भारतीय अर्थव्यवस्था घने अंधेरे से गुज़र रही है: क्रेडिट सुइस

क्रेडिट सुइस इंडिया ने कहा, अर्थव्यवस्था अनिश्चितता के दौर में है, जिससे वृद्धि नीचे आएगी, जीडीपी भी घटेगी.

/
Credit Suisse Reuters
Credit Suisse Reuters

क्रेडिट सुइस इंडिया ने कहा, अर्थव्यवस्था अनिश्चितता के दौर में है, जिससे वृद्धि नीचे आएगी, जीडीपी भी घटेगी.

Credit Suisse Reuters
फोटो: रॉयटर्स

मुंबई: भारतीय अर्थव्यवस्था इस समय घने अंधेरे के दौर से गुजर रही है. क्रेडिट सुइस ने यह बात कही है. क्रेडिट सुइस इंडिया के इक्विटी रणनीतिकार नीलकंठ मिश्रा ने बुधवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि जीएसटी सहित विभिन्न संरचनात्मक सुधारों की वजह से निकट भविष्य में वृद्धि, वित्तीय सेहत, मुद्रास्फीति, मुद्रा और बैंकिंग प्रणाली को लेकर गहन अनिश्चितता की स्थिति पैदा हुई है.

मिश्रा ने कहा कि वृहद आर्थिक मोर्चे पर अनिश्चितता के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था घने कोहरे से होकर गुजर रही है. इससे निवेश प्रभावित होगा जिससे वृद्धि नीचे आएगी, जीडीपी भी घटेगी तथा अगले वित्त वर्ष के लिए आय का अनुमान भी प्रभावित होगा.

उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को एक ऐसा घर बताया जिसका पुनरुद्धार किया जा रहा है. मिश्रा ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में कई संरचनात्मक बदलाव आए हैं, मसलन लाखों की संख्या में श्रमिक कृषि से हटे हैं, जीएसटी लागू किया गया है, रीयल एस्टेट (नियमन एवं विकास) कानून और दिवाला संहिता लागू की गई है. ये सब उस दुष्चक्र को तोड़ रहे हैं जिसमें अर्थव्यवस्था जकड़ी हुई थी.

वित्तीय सेवा क्षेत्र की कंपनी ने निष्कर्ष निकाला कि सरकारी खर्च वृद्धि तेजी से कम हो रही है जबकि आधी आबादी की आय वृद्धि काफी कमजोर है.
उन्होंने कहा, अच्छा मानसून रहने और 2016-17 में कृषि क्षेत्र में गतिविधियां बढ़ने के बावजूद खाद्यान्नों के दाम में नरमी से क्षेत्र के उत्पादन का सकल मूल्य कमजोर रहा है.

रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में कटौती के बारे में पूछे जाने पर मिश्रा ने कहा कि अर्थव्यवस्था अनिश्चितता के दौर में है और ऐसे में अगले तीन-चार माह तक ब्याज दरों में कटौती नहीं होगी. हम ब्याज दरों में अर्थपूर्ण कटौती अगले नौ से 12 माह में ही देखेंगे.