घटना से प्रभावित लोगों में अधिकतर लोग अलीगढ़ के तीन थाना क्षेत्रों- लोढ़ा, खैर और जांवा के हैं. अधिकारियों ने बताया कि विभिन्न अस्पतालों में शुक्रवार रात भर्ती किए गए कम से कम 28 मरीज़ों की स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है. पुलिस ने मामले के सरगना समेत कुल पांच लोगों को गिरफ़्तार किया है और तीन अलग-अलग मामलों में 12 लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है.
अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 22 हो गई है. जिला प्रशासन के एक प्रवक्ता ने शनिवार को यह जानकारी दी. ये शराब अनुबंधित दुकानों से खरीदी गई थी.
प्रवक्ता के अनुसार, जिन 22 लोगों का पोस्टमॉर्टम किया गया, उनकी सूची उपलब्ध करा दी गई है. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल और मलखान सिंह जिला अस्पताल में शुक्रवार रात भर्ती किए गए कम से कम 28 मरीजों की स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है.
वहीं अप्रमाणित सूचनाओं के अनुसार मरने वालों की संख्या ‘काफी अधिक’ है, क्योंकि कई गांवों से जानकारियां मिलना अब भी जारी है.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कलानिधि नैथानी ने शनिवार को संवाददाताओं को बताया कि शुक्रवार देर रात तक नकली शराब के रैकेट के सरगना अनिल चौधरी समेत कुल पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने तीन अलग-अलग मामलों में 12 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. रात भर जिले के विभिन्न हिस्सों में कई छापे मारे गए और छापेमारी अब भी चल रही है.
शराब कारोबारी अनिल चौधरी के करीबी माने जाने वाले ऋषि शर्मा और विपिन यादव सहित दो व्यक्तियों की गिरफ्तारी के लिए 50-50 हजार रुपये के इनाम की घोषणा की गई है. पुलिस अनिल चौधरी और ऋषि शर्मा के ‘नेटवर्क’ की भी जांच कर रही है, जिनके कथित तौर पर मजबूत राजनीतिक संबंध हैं.
पुलिस ने शराब के पांच ठेकों को सील कर दिया है और जिले के वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम शराब की दुकानों की जांच कर रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नकली शराब के भंडार से और जानें न जाएं.
घटना की मजिस्ट्रेट से जांच के आदेश पहले ही दे दिए गए हैं और पांच आबकारी अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है.
अलीगढ़ के जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह ने पत्रकारों को बताया था कि प्रशासन दोषियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) लगा सकता है. जिलाधिकारी ने मरने वालों के परिजन को पांच-पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की भी घोषणा की.
अपर मुख्य सचिव (आबकारी) संजय भूसरेड्डी ने शुक्रवार को बताया था कि अलीगढ़ के जिला आबकारी अधिकारी धीरज शर्मा, संबंधित क्षेत्र के आबकारी निरीक्षक राजेश कुमार यादव और चंद्रप्रकाश यादव, प्रधान आबकारी सिपाही अशोक कुमार, आबकारी सिपाही रामराज राना को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की गयी है.
जिलाधिकारी ने मृतकों के परिजनों को पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है.
अलीगढ़ के जिलाधिकारी ने पत्रकारों को बताया कि घटना की समयबद्ध मजिस्ट्रेटी जांच का आदेश दे दिया गया है और यह जांच अपर जिलाधिकारी स्तर के एक अधिकारी द्वारा की जाएगी.
अपर जिलाधिकारी (वित्त) विधान जायसवाल ने बताया कि जिला प्रशासन की जांच में पाया गया है कि शराब से प्रभावित अधिकतर लोग तीन थाना क्षेत्रों लोढ़ा, खैर और जांवा के हैं.
इसके पहले अलीगढ़ परिक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) दीपक कुमार ने शुक्रवार को पत्रकारों को बताया था कि शुक्रवार सुबह लोढ़ा थाना पुलिस को सूचना मिली कि अलीगढ़-टप्पल राजमार्ग पर यहां से करीब 20 किलोमीटर दूर करसिया गांव में एक ठेके से खरीदी गई देसी शराब पीने से दो ट्रक चालकों की मौत हो गई.
उन्होंने बताया कि पुलिस और जिले के वरिष्ठ अधिकारियों के मौके पर पहुंचने तक सूचना मिली कि करसिया और आसपास के कुछ अन्य गांवों के छह अन्य लोगों ने भी शराब पीने के बाद दम तोड़ दिया है. इसके बाद कई गांवों से शराब पीने से लोगों के मरने की खबरें आ रही हैं.
कई गांवों में मातम
इस घटना के चलते अलीगढ़ को टप्पल से जोड़ने वाले स्टेट हाईवे पर स्थित अंडला समेत करसिया गांव और आसपास के कई गांवों में मातम छा गया है.
क्षेत्र के सबसे बड़े गांव अंडला के प्रधान ओम दत्त ने कहा कि मृतकों और अस्पताल में भर्ती लोगों के अलावा बृहस्पतिवार दोपहर से जहरीली शराब पीने के बाद बीमार होने वालों की संख्या ज्यादा है.
उन्होंने आरोप लगाया कि व्यापक रूप से ऐसी खबरें थीं कि मौतें “नकली शराब” से जुड़े एक संगठित गिरोह के कारण हुईं. उन्होंने इस पूरे मामले की जांच की मांग की.
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार ‘लल्लू’ ने अलीगढ़ के लोधा थाना क्षेत्र के करसुआ, निमाना, हैवतपुर और अंडला गांवों में जहरीली शराब से लोगों की मौत पर पर सरकार पर हमला किया.
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार बताए कि उसके कार्यकाल में जहरीली शराब का अवैध कारोबार किसके संरक्षण में चल रहा है और जहरीली शराब पीने से हुई मौतों का कौन जिम्मेदार है? लगातार मौतें हो रही हैं, आखिर किन लोगों के दबाव में शराब के अवैध कारोबारियों पर कार्यवाही नहीं हो रही है?
‘लल्लू’ ने एक बयान में नैतिकता के आधार पर राज्य सरकार के आबकारी मंत्री से त्यागपत्र की मांग की.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार द्वारा जहरीली शराब के कारोबारियों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं करना यह साबित करता है कि कहीं न कहीं जहरीली शराब का कारोबार करने वाले मौत के सौदागरों को सरकार का संरक्षण मिला हुआ है.