उत्तर प्रदेश के फ़र्रूख़ाबाद ज़िले का मामला. ज़िले के संकिसा स्थित धार्मिक स्थल के संबंध में बौद्ध अनुयायियों का दावा है कि यह बौद्ध स्तूप है और यहीं भगवान बुद्ध का स्वर्गावतरण हुआ था. वहीं, सनातनधर्मियों का दावा है कि धार्मिक स्थल पर मां बिसारी देवी का प्राचीन मंदिर है. यहां भगवान हनुमान की प्रतिमा स्थापित है. लिहाज़ा यह सनातनधर्मियों की जगह है.
फर्रुखाबादः उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में बुधवार को संकिसा बौद्ध तीर्थ क्षेत्र स्थित विवादित स्थल पर बौद्ध धर्मावलंबियों की भीड़ में शामिल कुछ अराजक तत्वों द्वारा भगवा झंडा उतारकर पंचशील ध्वज फहराए जाने को लेकर दोनों पक्षों के बीच पथराव होने से क्षेत्र में स्थिति तनावपूर्ण हो गई है.
यह घटना संकिसा में दो दिवसीय बौद्ध महोत्सव के दौरान हुई.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि दोपहर धम्म यात्रा के दौरान बौद्ध अनुयायियों में शामिल कुछ अराजक तत्व संकिसा बौद्ध तीर्थ क्षेत्र में विवादित टीले पर स्थित बिसारी देवी मंदिर पर चढ़े और वहां लगा भगवा झंडा नीचे फेंककर उस पर पंचशील ध्वज लगा दिया.
उन्होंने बताया कि घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे सनातन धर्मियों और बौद्ध धर्मियों के बीच पथराव हुआ, जिसमें कई लोग घायल हो गए, जिसके बाद सनातन धर्मियों ने मुख्य मार्ग जाम कर दिया.
सूत्रों ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह और पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा पुलिसबल के साथ मौके पर पहुंचे और आक्रोशित सनातन धर्मियों को शांत करवाकर सड़क खुलवाया.
उन्होंने बताया कि स्थिति अब नियंत्रण में है.
जिलाधिकारी के निर्देश पर उपजिलाधकारी (सदर) अनिल कुमार ने लिखित आश्वासन दिया कि बिसारी देवी मंदिर में हुई तोड़फोड़ को सही कराकर उसे पुरानी स्थिति में लौटाया जाएगा.
संकिसा स्थित धार्मिक स्थल के संबंध में बौद्ध अनुयायियों का दावा है कि यह बौद्ध स्तूप है और यहीं भगवान बुद्ध का स्वर्गावतरण हुआ था.
वहीं, सनातनधर्मियों का दावा है कि धार्मिक स्थल पर मां बिसारी देवी का प्राचीन मंदिर है. यहां भगवान हनुमान की प्रतिमा स्थापित है. लिहाजा यह सनातनधर्मियों की जगह है.
इस धार्मिक स्थल पर दावे को लेकर करीब 40 साल से बौद्ध और सनातन धर्मावलम्बियों के बीच अदालत में मुकदमा चल रहा है.