घटना 13 अक्टूबर को मध्य प्रदेश के बड़वानी ज़िले के सेंधवा शहर में हुई थी. कथित तौर पर एक गरबा स्थल पर 10 साल के एक मुस्लिम बच्चे की मौजूदगी को लेकर हुई झड़प सांप्रदायिक तनाव में बदल गई थी. इस संबंध में पुलिस ने तीन एफ़आईआर दर्ज की है, जिसमें दोनों पक्षों के 26 लोग नामज़द हैं. सोमवार तक इनमें से 22 लोगों को गिरफ़्तार कर लिया गया है.
भोपालः मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले में कथित तौर पर गरबा स्थल पर 10 साल के एक मुस्लिम बच्चे की मौजूदगी को लेकर हुई झड़प के बाद एकदिनी कर्फ्यू लगाया गया और लगभग दो दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया गया.
यह घटना 13 अक्टूबर को बड़वानी जिले के सेंधवा शहर में हुई थी.
सेंधवा महाराष्ट्र सीमा पर स्थित है और इसका सांप्रदायिक घटनाओं का इतिहास रहा है.
बड़वानी पुलिस के मुताबिक, ‘यह विवाद उस समय शुरू हुआ, जब मोती बाग के एक गरबा स्थल पर एक मुस्लिम बच्चे को देखा गया, जिसका एक हिंदू किशोर ने विरोध किया, उसका उस मुस्लिम बच्चे के परिवार से पहले भी विवाद हुआ था. दोनों पक्षों के बीच बहस उस समय झड़प में तब्दील हो गई, जब बड़े भी इसमें शामिल हो गए और उन्होंने पथराव शुरू कर दिया.’
After Indore, another brawl over Muslims entry in #Garbha in MP.
Curfew imposed in Sendhwa city of Barwani after a quarrel b/n kids of two communities over Mohalla #Garbha_Event took an ugly turn on W'day.
Incidents of stone pelting was also reported. 1/N @newsclick @vinodkapri pic.twitter.com/weDjwBcnop
— काश/if Kakvi (@KashifKakvi) October 15, 2021
बड़वानी जिले के पुलिस अधीक्षक दीपक शुक्ला ने कहा, ‘लड़कों के बीच एक छोटी सी लड़ाई सांप्रदायिक घटना में तब्दील हो गई और जल्द ही दोनों संप्रदाय एक-दूसरे के सामने आ गए और एक-दूसरे पर पथराव किया, जिसमें महिलाओं और बच्चे सहित लगभग दर्जनभर लोग घायल हो गए.’
अधिकारियों का कहना है कि पथराव के बाद दोनों समुदायों के बीच ‘विश्वास की कमी’ और वॉट्सऐप अफवाहों ने दोनों समुदायों को एक-दूसरे के खिलाफ कर दिया.
त्योहारी सीजन की वजह से घटना की गंभीरता को भांपकर और अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए जिला प्रशासन ने 13 अक्टूबर की रात से आपराधिक प्रक्रिया की संहिता की धारा 144 लगा दी और अगले एक दिन का कर्फ्यू लगा दिया.
पुलिस का कहना है कि पथराव की खबर जैसे ही सेंधवा की सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) तपस्या परिहार को मिली वह सेंधवा पुलिस थाने के प्रभारी बलदेव मुजालदा के साथ मौके पर पहुंचीं.
After Indore, another brawl over Muslims entry in #Garbha in MP.
Curfew imposed in Sendhwa city of Barwani after a quarrel b/n kids of two communities over Mohalla #Garbha_Event took an ugly turn on W'day.
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हालांकि पुलिस का कहना है कि स्थानीय लोगों ने पुलिसकर्मियों पर हमला किया और पथराव में चार लोग घायल हो गए.
इस बीच हिंदू समुदाय के 500 से अधिक लोगों की भीड़ ने सेंधवा पुलिस थाने पर धरना दिया और एफआईआर दर्ज कर मुस्लिमों की गिरफ्तारी की मांग की.
आरोप है कि भीड़ ने 10 साल के बच्चे, उसकी मां और उनके दो संबंधियों के साथ दुर्व्यवहार किया. दोनों समुदायों के बीच पथराव के दौरान बच्चे के सिर में चोट लगने के बाद पीड़ित परिवार शिकायत दर्ज कराने पुलिस स्टेशन गया था.
इस दौरान पुलिस को बच्चे और उसके परिवार को बचाने के लिए हल्के बल का प्रयोग करना पड़ा.
