11 नवंबर को ग़ाज़ियाबाद के लोनी बॉर्डर पर हुए ‘एनकाउंटर’ में सात मुस्लिम व्यक्तियों को अवैध गो-तस्करी के आरोप में गिरफ़्तार करने से पहले गोली चलाई गई थी, जो सभी के पांव पर तक़रीबन एक ही जगह लगी थी. मामले में लोनी थाने के एसएचओ को निलंबित कर दिया गया है और जांच के आदेश दिए गए हैं.
नई दिल्ली: कई कट्टर हिंदुत्व समूहों के नेताओं के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कुछ वरिष्ठ सदस्यों ने गाजियाबाद के लोनी थाने के थाना प्रभारी (एसएचओ) राजेंद्र त्यागी के निलंबन पर आपत्ति जताई है. गाजियाबाद पुलिस त्यागी द्वारा 11 नवंबर को किए गए सात मुस्लिम व्यक्तियों के ‘एनकाउंटर’ के मामले में उनकी जांच कर रही है.
इस घटना में जिन सात लोगों पर अवैध मवेशी व्यापार में शामिल होने का आरोप लगा है, उनमें से हर एक को घुटने से कुछ इंच नीचे गोली मारने के बाद गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था.
लोनी सर्कल ऑफिसर (सीओ) रजनीश कुमार उपाध्याय द्वारा 21 नवंबर को सौंपी गई एक रिपोर्ट के अनुसार, लोनी पुलिस द्वारा गोली मारे गए सात लोगों में से एक 16 साल का है. हालांकि, त्यागी की निगरानी में दर्ज की गई एफआईआर में कहा गया है कि वह 18 साल का है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पूर्व एसएचओ और उनकी टीम ने लापरवाही की थी कि उन्होंने लड़के की उम्र की पुष्टि नहीं की.
12 नवंबर को जब त्यागी को उनके तबादले की जानकारी हुई, तब उन्होंने न केवल पुलिस जनरल डायरी में इस ‘एनकाउंटर’ को उनके ट्रांसफर की वजह बताते हुए एक नोट लिखा और इसमें कहा कि इससे उनका मनोबल गिरा है, बल्कि उस पेज को सार्वजनिक भी कर दिया, जिसके बाद वह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, इसके फलस्वरूप गाजियाबाद पुलिस ने ‘एनकाउंटर’ की जांच शुरू की और त्यागी को ‘आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन करने’ के लिए निलंबित कर दिया.
लेकिन गाजियाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) पवन कुमार द्वारा इस ‘मुठभेड़’ की जांच और त्यागी को निलंबित करने की कार्रवाई ने दक्षिणपंथी समूहों और राजनीतिक दलों के सदस्यों को नाराज़ कर दिया है.
दक्षिणपंथी समूहों की प्रतिक्रिया
जहां कई लोगों ने यह उम्मीद करते हुए कि पुलिस की संभावित बर्बरता के मामले में न्याय मिलेगा, ‘मुठभेड़’ की जांच का स्वागत किया, वहीं यह घोषणा कुछ भाजपा नेताओं और कई दक्षिणपंथी समूहों के सदस्यों को नहीं सुहायी.
एक वीडियो में लोनी से भाजपा विधायक सदस्य नंद किशोर गुर्जर ने कहा, ‘लोनी बॉर्डर पर एसएचओ को पुरस्कृत करने के बजाय एसएसपी ने तबादले के जरिये उन्हें सजा दी है और अपमानित किया है. इससे अपराधियों और गो-तस्करों को प्रोत्साहन मिला है.’
गुर्जर ने शीर्ष पुलिस अधिकारियों पर जिले में ‘अवैध’ मवेशियों तस्करी से जुड़े होने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘जब से वह [एसएसपी] गाजियाबाद आए हैं, गो-हत्या बढ़ गई है. इससे साफ पता चलता है कि बड़े अधिकारियों की गो तस्करों से मिलीभगत है.’
20 नवंबर को एसएसपी संबोधित करते हुए लिखे पत्र में भाजपा विधायक ने कहा, ‘अगर आपमें अंतरात्मा ने आपको धिक्कारा हो और कहा हो कि एनकाउंटर मामले में अपने मातहत अधिकारियों की गलत सूचना पर आपके द्वारा लिए गए गलत निर्णयों के कारण गो-तस्करों के हौसले बुलंद और ईमानदार पुलिस अधिकारियों का मनोबल गिरा है, तो इस महापाप से बचने के लिए अपनी गलती मानते हुए सम्मानपूर्वक जांबाज, सत्यनिष्ठ और कर्तव्यनिष्ठ थाना प्रभारी राजेंद्र त्यागी का निलंबन रद्द करते हुए उन्हें बहाल करने का कष्ट करें.’
