कश्मीरः पाकिस्तान की जीत के कथित जश्न के लिए छात्र व कॉलेज प्रबंधन पर यूएपीए के तहत केस दर्ज

भारत और पाकिस्तान की पुरुष क्रिकेट टीम के बीच रविवार को हुए टी-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप के मैच में पाकिस्तान की जीत का कथित तौर पर जश्न मनाने और पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाज़ी करने के लिए श्रीनगर के गवर्मेंट मेडिकल कॉलेज और शेर-ए-कश्मीर इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के हॉस्टल वॉर्डन, कॉलेज प्रबंधन और छात्रों के ख़िलाफ़ दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई हैं.

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भारत, पाकिस्तान क्रिकेट टीम का मैच देखते लोग (फोटोः पीटीआई)

भारत और पाकिस्तान की पुरुष क्रिकेट टीम के बीच रविवार को हुए टी-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप के मैच में पाकिस्तान की जीत का कथित तौर पर जश्न मनाने और पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाज़ी करने के लिए श्रीनगर के गवर्मेंट मेडिकल कॉलेज और शेर-ए-कश्मीर इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के हॉस्टल वॉर्डन, कॉलेज प्रबंधन और छात्रों के ख़िलाफ़ दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई हैं.

भारत, पाकिस्तान क्रिकेट टीम का मैच देखते लोग. (फोटोः पीटीआई)

श्रीनगरः भारत और पाकिस्तान की पुरुष क्रिकेट टीम के बीच रविवार को हुए टी-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप के मैच में पाकिस्तान की जीत का कथित तौर पर जश्न मनाने और पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी करने के लिए श्रीनगर के गवर्मेंट मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) और शेर-ए-कश्मीर इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसकेआईएमएस) के हॉस्टल वॉर्डन, कॉलेज प्रबंधन और छात्रों के खिलाफ सोमवार को दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई.

इसके बाद से ही इन दोनों संस्थानों के छात्र डर के साए में जी रहे हैं.

सूत्रों ने द वायर  को बताया कि सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई है लेकिन पुलिस मामले की जांच कर रही है कि क्या ये वीडियो असली हैं या फर्जी.

रविवार को पाकिस्तान की क्रिकेट टीम द्वारा मैच जीतने के तुरंत बाद श्रीनगर के जीएमसी और एसकेआईएमएस के कथित छात्रों के जश्न मनाते कई वीडियो सामने आए. ये वीडियो ट्विटर पर वायरल हुए, जिसके बाद भारतीय क्रिकेट टीम के कई समर्थकों ने छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है, जब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जम्मू एवं कश्मीर के तीन दिवसीय दौरे पर हैं. 2019 में जम्मू एवं कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद यह अमित शाह का पहला कश्मीर दौरा है.

एसकेआईएमएस के अंतिम वर्ष के छात्र बशारत (परिवर्तित नाम) ने पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर द वायर  को बताया कि क्रिकेट मैच के दौरान अच्छा खेलने वाले हर खिलाड़ी के लिए वे ताली बजा रहे थे.

उन्होंने कहा, ‘जब विराट कोहली छक्के और चौके लगा रहे थे तो हम उस समय भी तालियां बजा रहे थे. यह दुखद है कि इसका मुद्दा बनाया जा रहा है.’ बशारत ने कहा कि वे और उनके दोस्त परीक्षाएं खत्म होने के बाद आराम करना चाहते थे लेकिन इसके बजाय उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोल किया गया.

उन्होंने कहा, ‘इससे हम प्रभावित हुए और हममें से कुछ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट भी डिलीट कर दिए थे.’

एसकेआईएमएस से ग्रैजुएट एक अन्य छात्र ने द वायर  को बताया कि पुलिस अधिकारियों के कैंपस में आने के बाद छात्र आशंकित हो गए थे. उन्होंने कहा, ‘यह मैच मनोरंजन का स्रोत होना चाहिए था. इसका राजनीतिकरण करने की कोई जरूरत नहीं थी.’

जम्मू कश्मीर छात्रसंघ के राष्ट्रीय प्रवक्ता नासिर खुहमी ने द वायर  को बताया कि छात्रों के खिलाफ कार्रवाई बहुत सख्त है. छात्रों के खिलाफ लगाया गया यूएपीए कठोर हैं और इससे उनके (छात्रों) करिअर बर्बाद हो सकते हैं.

