सीआईसी का यह आदेश आरटीआई कार्यकर्ता वेंकटेश नायक की याचिका पर आया है, जिन्होंने ईवीएम और वीवीपैट की फर्मवेयर की जांच से संबंधित सूचना मांगी थी. फर्मवेयर किसी हार्डवेयर उपकरण पर एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम है. इन ईवीएम और वीवीपैट इकाइयों का इस्तेमाल 2019 के लोकसभा चुनाव में किया गया था.
नई दिल्ली: केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने उन ईवीएम और वीवीपैट की कुल संख्या बताने का आदेश दिया है, जिसमें मानकीकरण, जांच और गुणवत्ता प्रमाणन (एसटीक्यूसी) निदेशालय द्वारा उनके फर्मवेयर की जांच और मूल्यांकन के दौरान उनमें खामियां पता चली थीं.
फर्मवेयर किसी हार्डवेयर उपकरण पर एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम है. यह इस बारे में आवश्यक निर्देश प्रदान करता है कि उपकरण अन्य कंप्यूटर हार्डवेयर के साथ किस तरह से संचार करेगा.
सीआईसी का यह आदेश कार्यकर्ता वेंकटेश नायक की याचिका पर आया है, जिन्होंने एसटीक्यूसी निदेशालय का रुख कर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की एम3 और एम2 जनरेशन तथा इलेक्ट्रानिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) द्वारा निर्मित वोटर वैरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) इकाइयों की फर्मवेयर की जांच से संबंधित सूचना मांगी थी. इन ईवीएम और वीवीपैट इकाइयों का इस्तेमाल 2019 के लोकसभा चुनाव में किया गया था.
एसटीक्यूसी निदेशालय, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत आता है.
आवेदनकर्ता को सूचना का अधिकार कानून की धारा 8(1)(डी) का हवाला देते हुए उन्हें सूचना देने से इनकार कर दिया गया था. इस धारा के तहत ऐसी सूचना का खुलासा नहीं करने की छूट प्राप्त है, जो वाणिज्यिक रूप से गोपनीय है.
Order Venkatesh Nayak by The Wire
जांच की गईं मशीनों और उनमें से कितनी मशीनों में खामी आई थी, इस बारे में सवाल पर सूचना आयुक्त वनजा एन. सरना ने कहा कि नायक की याचिका ‘न्यायोचित्त’ है.
इसके साथ ही नायक ने एसटीक्यूसी के उन अधिकारियों की जानकारियां भी मांगी है, जिन्होंने जांच की और साथ ही जांच की तारीख और उन स्थानों की जानकारियां भी मांगी है, जहां ये जांच की गई थी.
नायक ने अपनी आरटीआई अर्जी में कहा था कि इसका मकसद ईवीएम और वीवीपैट में लगे सॉफ्टवेयर या फर्मवेयर का ऑडिट करते हुए प्राधिकारियों द्वारा ऐसे कार्यों और उनकी भूमिका का पता लगाना है.
आयोग ने एसटीक्यूसी को जांच करने वाले अधिकारियों के नाम और पद नहीं बताने की छूट दी, लेकिन उसके द्वारा किए गए ऑडिट की तारीख और स्थान का नाम बताने को कहा है.