उन्होंने पूछा था कि इन वैक्सीनों को विभिन्न राज्यों में सप्लाई करने की क्या व्यवस्था बनाई गई है.
हालांकि सीपीआईओ ने इस संबंध में भी जानकारी देने से मना कर दिया था. इसे लेकर मंत्रालय ने आयोग में दलील दी कि आरटीआई आवेदन के सवाल स्पष्ट नहीं थे. मंत्रालय ने ये बताया कि पीएम केयर्स फंड करीब 6.6 करोड़ वैक्सीन खरीदी गई है.
मुख्य सूचना आयुक्त सिन्हा ने कहा कि वैक्सीन वितरण, टीकाकरण, वैक्सीन कीमत इत्यादि की जानकारी पहले से वेबसाइट पर अपडेट की जारी है, ताकि आम नागरिकों को जागरूक किया जा सके.
गौरव ने द वायर को बताया कि उन्होंने सीआईसी से इस मामले में जांच करने की गुजारिश की, लेकिन कुछ भी नहीं हुआ.
हालांकि इस मामले का निपटारा करते हुए आयोग ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय ये सुनिश्चित करे कि कोविड-19 से संबंधित सभी जरूरी जानकारी सार्वजनिक हो, ताकि लोगों तक सही जानकारी पहुंचे और पारदर्शिता को बढ़ावा मिले.
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