गुजरात में क़रीब 24 हज़ार गर्भपात किट और मादक पदार्थ ज़ब्त, आठ आरोपी गिरफ़्तार

खाद्य और औषधि नियंत्रण प्रशासन के आयुक्त ने बताया कि सात आरोपियों के ख़िलाफ़ औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है, जबकि एक व्यक्ति को गुजरात पुलिस ने उसके पास से ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन की तीन लाख शीशियों सहित मादक पदार्थ मिलने के बाद एनडीपीएस अधिनियम के तहत गिरफ़्तार किया.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

खाद्य और औषधि नियंत्रण प्रशासन के आयुक्त ने बताया कि सात आरोपियों के ख़िलाफ़ औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है, जबकि एक व्यक्ति को गुजरात पुलिस ने उसके पास से ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन की तीन लाख शीशियों सहित मादक पदार्थ मिलने के बाद एनडीपीएस अधिनियम के तहत गिरफ़्तार किया.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)
(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

अहमदाबाद: गुजरात में खाद्य और औषधि नियंत्रण प्रशासन (एफडीसीए) ने करीब 1.5 करोड़ रुपये मूल्य के 24,363 गर्भपात किट के अलावा मादक पदार्थ जब्त किया है, जिसे गैर कानूनी तरीके से बेचा जा रहा था. अधिकारियों ने रविवार को बताया कि इस मामले में आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

उन्होंने बताया कि आरोपियों को एफडीसीए ने शुक्रवार और शनिवार को चलाए गए अभियान के तहत अहमदाबाद और सूरत सहित राज्य के विभिन्न स्थानों से पकड़ा है.

एफडीसीए आयुक्त हेमंत कोशिया ने बताया कि सात आरोपियों पर औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है, जबकि एक व्यक्ति को गुजरात पुलिस ने उसके पास से ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन की तीन लाख शीशियों सहित मादक पदार्थ मिलने के बाद एनडीपीएस अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया.

उन्होंने बताया कि चिकित्सकीय गर्भपात अधिनियम के तहत गर्भपात किट स्त्रीरोग विशेषज्ञ की अनुशंसा पर ही बेची जा सकती है.

एफडीसीए ने एक विज्ञप्ति में बताया कि आरोपियों में से एक अहमदाबाद निवासी पिंटू शाह गर्भपात किट, एक अन्य आरोपी व बनासकांठा के दीसा में वितरक विनोद माहेश्वरी और लोकेश माहेश्वरी से गैर कानूनी तरीके से खरीदता था और उन्हें बिना डॉक्टर की पर्ची के ऑनलाइन बेचता था. शाह ने गत डेढ़ साल में करीब 800 ऐसे किट की बिक्री ऑनलाइन की है.

विज्ञप्ति के मुताबिक, दीसा के रहने वाले माहेश्वरी को ये किट फर्जी चिकित्सा पर्ची के आधार पर सूरत के जावेरी सांगला से मिलते थे. सांगला को ये किट आरोपी राजेश यादव से मिलते थे, जो मुंबई की विपणन कंपनी में रीजनल सेल्स मैनेजर है.

एफडीसीए के मुताबिक, एक अन्य आरोपी की पहचान निलय वोरा के तौर पर की गई है, जो मुंबई स्थित कंपनी में विपणन प्रतिनिधि है. उसके अलावा अन्य आरोपियों में विपुल पटेल और मोनीश पंचाल भी शामिल हैं, जिनके पास से ऐसे 700 किट मिले हैं.

बयान में कहा गया कि एक आरोपी तुषार ठक्कर के पास से मादक पदार्थ मिले हैं, जिसे पुलिस को सौंप दिया गया है. उसे एनडीपीएस अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया है.

अधिकारी ने बताया कि ठक्कर के पास से ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन की तीन लाख शीशियां, बिना लेबल वाले अन्य इंजेक्शन के साथ अन्य दवाओं एवं मादक पदार्थ को जब्त किया गया है.

विज्ञप्ति के मुताबिक, ‘ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन को जांच के लिए वडोदरा स्थित एफडीसीए प्रयोगशाला भेजा गया है. ठक्कर के पास से इसके अलावा एल्प्रासेन 0.5 टैबलेट (इसमें अल्प्राजोलम होती है), इडीटैक्स एन-2 टैबलेट (ब्रूप्रेनॉरफीन और नैलोक्सोन) और एसपीएएस-ट्रानकैन टैबलेट (ट्रामाडोल) जब्त की गई है, जिन्हें वह बिना लाइसेंस बेच रहा था.’

विज्ञप्ति के मुताबिक, ठक्कर से जब्त दवाएं राजस्थान से लाई गई थीं और इस कोण से भी जांच की जा रही है. एफडीसीए ने बताया कि ठक्कर को पुलिस के नार्कोटिक प्रकोष्ठ को सौंप दिया गया है, जिसने उसे अपनी हिरासत में ले लिया है.

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