यूपी में पिछले एक महीने से कम समय में तीसरा हादसा, अब तक किसी के हताहत होने की ख़बर नहीं है.
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने भले ही रेल मंत्री बदल दिया है लेकिन हादसे रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. गुरुवार को हावड़ा से जबलपुर जा रही शक्तिपुंज एक्सप्रेस के सात डिब्बे ओबरा डैम रेलवे स्टेशन के पास पटरी से उतर गये, हालांकि कोई डिब्बा पलटा नहीं और ट्रेन की रफ्तार कम होने की वजह से इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ.
पिछले एक महीने से भी कम समय में प्रदेश में ट्रेन के पटरी से उतरने की यह तीसरी घटना है. गौरतलब है कि हालिया मंत्रिमंडल विस्तार में सुरेश प्रभु से रेल मंत्रालय का कार्यभार लेकर पीयूष गोयल को सौंप दिया गया था. पीयूष गोयल ने तीन दिन पहले ही रेल मंत्रालय का काम संभाला है.
नई दिल्ली में रेल मंत्रालय के प्रवक्ता अनिल सक्सेना ने कहा कि ट्रेन हावड़ा से आ रही थी. दुर्घटना में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है. ओबरा डैम स्टेशन के मुख्य यार्ड मास्टर एके सिन्हा ने बताया कि जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर स्थित ओबरा डैम और फफराकुंड रेलवे स्टेशनों के बीच शक्तिपुंज एक्सप्रेस के सात डिब्बे सुबह छह बजकर बाइस मिनट पर पटरी से उतर गए.
उन्होंने बताया कि चूंकि ट्रेन छह बजकर बीस मिनट पर ओबरा डैम स्टेशन से निकली थी, इस कारण उसकी रफ्तार बहुत कम थी. इस वजह से हादसे में किसी को चोट नहीं आई है, यदि गति तेज होती तो यह बड़ी दुर्घटना हो सकती थी.
सिन्हा ने बताया कि पटरी से उतरने वाले डिब्बों में तीन वातानुकुलित, तीन सामान्य और एक माल वाहक डिब्बा शामिल है. दुर्घटनाग्रस्त डिब्बों को काटकर ट्रेन से हटा दिया गया है और यात्रियों को शेष बोगियों में बैठाकर उन्हें सिंगरौली की ओर रवाना का दिया गया है. इस बीच, युद्धस्तर पर पटरी की मरम्मत का कार्य चल रहा है.
घटना के वक्त सोनभद्र में मौजूद धनबाद रेल मण्डल के प्रबंधक एनके अखौरी एवं जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गए. अखौरी ने कहा कि घटना की जांच कराकर दोषियों को दंडित किया जाएगा.
इससे पहले पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी आरके सिंह ने बताया कि ट्रेन के डिब्बे पटरी से पूरी तरह नहीं उतरे बल्कि कुछ सरक गये. मौके पर वरिष्ठ अधिकारी पहुंच गये हैं और पहली प्राथमिकता रेलवे की पटरी से उतरे डिब्बों को हटाने की है.
डिब्बों के पटरी से सरकने के कारणों के संबंध में सवाल करने पर उन्होंने कहाकि यह जांच का विषय है. जांच के बाद ही सही कारणों का पता लग सकेगा.
मालूम हो कि पिछले एक महीने से भी कम समय में प्रदेश में यह तीसरी ट्रेन दुर्घटना है. इससे पहले गत 19 अगस्त को मुजफ्फरनगर में उत्कल एक्सप्रेस पटरी से उतर गयी थी, जिसमें 22 लोग मारे गये थे तथा 156 अन्य जख्मी हो गये थे.
इसके अलावा 23 अगस्त को औरैया जिले में कैफियत एक्सप्रेस रेलवे लाइन पर पड़े एक डंपर से टकरा गयी थी जिसके कारण उसके 10 डिब्बे पटरी से उतर गये थे. इस दुर्घटना में 100 लोग घायल हुए थे.