मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि मामले की सुनवाई भोपाल, इंदौर, जबलपुर एवं ग्वालियर की सात विशेष न्यायालयों में ही होगी.
जबलपुर: व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) प्रकरण से जुड़े मामलों की सुनवाई कर रही 16 विशेष अदालतों में से नौ को ख़त्म कर दिया गया है. अब व्यापमं से जुड़े मामलों की सुनवाई भोपाल, इंदौर, जबलपुर एवं ग्वालियर की सात विशेष न्यायालयों में ही होगी.
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के विशेष कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी विवेक सक्सेना ने शुक्रवार को फोन पर बताया, ‘वर्तमान में व्यापमं घोटाले से जुड़े मामलों की सुनवाई प्रदेश के 13 शहरों के 16 विशेष न्यायालयों में होती थी. मगर मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा 11 सितंबर को जारी अधिसूचना में नौ शहरों की नौ विशेष न्यायालयों को खत्म कर दिया है.’
उन्होंने कहा कि जिन नौ शहरों की विशेष न्यायालयों को ख़त्म कर दिया गया है, उनमें रीवा, दमोह, सागर, बालाघाट, मुरैना, छतरपुर, गुना, भिंड और खंडवा शामिल हैं. इन शहरों में इस मामले की सुनवाई के लिए एक-एक विशेष न्यायालय थे.
सक्सेना ने बताया कि अब व्यापमं से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए भोपाल में पहले की तरह तीन विशेष न्यायालय होंगे, जबकि ग्वालियर में भी पहले की तरह दो न्यायालय और इंदौर एवं जबलपुर में भी पूर्व की तरह एक-एक न्यायालय रहेगा.
उन्होंने कहा कि भोपाल न्यायालय के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अब भोपाल, सीहोर, रायसेन, बैतूल, होशंगाबाद, हरदा, राजगढ़ एवं विदिशा ज़िलों के लोगों से जुड़े व्यापमं के मामले की सुनवाई करेंगे.
सक्सेना ने बताया कि इसी तरह, ग्वालियर न्यायालय के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ग्वालियर, टीकमगढ़, श्योपुर, भिंड, मुरैना, गुना, शिवपुरी, दतिया एवं अशोकनगर ज़िलों के लोगों से जुड़े इस घोटाले के प्रकरणों की सुनवाई करेंगे.
उन्होंने कहा कि जबलपुर न्यायालय के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जबलपुर, डिंडोरी, छतरपुर, नरसिंहपुर, दमोह, सिवनी, सतना, पन्ना, शहडोल, कटनी, अनूपपुर, मंडला, सागर, छिंदवाड़ा, रीवा, सीधी, बालाघाट, उमरिया एवं सिंगरौली जिलों के लोगों से जुड़े व्यापमं घोटाले के मामलों की सुनवाई करेंगे.
सक्सेना ने बताया कि ठीक इसी तरह से इंदौर न्यायालय के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश इंदौर, धार, रतलाम, झाबुआ, मंदसौर, मंडलेश्वर (पश्चिमी निमाड़), उज्जैन, देवास, शाजापुर, खंडवा (पूर्वी निमाड़), नीमच, बड़वानी, अलीराजपुर एवं बुरहानपुर ज़िलों के लोगों से जुड़े इस घोटाले के मामलों की सुनवाई करेंगे.
व्यापमं द्वारा इंजीनियरिंग एवं मेडिकल कॉलेजों में दाख़िले के लिए ली गई प्रवेश परीक्षाओं एवं विभिन्न सरकारी नौकरियों की भर्ती के ली गई परीक्षाओं में व्यापक पैमाने पर कथित तौर पर अनियमितताएं, भ्रष्टाचार एवं घोटाला हुआ था. वर्तमान में इनकी जांच सीबीआई एवं मध्य प्रदेश की विशेष कार्य बल एसटीएफ द्वारा की जा रही है.
व्यापमं घोटाले में मध्य प्रदेश के एक मंत्री सहित विभिन्न दलों के कुछेक नेताओं, अधिकारी-कर्मचारी, दलाल एवं स्कोरर सहित कई लोगों को जेल भी जाना पड़ा था.
सीबीआई ने इस घोटाले से जुड़े 310 फरार आरोपियों में से 17 को गिरफ्तार कर चुकी है.
सीबीआई सूत्रों के अनुसार सीबीआई ने व्यापमं घोटाले के मामले में 170 एफआईआर दर्ज किए हैं और 110 आरोपियों की तलाश कर रही है.