भाजपा की उत्तर प्रदेश कार्य समिति के सदस्य और पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने महामारी की पहली लहर से सबक नहीं लिया और इस वजह से दूसरी लहर में बड़ी संख्या में संक्रमितों की मौत हुई. उन्होंने संक्रमण से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की मांग की.
बलिया: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उत्तर प्रदेश कार्य समिति के सदस्य और पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह ने दावा किया है कि कोविड-19 की पहली लहर से सबक न लेने के कारण दूसरी लहर में हर गांव में कम से कम दस लोगों की मौत संक्रमण से हुई.
भाजपा नेता राम इकबाल सिंह ने शनिवार को बलिया जिले के नगरा में संवाददाताओं से कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने महामारी की पहली लहर से सबक नहीं लिया और इस वजह से दूसरी लहर में बड़ी संख्या में संक्रमितों की मौत हुई. उन्होंने दावा किया कि कोई ऐसा गांव नहीं है, जहां कोरोना वायरस संक्रमण से 10 लोगों की जान न गई हो. उन्होंने संक्रमण से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की मांग की.
सिंह ने आरोप लगाया है कि बलिया जिले में स्वास्थ्य विभाग की पूरी व्यवस्था ध्वस्त हो गई है और आजादी के 75 वर्ष बाद 34 लाख आबादी वाले इस जिले के अस्पतालों में न डॉक्टर हैं और न दवाएं. सिंह से कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिछले दिनों बलिया के दौरे के दौरान स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों ने उन्हें गुमराह किया है तथा सच्चाई नहीं दिखाई.
उन्होंने कहा कि किसान आज पूरी तरह से तबाह हो चुके हैं तथा अन्नदाता अब खेती छोड़ने के लिए विवश हो गए हैं. सिंह ने कहा कि गेहूं खरीद पर सरकार ने एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) 1975 रुपये करके पिछले वर्ष की खरीद कीमत से केवल 72 रुपये की बढ़ोतरी की है, जबकि किसानों की लागत दोगुना बढ़ गई है.
दूसरी ओर भाजपा किसान मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और बलिया के सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत पर किसान आंदोलन को भटकाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि टिकैत को आंदोलन को किसान केंद्रित ही रखना चाहिए.
उन्होंने कहा कि टिकैत को किसान आंदोलन को भाजपा विरोधी विपक्ष, पश्चिम बंगाल चुनाव, आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव और अनुच्छेद 370 से नहीं जोड़ना चाहिए था.