मेरठ के कैंट बोर्ड की वार्ड छह की सदस्य मंजू गोयल को 20 मार्च को कोविड-19 रोधी टीके की पहली खुराक दी गई थी. इसके बाद वे कोरोना संक्रमित हुईं और उनका निधन हो गया. उनके बेटे ने बताया कि शुक्रवार दोपहर उनके मोबाइल पर टीके की दूसरी खुराक लगने का मैसेज आया और पोर्टल पर प्रमाणपत्र भी जारी किया गया.
मेरठः उत्तर प्रदेश के मेरठ में टीकाकरण को लेकर लापरवाही के मामले सामने आ रहे हैं. जिले में एक बुजुर्ग को पांच बार टीका लगाने के मामले की जांच के बीच लगभग छह महीने पहले कोरोना से जान गंवा चुकी एक पार्षद को टीके की दूसरी खुराक लगाने का प्रमाणपत्र जारी किया गया है.
कैंट बोर्ड की वार्ड छह की सदस्य और पूर्व उपाध्यक्ष दिनेश गोयल की पत्नी मंजू गोयल का कोविड-19 के चलते 25 अप्रैल को निधन हो गया था.
मंजू गोयल ने 20 मार्च को कोविड-19 रोधी टीके की पहली खुराक ली थी. इसके बाद वह कोरोना से संक्रमित हो गईं, जिससे उनकी मौत हो गई.
उनके बेटे गौरव गोयल ने बताया, ‘उनकी मौत के लगभग छह महीने बाद शुक्रवार को लगभग 12 बजे उनके मोबाइल पर टीके की दूसरी खुराक लगने का संदेश आया. यही नहीं पोर्टल पर प्रमाणपत्र भी जारी किया गया. हमने मामले की शिकायत जिला स्वाथ्य महकमे के अधिकारियों से की है.’
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अखिलेश मोहन ने घटना की पुष्टि करते हुए जांच कराने की बात कही है.
उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट मिलने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. उन्होंने कहा कि दो पहचान पत्र से टीके की खुराक लेने वालों के साथ ऐसी गलतियां ज्यादा हुई हैं.
मेरठ में कोविड-19 रोधी टीकाकरण को लेकर लापरवाही का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं.
सितंबर महीने में मेरठ के सरधना के धर्मपुरी निवासी रामपाल (73) को पांच बार टीका लगाने का सिर्फ संदेश ही नहीं बल्कि प्रमाणपत्र भी जारी हुआ है. यही नहीं उन्हें छठी बार टीका लगाने के लिए समय भी बताया गया था.