हरियाणा के मुख्यमंत्री ने बुधवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात के बाद बुधवार को इस्तीफा देने की संभावना को खारिज कर दिया और कहा कि उनकी सरकार ने संयम से काम लिया और वह इसके काम से संतुष्ट हैं.
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दोषी ठहराए जाने के बाद पिछले हफ्ते हरियाणा में हुई हिंसा पर शाह को रिपोर्ट देने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में खट्टर ने कहा कि नेतृत्व में कोई बदलाव नहीं होगा.
विपक्ष ने आरोप लगाया था कि उनकी सरकार डेरा मामले को ठीक से संभाल नहीं पाई जिसके कारण बड़े पैमाने पर हिंसा फैली. इसके बाद से अटकलें लग रही थीं कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व उन्हें हटा सकता है. इसी से संबंधित सवालों के जवाब में खट्टर ने यह कहा.
हिंसा में कम से कम 38 लोग मारे गए, ज्यादातर मौत पुलिस की गोलीबारी में हुई. खट्टर ने कहा कि उनकी सरकार ने संयम से काम लिया क्योंकि उनका पहला उद्देश्य हरियाणा के पंचकूला में स्वयंभू बाबा की अदालत में पेशी सुनिश्चित करना था.
सरकार की कार्रवाई को उचित ठहराते हुए खट्टर ने कहा कि 25 अगस्त को डेरा प्रमुख के विशेष सीबीआई अदालत में पेश होने से पहले कुछ हो जाता तो गुरमीत सिंह को अदालत में नहीं आने के लिए एक वजह मिल सकती थी.
उन्होंने कहा, ‘हमने संयम से काम लिया और अपने लक्ष्य को पाया.’ इस्तीफे की मांग के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘कोई भी कुछ भी कह सकता है… हम अपने काम से संतुष्ट हैं, हमने जो कुछ किया, सही किया. कोई बदलाव नहीं होने जा रहा.’
उनके दल द्वारा डेरा प्रमुख से राजनीतिक समर्थन की मांग के बारे में सवाल पर खट्टर ने कहा कि सियासी दल तो सभी से सहयोग की अपेक्षा रखते हैं. लेकिन समर्थन का यह मतलब नहीं कि कोई कानून तोड़े. कानून से ऊपर कोई नहीं है. खट्टर ने कहा कि जैसा कि आरोप लगाया जा रहा है उनके और डेरा प्रमुख के बीच कोई समझौता नहीं था.
खट्टर ने कहा कि राज्य की पुलिस ने न्यूनतम बल इस्तेमाल किया. हिंसा में लिप्त लोगों के साथ कोई ढिलाई नहीं बरती गई. डेरा प्रमुख को दोषी ठहराए जाने के बाद उन्हें खास सुविधाएं दिए जाने की खबरों को भी उन्होंने खारिज कर दिया. खट्टर ने कहा कि गुरमीत सिंह को अस्थायी रूप से अतिथिगृह में रखा गया था क्योंकि जेल में व्यवस्था की जा रही थी.