जिले में गौहत्या में बढ़ोतरी, बड़े स्तर के अधिकारी के मिलीभगत के बिना संभव नहीं है। #SSP फैसले को वापिस लें जिससे मा. @myogiadityanath जी की मंशा के अनुरूप कार्य कर रहे SHO #राजेन्द्रत्यागी के सम्मान और जनता में पुलिस के प्रति भरोसे को पुनर्स्थापित किया जा सकें।#mlaloni pic.twitter.com/OTTQhgiptr
— Nand Kishor Gurjar (@nkgurjar4bjp) November 14, 2021
इसके साथ ही विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी ने ट्वीट किया: ‘लोनी बॉर्डर में राजेंद्र कुमार त्यागी ने गो-तस्करों पर वही कार्यवाही की जो होनी चाहिए. इंस्पेक्टर त्यागी का स्थानांतरण नहीं पदोन्नति होनी चाहिए.’
लोनी बार्डर में राजेन्द्र कुमार त्यागी ने गौतस्करों पर वही कार्यवाही की जो गौतस्करों पर होनी चाहिए,इंस्पेक्टर त्यागी का स्थानान्तरण नहीं पदोन्नति होनी चाहिए,उनका स्थानान्तरण रद्द हो।
— Vijay Shankar Tiwari (@VijayVst0502) November 16, 2021
15 नवंबर को लोनी में एसएचओ की टीम द्वारा सात लोगों को गोली मारने का वीडियो वायरल होने के बाद लोनी विधायक ने त्यागी को इस कार्रवाई के लिए बधाई दी थी और उन्हें शॉल पहनाकर सम्मानित किया था.
धुर दक्षिणपंथी नेता आस्था मां द्वारा 13 नवंबर को पोस्ट किए गए एक वीडियो में भी एसएचओ को उनके समर्थकों द्वारा सम्मानित करते दिखाया गया था. इस वीडियो में पुलिस अधिकारी और दक्षिणपंथी समूह के सदस्य ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाते दिख रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि फरवरी 2021 में आस्था मां ने मंगोलपुरी में रिंकू शर्मा हत्याकांड के आरोपियों के घर में तोड़फोड़ करने के लिए भीड़ का नेतृत्व किया था. इस घटना के एक वीडियो में उन्हें घर में तोड़फोड़ करते और हिंदुओं को मुसलमानों के खिलाफ भड़काते हुए देखा जा सकता है.
18 नवंबर को कई हिंदुत्ववादी समूहों ने हाथ में बछड़ा लेकर जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय के बाहर त्यागी के तबादले के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया था.
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, 2018 में मेरठ में तैनात त्यागी ने तब सुर्खियां बटोरी थीं, जब उन्होंने गो तस्करी में कथित बढ़ोतरी को रोकने में असमर्थ होने के लिए अपने और अपनी टीम के खिलाफ जनरल डायरी में शिकायत दर्ज कराई थी.
Meerut:Kharkhoda SHO Rajendra Tyagi filed complaint against himself & others in General Diary at police station after incidents of cow smuggling took place in his jurisdiction.SHO says,'I had introduced a concept that cop will be responsible if action isn't taken against a crime' pic.twitter.com/D0wymMlc95
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 15, 2018
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप
इस बीच 22 नवंबर को वायरल हुए एक वीडियो में बहुजन समाज पार्टी के पूर्व विधायक असलम चौधरी, जो अब समाजवादी पार्टी में हैं, ने नन्द किशोर गुर्जर पर सात मुस्लिम व्यक्तियों को गोली मारने का आरोप लगाया और बदला लेने की धमकी दी.
चौधरी ने कहा, ‘मैं विधायक को फिर से चेतावनी दे रहा हूं कि जिन सात बेटों को गोली मारी गई है, उसका मैं तुम्हारे पिता से भी बदला लूंगा. यदि आप [मुसलमान] बदला लेना चाहते हैं, तो आपको अपने बच्चों को अफसर बनाने के लिए पढ़ाना होगा.’
बाद में चौधरी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 506, 505 (सी) और 153 के तहत एक एफआईआर दर्ज की गई, जिसमें उन पर आपराधिक धमकी देने और एक समुदाय को दूसरे के खिलाफ भड़काने का आरोप लगाया गया था.
जब द वायर ने इस बारे में बयान के लिए गाजियाबाद के एसएसपी पवन कुमार से संपर्क किया, तब उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. इस कथित मुठभेड़ की जांच लोनी के एसओ के डरा की जा रही है.
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)