हरियाणा: किसानों ने ख़ून से पत्र लिखकर राष्ट्रपति से मांगी इच्छामृत्यु

हरियाणा के भिवानी ज़िले का मामला. किसानों का कहना है कि ज़िले के विभिन्न गांवों में बिना मुआवज़ा दिए तथा उनकी मर्ज़ी के बग़ैर जबरदस्ती उनके खेतों में टावर लगा दिए गए हैं, जिसके ख़िलाफ़ क़रीब डेढ़ दर्जन गांवों के किसान निमड़ीवाली गांव में पिछले 100 दिन से धरना दे रहे हैं.

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(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

हरियाणा के भिवानी ज़िले का मामला. किसानों का कहना है कि ज़िले के विभिन्न गांवों में बिना मुआवज़ा दिए तथा उनकी मर्ज़ी के बग़ैर जबरदस्ती उनके खेतों में टावर लगा दिए गए हैं, जिसके ख़िलाफ़ क़रीब डेढ़ दर्जन गांवों के किसान निमड़ीवाली गांव में पिछले 100 दिन से धरना दे रहे हैं.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

भिवानी: हरियाणा के भिवानी जिले के कई गांवों में खेतों में बिजली के टावर लगाए जाने के विरोध में निमड़ीवाली गांव में धरना दे रहे किसानों ने खून से पत्र लिखकर राष्ट्रपति से मुआवजा दिलवाने अथवा इच्छा मृत्यु देने की मांग की है.

किसानों का कहना है कि जिले के विभिन्न गांवों में बिना मुआवजा दिए तथा उनकी मर्जी के बगैर जबरदस्ती उनके खेतों में टावर लगा दिए गए हैं, जिसके खिलाफ करीब डेढ़ दर्जन गांवों के किसान निमड़ीवाली गांव में पिछले 100 दिन से धरना दे रहे हैं.

इस मौके पर धरना दे रहे किसानों को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष राकेश आर्य ने कहा कि देश भर की जनता का पेट भरने वाले अन्नदाता आज भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण इच्छामृत्यु मांगने पर मजबूर हो रहे हैं.

उन्होंने कहा कि गांव निमड़ीवाली व आसपास के गांवों में बड़ी-बड़ी बिजली की लाइनें निकाली जा रही है और इन गांवों की सीमा में तारों का जाल बिछ गया है, जिस कारण वे इस जमीन का किसी प्रकार से उपयोग नहीं कर सकते तथा उनकी आर्थिक स्थिति संकट में पड़ गई है.

उन्होंने कहा कि इन टावरों के एवज में मुआवजे की मांग को लेकर वे 100 दिनों से धरने पर बैठे हैं, लेकिन सरकार, कंपनी व प्रशासन उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रहा.

आर्य ने दावा किया कि यहां तक कि विधायक ने उन्हें मांगें पूरी किए जाने का आश्वासन देकर धरने से उठाया था, लेकिन आज तक उनकी मांग पूरी नहीं हुई, इसलिए किसानों ने महामहिम राष्ट्रपति के नाम खून से पत्र लिखकर मांग की है कि या तो उन्हें मुआवजा दिया जाए या फिर इच्छामृत्यु दी जाए.