खुहमी के मुताबिक, कुछ छात्र माफीनामा लिखने को तैयार हैं. वे चिंतित है कि कॉलेज प्रशासन उन्हें बर्खास्त कर सकता है. इसके साथ ही छात्रों को पुलिस कार्रवाई का भी डर है.

उन्होंने कहा कि उन्होंने इस मामले को लेकर और यूएपीए आरोपों को वापस लेने के लिए राज्यपाल मनोज सिन्हा से अपील की.

सोशल मीडिया पर वायरल हुए जीएमसी श्रीनगर के वीडियो में कथित तौर पर छात्राओं को पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाते और इस्लाम जिंदाबाद के नारे लगाते देखा जा सकता है.

एक छात्रा ने बताया, ‘मेरे दोस्त पूरी रात नहीं सोए. वे इससे चिंतित थे कि आगे क्या हो सकता है.’

मामले में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की धारा 13 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.

श्रीनगर से एक जाने-माने क्रिमिनल लॉयर मीर उर्फी ने द वायर  को बताया कि किसी टीम के लिए जश्न मनाने के लिए छात्रों पर यूएपीए लगाना न्यायोचित नहीं है. एक इंसान होने के नाते आप दुनिया में किसी की भी जीत का जश्न मना सकते हैं. इसमें कुछ गलत नहीं है.

उन्होंने कहा कि यूएपीए का इस्तेमाल कश्मीरियों के खिलाफ उनकी भावनाओं को दबाने के लिए किया जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘आप किसी भी देश की जीत का जश्न मना सकते हैं, फिर चाहे आप उस देश के नागरिक हो या नहीं.’

एक अन्य वकील हबील इकबाल ने कहा कि पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने के लिए छात्रों के खिलाफ यूएपीए लगाना कानून का उल्लंघन है. उन्होंने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने 1995 में कहा था कि खालिस्तान जिंदाबाद की तरह नारे लगाना अपराध नहीं है. इन छात्रों के खिलाफ मामला नहीं बनता. इसे अदालत द्वारा खारिज कर दिया जाएगा लेकिन इन छात्रों के करिअर और उनकी स्वतंत्रता इससे बाधित होगी. राज्य के पास कई बड़ी और बेहतर चीजें भी हैं जिन पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है.’

छात्रों के खिलाफ की हालिया कार्रवाई ने सोशल मीडिया पर नई बहस शुरू की है. कई ने छात्रों क खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की.

बता दें कि कश्मीर के कई इलाकों में पाकिस्तानी टीम के लिए जश्न मनाने की खबरें सामने आईं, जिसमें पटाखे फोड़ना भी शामिल है.

जम्मू एवं कश्मीर पुलिस ने सांबा जिले से कथित तौर पर छह लोगों को गिरफ्तार किया गया था.  दरअसल एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें भारत के खिलाफ पाकिस्तानी क्रिकेट टीम की जीत को लेकर दो दर्जन से अधिक लोग जश्न मनाते और नारेबाजी करते नजर आए.

एक ट्वीट का संदर्भ देते हुए जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की कश्मीरी युवाओं के साथ ‘मन की बात’ मेडिकल छात्रों के पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाने के लिए उनके खिलाफ यूएपीए लगाने के साथ हुई है. यह जानने की बजाय की शिक्षित युवा पाकिस्तान से खुद को क्यों जोड़ता है, भारत सरकार प्रतिशोध की कार्रवाई कर रही है. ऐसा करने से वो और दूर हो जाएंगे.’

बता दें कि पूर्व में भी भारत, पाकिस्तान क्रिकेट मैच के दौरान कश्मीरी छात्रों को निशाना बनाया गया. रविवार को भी पाकिस्तान की जीत के बाद पंजाब में कश्मीरी छात्रों के खिलाफ कथित हिंसा की सूचना मिली थी.

पंजाब के संगरूर में भाई गुरदास इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में कश्मीरी छात्रों ने आरोप लगाया कि मैच के बाद उनके साथ मारपीट की गई और उनके हॉस्टल के कमरों में तोड़फोड़ की गई.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)