दक्षिण मुंबई के भिंडी बाज़ार में गुरुवार को 117 साल से ज़्यादा पुरानी इमारत ढह गई थी.
मुंबई: आर्थिक राजधानी मुंबई में इमारत ढहने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 34 हो गई है. गुरुवार रात मलबे से 10 और शव बाहर निकाले गए थे. पुलिस ने इसकी जानकारी दी है.
शहर में हुई लगातार बारिश के दो दिन बाद यहां तंग गलियों वाले भिंडी बाजार में गुरुवार सुबह एक 117 साल पुरानी इमारत ढह गई थी. इस बारिश ने शहर के अधिकतम हिस्से के जनजीवन को पटरी से उतार दिया था.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस दुर्घटना में 15 लोग घायल हैं और उनका इलाज सरकारी जेजे अस्पताल में हो रहा है. मरने वाले लोगों में 20 दिन का एक बच्चा, 24 पुरुष और नौ महिलाएं हैं.
दमकल, एनडीआरएफ और मुंबई नगर निकाय के कर्मचारी युद्ध स्तर पर बचाव अभियान में जुटे हुए हैं. गुरुवार रात से कर्मचारी 10 शव को मलबे से बाहर निकाल चुके हैं.
मुस्लिम बहुल इलाके के पकमोड़िया स्ट्रीट में स्थित इस जर्जर हुसैनी बिल्डिंग में कई परिवार रहते थे और इसमें गोदाम भी था. इस इमारत में एक प्ले स्कूल भी है लेकिन दुर्घटना के वक्त तक बच्चे स्कूल नहीं पहुंचे थे.
दमकल अधिकारियों के मुताबिक इस पांच मंजिला इमारत में नौ परिवार रहते थे. अधिकारियों ने बताया कि 31 अगस्त को गिरी इस इमारत में और अधिक लोगों को बचाने के लिए बचाव कार्य जारी है क्योंकि मलबे में अब भी लोग फंसे हो सकते हैं.
मुंबई में लगातार हुई बारिश के दो दिन बाद यह घटना हुई है. मुंबई में बारिश की वजह से सड़क, रेल और हवाई यातायात प्रभावित हुए थे जिससे जनजीवन पटरी से उतर गया था. बारिश से संबंधित दुर्घटनाओं में 10 लोगों की मौत हो गई. कई का मानना है कि मूसलाधार बारिश से जर्जर पड़ी इस इमारत में और क्षति पहुंची और यह ढह गई.
यहां के कुछ निवासियों का दावा है कि नौ परिवारों के करीब 40 लोग यहां के कमरों में रहते थे. इस इमारत को महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी एमएचएडीए ने असुरक्षित घोषित कर रखा था.
इस पुरानी इमारत का निर्माण दोबारा करने का काम सैफी बुरहानी अपलिफ्टमेंट ट्रस्ट ने लिया था. ट्रस्ट का कहना है कि इस इमारत में 13 किराएदार रहते थे. उनमें से 12 आवासीय और एक व्यापारिक किराएदार थे.
ट्रस्ट ने एक बयान में कहा कि उन किराएदारों में से साल 2013-14 में सात परिवार को यहां से किसी अन्य स्थान पर भेज दिया गया था. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घटनास्थल का गुरुवार को निरीक्षण किया था और प्रत्येक मृतकों के परिजनों को पांच लाख रुपये की मुआवजा राशि देने की घोषणा की थी.
उन्होंने यह भी कहा कि घायलों के इलाज का सारा खर्चा राज्य सरकार उठाएगी. उपनगरीय घाटकोपर में 25 जुलाई को एक आवासीय इमारत गिरने के बाद करीब एक महीने में ही दूसरी बड़ी इमारत गिरी है. घाटकोपर वाली घटना में 17 लोगों की मौत हो गई थी.