फेसबुक-ट्विटर जैसी सोशल मीडिया कंपनियों की अनुपालन रिपोर्ट से पता चलता है कि फ़िलहाल काफ़ी कम यूज़र नए आईटी नियमों के तहत शिकायतें दायर करा रहे हैं. ज़्यादातर कंपनियों को हर महीने एक हज़ार से कम शिकायतें मिल रही हैं.
नई दिल्ली: बड़ी सोशल मीडिया कंपनियों को जवाबदेह बनाने और यूजर्स की शिकायतों का समाधान करने के लिए मोदी सरकार द्वारा लाए गए नए आईटी नियमों को लागू किए हुए अब काफी वक्त बीत गया है.
अपने इन नियमों, जिसे सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के नाम से जाना जाता है, को सही ठहराते हुए केंद्र ने दलील दी थी, ‘पारदर्शिता की कमी और मजबूत शिकायत समाधान तंत्र की अनुपस्थिति ने यूजर्स को पूरी तरह से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों के मनमौजीपन पर निर्भर कर दिया है.’
उन्होंने यह भी कहा था, ‘अक्सर देखा जाता है कि एक यूजर जिसने सोशल मीडिया प्रोफाइल विकसित करने में अपना समय, ऊर्जा और पैसा खर्च किया है, उसकी प्रोफाइल को प्लेटफार्म द्वारा प्रतिबंधित कर दिया जाता है या हटा दिया जाता है. उसे सुनवाई का मौका भी नहीं दिया जाता और ऐसी स्थिति में उपयोगकर्ता के पास कोई उपाय नहीं बचता है.’
ऐसे में ये जानना जरूरी हो जाता है कि इन नियमों के लागू होने के बाद से कितने यूजर्स को लाभ मिला है, कितने लोगों की शिकायतों का निपटारा किया गया है.
इन नियमों के तहत सोशल मीडिया कंपनियों को शिकायत निवारण अधिकारी नियुक्त करना था और इस तरह के मामलों के निपटारे को लेकर मासिक अनुपालन रिपोर्ट प्रकाशित करना था.
वैसे तो इन प्लेटफॉर्मों पर करोड़ों भारतीय नागरिक हैं, लेकिन शुरुआती आंकड़े दर्शाते हैं कि इसमें से काफी कम लोगों ने नई व्यवस्था के तहत शिकायतें दायर की हैं. ज्यादातर कंपनियों को हर महीने एक हजार से कम शिकायतें मिल रही हैं.
उदाहरण के तौर पर ट्विटर की पहली अनुपालन रिपोर्ट के मुताबिक, उन्हें 26 मई 2021 से 25 जून 2021 के बीच महज 94 शिकायतें प्राप्त हुई थीं. इसी तरह इसकी दूसरी रिपोर्ट के मुताबिक 26 जून से 25 जुलाई 2021 के बीच कंपनी को 187 शिकायतें प्राप्त हुई थीं.
यही हाल फेसबुक और इसके अन्य दो फर्मों- वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम- का भी है, जिन्हें कुल मिलाकर 250 से 1500 तक शिकायतें प्राप्त हुई हैं.
हालांकि इस मामले में गूगल काफी आगे है, जिसे एक जून 2021 से 30 जून 2021 के बीच 36,265 शिकायतें और एक जुलाई 2021 से 31 जुलाई 2021 के बीच 36,934 शिकायतें प्राप्त हुई थीं.
लेकिन यदि हम शिकायतों के प्रकार को देखें तो गूगल को 95 फीसदी से अधिक शिकायतें कॉपीराइट या ट्रेडमार्क से संबंधित मिली थीं. इसलिए इस बात की प्रबल संभावना है कि ऐसी शिकायतें सामान्य यूजर्स नहीं, बल्कि बिजनेसमैन या प्रोफेशनल्स के वकीलों द्वारा दायर किए गए होंगे.
गूगल के उलट फेसबुक जैसी कंपनी को ज्यादा निजी मामलों से जुड़ी शिकायतें प्राप्त होती हैं, जैसा कि केंद्र सरकार ने आईटी नियमों को लागू करते वक्त सामान्य यूजर्स द्वारा शिकायतें करने की संभावना जताई थी.
नीचे दिए गए टेबल में ये स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि फेसबुक को नग्नता या सेक्सुअल कृत्य संबंधी विषयों पर 80 शिकायतें प्राप्त हुए थे. वहीं 146 शिकायतें ‘धमकाने (Bullying) या उत्पीड़न’ से जुड़ी हुई थीं.
इन मामलों के लिए पुराने नियम (जो कि साल 2011 से अमल में था) के तहत भी शिकायत अधिकारी नियुक्त करने का प्रावधान था, जिसे एक महीने के भीतर शिकायतों का निपटारा करना होता था.
हालांकि नए नियमों ने इस प्रक्रिया को और तेज कर दिया है. अब शिकायत अधिकारी को 24 घंटे के भीतर ये स्वीकार करना होता है कि उन्हें यूजर की शिकायत मिली है और 15 दिन के भीतर इसका निपटारा करना होता है.
खास बात ये है कि नए नियमों को लेकर जिस तरह मोदी सरकार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सुर्खियां बटोरी थीं और ये दावा किया था कि इसके लागू होते ही काफी सारे यूजर्स शिकायतें करेंगे और समाधान होगा, फिलहाल ऐसा कुछ होता हुआ अभी दिख नहीं रहा है.
हालांकि अभी ये शुरुआती महीने हैं और हो सकता है कि आने वाले दिनों में कंपनियों को ज्यादा शिकायतें प्राप्त हों.
(इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)