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, ‘भीड़ ने सिर्फ बच्चे और उसके परिवार के साथ ही दुर्व्यहार नहीं किया बल्कि शहर के प्रमुख मुस्लिम मौलवी सैयद अफजल और कांग्रेस नेता मोहम्मद समर के साथ भी बुरी तरीके से पेश आई. ये लोग स्थिति नियंत्रित करने के लिए एसपी दीपक शुक्ला द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल होने के लिए पुलिस स्टेशन गए थे.’
सैयद अफजल ने द वायर को बताया, ‘अगर पुलिसकर्मियों ने हमें बचाया नहीं होता तो भीड़ ने हमारी पीट-पीटकर हत्या कर दी होती.’
पुलिस द्वारा कार्रवाई का आश्वासन देने के बाद भीड़ तितर-बितर हो गई, लेकिन भीड़ के तितर-बितर होने के बाद कुछ शरारती तत्वों ने मुस्लिमों की दुकानों को निशाना बनाया और उनके नमाज स्थल पर हमला किया, जिसे पुलिस ने नाकाम किया.
अधिकारी ने कहा, ‘गुस्साई भीड़ ने सदर बाजार इलाके में कार और मोटरसाइकिल नष्ट की, जिस वजह से पुलिसकर्मियों को लाठीचार्ज करना पड़ा.’
भाजपा नेता और सेंधवा नगर निगम के उपाध्यक्ष छोटू चौधरी ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दो बच्चों के बीच की लड़ाई ने सांप्रदायिक मोड़ ले लिया और कोविड-19 की वजह से लगाए गए लॉकडाउन के एक साल बाद त्योहार की खुशियों को छीन लिया.’
चौधरी ने बताया कि वह शांति बहाली के लिए प्रशासन के साथ सहयोग कर रहे हैं.
सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए जिला प्रशासन ने दोनों समुदायों के बीच अलग-अलग बैठकें की ताकि इस स्थिति को और बिगड़ने से रोका जा सके. इसके बाद पुलिस ने दोनों समुदाय के 30 से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया और देर रात 15 लोगों को गिरफ्तार किया.
इस मामले में पहली एफआईआर पुलिस काफिले पर पथराव करने के लिए तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और आईपीसी की धारा 143, 148, 149, 353, 307 और 327 के तहत मामला दर्ज किया गया. इस मामले में एक गिरफ्तारी की गई है.
20 मुस्लिमों और छह हिंदुओं के खिलाफ मामला दर्ज
हिंदू और मुस्लिम समुदायों के खिलाफ दो अन्य एफआईआर दर्ज की गई और समान धाराओं में मामला दर्ज किया गया. एफआईआर में 26 लोग नामजद हैं. इनमें से 20 मुस्लिम और छह हिंदू हैं.
सोमवार देर रात पुलिस ने सभी तीन मामलों में 22 लोगों को गिरफ्तार किया है.
अगले दिन पुलिस ने संयुक्त बैठक कर दोनों समुदायों के सदस्यों से शांति बनाए रखने का आग्रह किया.
सेंधवा के एसडीएम परिहार ने कहा, ‘बैठक में सहमति बनी कि रावण पुतला दहन में 200 से अधिक लोग हिस्सा नहीं लेंगे.दुर्गा विसर्जन और ईद-उल-नबी जुलूस रद्द किए जाएंगे, सिर्फ इन-हाउस कार्यक्रमों को मंजूरी दी जाएगी.’
एसडीएम ने कहा, ‘हमने मुस्लिम समुदाय के सदस्यों से उनके मोहल्लों में ईद मिलाद-उन-नबी मनाने का आग्रह किया, क्योंकि तनाव को देखते हुए जुलूस की अनुमति नहीं दी गई है.’
सेंधवा पुलिस थाने के प्रभारी बलदेव मुजाल्दा ने कहा, ‘ईद मिलाद-उन-नबी से पहले मंगलवार को सुरक्षा व्यवस्था मुस्तैद की गई. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए इंदौर और जिला मुख्यालयों से पुलिसबलों की दो कंपनियों को बुलाया गया है और धारा 144 लगाई गई है.’
एसडीएम ने कहा, ‘सामान्य स्थिति लौटने तक धारा 144 लागू रहेगी.’
बता दें कि यह कोई पहली सांप्रदायिक घटना नहीं है, जहां किसी मुस्लिम के गरबा स्थल पर होने से ऐसा हुआ है. सेंधवा की घटना से पहले 10 अक्टूबर को इंदौर में चार मुस्लिम युवाओं को कॉलेज के गरबा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जेल भेजा गया था.
(इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)