तिहाड़ में क़ैदी की मौतः लापरवाही के लिए नौ अधिकारियों के ख़िलाफ़ होगी कार्रवाई

कई आपराधिक मामलों के आरोपी अंकित गुज्जर चार अगस्त को तिहाड़ जेल में अपनी कोठरी में मृत पाए गए थे, जबकि बगल की कोठरी में बंद उनके दो पूर्व साथी घायल मिले थे. मौत की विभागीय जांच में कुछ जेल कर्मचारियों की ओर से लापरवाही बरते जाने की बात सामने आई थी. वहीं, अंकित के परिवार ने जेल अधिकारियों पर पूर्व नियोजित साज़िश के तहत हत्या करने का आरोप लगाया था.

तिहाड़ जेल, दिल्ली (फोटो: रायटर्स)

कई आपराधिक मामलों के आरोपी अंकित गुज्जर चार अगस्त को तिहाड़ जेल में अपनी कोठरी में मृत पाए गए थे, जबकि बगल की कोठरी में बंद उनके दो पूर्व साथी घायल मिले थे. मौत की विभागीय जांच में कुछ जेल कर्मचारियों की ओर से लापरवाही बरते जाने की बात सामने आई थी. वहीं, अंकित के परिवार ने जेल अधिकारियों पर पूर्व नियोजित साज़िश के तहत हत्या करने का आरोप लगाया था.

तिहाड़ जेल, दिल्ली (फोटो: रायटर्स)

नई दिल्ली: दिल्ली कारागार विभाग ने मंगलवार को कहा कि तिहाड़ जेल के कैदी अंकित गुज्जर की मौत के मामले में लापरवाही के लिए दो उपाधीक्षकों समेत नौ अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी.

विभाग ने कहा कि नौ जेल अधिकारियों में दो सहायक अधीक्षक, तीन हेड वार्डर और दो वार्डर भी शामिल हैं.

गुज्जर की मौत की विभागीय जांच में कुछ जेल कर्मचारियों की ओर से लापरवाही बरते जाने की बात सामने आई थी. जेल के डीआईजी ने यह जांच की थी.

महानिदेशक (कारागार) संदीप गोयल ने कहा, ‘डीआईजी जांच के अनुसार लापरवाही बरतने वाले नौ कर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी. इनमें से चार को पहले ही निलंबित किया जा चुका है.’

अधिकारियों ने बताया कि जेल के डॉक्टरों की लापरवाही की रिपोर्ट दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग को भेजी जाएगी.

गुज्जर चार अगस्त को तिहाड़ जेल में अपनी कोठरी के अंदर मृत पाया गया था, जबकि बगल की कोठरी में बंद उसके दो पूर्व साथी घायल मिले थे.

अधिवक्ता महमूद प्राचा और शारिक निसार के माध्यम से दायर एक याचिका में, परिवार ने आरोप लगाया है कि गुज्जर को जेल अधिकारियों द्वारा परेशान किया जा रहा था क्योंकि वह पैसे की उनकी नियमित रूप से बढ़ती मांगों को पूरा करने में असमर्थ था और पूर्व नियोजित साजिश के तहत उसकी हत्या कर दी गई.

दिल्ली उच्च न्यायालय ने पाया कि गुज्जर को लगीं चोटें स्पष्ट रूप से दर्शाती हैं कि यह हिरासत में हिंसा का मामला था.

प्रारंभिक पुलिस जांच में पाया गया कि गुज्जर द्वारा एक उपाधीक्षक को थप्पड़ मारने के बाद सुरक्षाकर्मियों ने उसके साथ कथित तौर पर मारपीट की. गुज्जर पर कई आपराधिक मामलों में शामिल होने का आरोप था. उसने कथित तौर पर एक भाजपा नेता की हत्या कर दी थी.

तिहाड़ के अधिकारियों ने पहले कहा था कि तीनों कैदी 3 अगस्त की रात तक एक ही कोठरी में बंद थे, जब उनकी कोठरी के बाहर से एक मोबाइल फोन मिलने के बाद जेल कर्मचारियों के साथ उनका झगड़ा हो गया.

उन्होंने कहा था कि जेल स्टाफ ने गुज्जर को दूसरी कोठरी में स्थानांतरित कर दिया, जहां से अगली सुबह उसका शव बरामद किया गया.

घटना के बाद, उपाधीक्षक सहित चार जेल अधिकारियों को कथित लापरवाही के लिए निलंबित कर दिया गया और आठ अन्य को केंद्रीय कारागार संख्या 3 से स्थानांतरित कर दिया गया.

दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने एक 28 वर्षीय व्यक्ति सतेंदर उर्फ सत्ते को गिरफ्तार किया था, जो कथित तौर पर गुज्जर की मौत का बदला लेने के लिए एक वरिष्ठ जेल अधिकारी को नुकसान पहुंचाने की योजना बना रहा था.

सत्ते ने अपने सहयोगी से तिहाड़ जेल के एक उपाधीक्षक को खत्म करने के लिए एके-47 राइफल खरीदने को कहा था, जिसका ऑडियो बाद में वायरल हो गया.