​तमिलनाडु विधानसभा अध्यक्ष ने अन्नाद्रमुक के 18 बाग़ी विधायकों को अयोग्य घोषित किया

पार्टी से हटाए जा चुके टीटी दिनाकरन के प्रति निष्ठा रखने वाले विधायकों पर दल-बदल संबंधी नियम के तहत हुई कार्रवाई.

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जयललिता. (फोटो: पीटीआई)

पार्टी से हटाए जा चुके टीटी दिनाकरन के प्रति निष्ठा रखने वाले विधायकों पर दल-बदल संबंधी नियम के तहत हुई कार्रवाई.

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(फोटो: पीटीआई)

चेन्नई: तमिलनाडु विधानसभा के अध्यक्ष पी धनपाल ने पार्टी से हटाए गए उप महासचिव टीटीवी दिनाकरण के प्रति निष्ठा रखने वाले अन्नाद्रमुक के 18 विधायकों को सोमवार को दल-बदल संबंधी नियम के तहत अयोग्य घोषित कर दिया.

विधानसभा सचिव के भूपति ने एक बयान में कहा कि मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी के खिलाफ पिछले माह विद्रोह करने वाले 18 विधायकों के खिलाफ संविधान की दसवीं अनुसूची के अनुरूप बनाए गए दल-बदल विरोधी एवं अयोग्यता कानून 1986 के तहत यह कदम उठाया गया है.

सोमवार को अयोग्य घोषित किए गए विधायकों के नाम थंगा तमिल सेलवन, आर मुरुगन, मारियुप कन्नेडी, के काथीरकमू, सी जयंती पद्मनाभन, पी पलनिअप्पन, वी सेंथिल बालाजी, सी मुथैया, पी वेत्रिवेल, एन जी पार्थीबन, एम कोठांदपानी, टीए एलुमलै, एम रंगासामी, आर थंगादुराई, आर बालासुब्रमणी, एसजी सुब्रमण्यम, आर सुंदरराज और के उमा महेरी हैं.

उन्होंने कहा कि विधायकों ने अन्य लोगों के साथ 22 अगस्त को तमिलनाडु के राज्यपाल सी विद्यासागर से मुलाकात कर कहा था कि वह पलानीस्वामी में विश्वास खो चुके हैं, जिन्हें दिनाकरण ने चुनौती दी है.

असंतुष्ट विधायकों में से एक एसकेटी जकियां ने बाद में पलानीस्वामी का समर्थन करने के लिए खेमा बदल लिया था. विधायक तभी से ही मुख्यमंत्री को हटाने की मांग कर रहे थे.

पलानीस्वामी और तत्कालीन विद्रोही नेता तथा मौजूदा उप मुख्यमंत्री पनीरसेल्वम के नेतृत्व वाले गुटों के औपचारिक विलय के एक दिन बाद 22 अगस्त को यह बैठक हुई थी.

सरकार के मुख्य सचेतक एस राजेंद्रन ने विधानसभा अध्यक्ष से पार्टी विरोधी गतिविधियों और मुख्यमंत्री के खिलाफ विद्रोह करने के लिए विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की थी.