अयोध्या मस्जिद परियोजना के मानचित्र प्रशासन को सौंपे गए

अयोध्या मस्जिद ट्रस्ट- इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ने धन्नीपुर में प्रस्तावित परियोजना के नक़्शे अयोध्या विकास प्राधिकरण को सौंप दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई इस ज़मीन पर एक मस्जिद, रिसर्च सेंटर और सामुदायिक रसोई बनाने की योजना है.

अयोध्या मस्जिद परिसर की प्रस्तावित योजना का ब्लूप्रिंट. (साभार: स्पेशल अरेंजमेंट)

अयोध्या मस्जिद ट्रस्ट- इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ने धन्नीपुर में प्रस्तावित परियोजना के नक़्शे अयोध्या विकास प्राधिकरण को सौंप दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई इस ज़मीन पर एक मस्जिद, रिसर्च सेंटर और सामुदायिक रसोई बनाने की योजना है.

अयोध्या मस्जिद परिसर की प्रस्ताविय योजना का ब्लूप्रिंट. (साभार: स्पेशल अरेंजमेंट)
अयोध्या मस्जिद परिसर की प्रस्ताविय योजना का ब्लूप्रिंट. (साभार: स्पेशल अरेंजमेंट)

अयोध्या: अयोध्या मस्जिद ट्रस्ट- इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ने अयोध्या के धन्नीपुर में अपनी प्रस्तावित परियोजना के नक्शे की ड्राइंग सोमवार को अयोध्या विकास प्राधिकरण को सौंप दी है.

अयोध्या फैसले के तहत धन्नीपुर में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई 5 एकड़ भूमि पर एक मस्जिद और अन्य सुविधाएं विकसित की जानी हैं.

ट्रस्टी कैप्टन अफजाल अहमद खान ने अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की और अयोध्या मस्जिद ट्रस्ट की प्रस्तावित परियोजना के बारे में चर्चा की, जिसमें 300 बेड का सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, एक सामुदायिक रसोई जो रोजाना लगभग एक हजार लोगों को खिलाएगी, एक अनुसंधान केंद्र जो महान स्वतंत्रता सेनानी शहीद मौलवी अहमदुल्ला शाह के नाम समर्पित है और एक मस्जिद जो एक बार में दो हजार नमाजियों को समायोजित कर सकती है, शामिल है

उन्होंने बताया कि ग्यारह सेटों में नक्शे अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह को सौंपे गए हैं. ट्रस्ट ने मानचित्र की स्वीकृति के लिए प्रोसेसिंग फीस के रूप में 89 हजार रुपये भी जमा करा दिए हैं

ट्रस्टी कैप्टन अफजाल ने बताया कि परियोजना का नक्शा आकार में बड़ा है और सामान्य मानचित्रों से बहुत अलग है इसलिए इसे ऑनलाइन एप्लाई नहीं किया जा सका है, इसलिए अयोध्या विकास प्राधिकरण से मानचित्र को ऑफलाइन स्वीकृत करने का अनुरोध किया गया है.

कैप्टन अफजाल ने आयकर विभाग द्वारा इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन को 80 जी का टैक्स छूट प्रमाण पत्र जारी न करने पर भी गहरी चिंता व्यक्त की है.

उन्होंने बताया इसके कारण ट्रस्ट के लिए दान रुका हुआ है और यह हमारी परियोजना को शुरू करने में बाधा बन रहा है. उन्होंने केंद्र सरकार और वित्त मंत्रालय से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया.

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं.)