कश्मीर में वाजपेयी फॉर्मूला अपनाए केंद्र सरकार: मीरवाइज़

अलगाववादी नेता ने कहा, उदारवादी अलगाववादियों की दिक्कत यह है कि भारत कश्मीर समस्या को पूरी तरह पाकिस्तान की देन मानता है और इसे सीमापार आतंकवाद के ऩजरिये से देखता है.

/
Srinagar: Chairman of Moderate faction of Hurriyat Conference Mirwaiz Umar Farooq along with other leaders at a press conference after he was released from house detention at Hurriyat Headquarters in Srinagar on Monday. PTI Photo (PTI5_2_2016_000172A)

अलगाववादी नेता ने कहा, उदारवादी अलगाववादियों की दिक्कत यह है कि भारत कश्मीर समस्या को पूरी तरह पाकिस्तान की देन मानता है और इसे सीमापार आतंकवाद के ऩजरिये से देखता है.

Srinagar: Chairman of Moderate faction of Hurriyat Conference Mirwaiz Umar Farooq along with other leaders at a press conference after he was released from house detention at Hurriyat Headquarters in Srinagar on Monday. PTI Photo (PTI5_2_2016_000172A)
मीरवाइज़ उमर फ़ारूक़. (फोटो: पीटीआई)

श्रीनगर: उदारवादी कश्मीरी अलगाववादी नेता मीरवाइज़ उमर फ़ारूक़ ने सोमवार को कहा कि वह केंद्र के साथ बिना शर्त बातचीत के हक़ में हैं, लेकिन ये भी कहा कि यह बातचीत अगर वाजपेयी सरकार के फॉर्मूले के अनुसार होगी तो इसकी सफलता की गुंजाइश सबसे ज़्यादा होगी.

‘कश्मीरियों के मीरवाइज़’ अर्थात धार्मिक नेता फ़ारूक़ ने कहा, ‘वाजपेयी के फॉर्मूले में सभी पक्षों को शामिल किया गया था. उन्होंने इस संदर्भ में कश्मीरी पृथकतावादी नेताओं को नई दिल्ली के साथ-साथ इस्लामाबाद और पाक अधिकृत कश्मीर में उनके समकक्षों के साथ एक साथ संवाद की इजाज़त दिए जाने का ज़िक्र किया.’

अपने आवास पर अपने आवास पर समाचार एजेंसी पीटीआई/भाषा के साथ एक मुलाकात में मीरवाइज़ ने कहा, ‘हम बातचीत के लिए एक ऐसी व्यवस्था चाहते हैं, जिसमें हर किसी को शामिल किया जाए. हम इसे महज़ तस्वीरें खिंचवाने का मौका ही नहीं बन जाने देना चाहते.’

उन्होंने कहा, हमें बातचीत का सिलसिला शुरू करना चाहिए. नतीजे की फ़िक्र नहीं होनी चाहिए. बस यह प्रक्रिया संजीदा हो.

44 वर्षीय मीरवाइज ने हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की ओर से बातचीत के प्रस्ताव का स्वागत किया था. हालांकि यह पहला मौका है जब उन्होंने इस बात पर खुलकर बात की कि 70 वर्ष से चली आ रही समस्या को सुलझाने के लिए होने वाली बातचीत को सफल बनाने के बारे में वह क्या सोचते हैं.

हालांकि, वाजपेयी सरकार के फॉर्मूले पर वापस लौटने की उनकी राय से सरकार के इत्तेफ़ाक रखने की गुंजाइश कम ही है क्योंकि इसमें पाकिस्तान को शामिल करने की बात की गई है.

मीरवाइज़ ने साफ तौर पर कहा कि कश्मीर के सभी पक्षों, जिनसे गृहमंत्री बात करने की बात करते हैं, में पाकिस्तान और जम्मू कश्मीर रियासत के सभी क्षेत्रों को भी शामिल किया जाना चाहिए.

1990 में हिज्बुल मुजाहिदीन के हाथों अपने पिता मीरवाइज़ फ़ारूक़ की हत्या के बाद 16 बरस की उम्र में मीरवाइज़ बने उमर फ़ारूक़ कहते हैं, ‘सरकार को सिर्फ इतना करने की ज़रूरत है कि वह उस समय (वाजपेयी सरकार) की पुरानी फाइलों का अध्ययन करे. आप इसे कोई भी नाम दे सकते हैं- त्रिपक्षीय, त्रिकोणीय या फिर तीन तरफा बातचीत. मगर रास्ता यही है.’

कश्मीर मसले को हल करने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के नज़रिये को ही वाजपेयी सिद्धांत कहा जाता है. इसके मुताबिक इंसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत की भावना के तहत ही जम्मू कश्मीर में शांति, संपन्नता और विकास हो सकता है.

फ़ारूक़ ने इस बात पर ज़ोर दिया कि कश्मीर का मसला एक राजनीतिक समस्या है और इसे सैन्य तरीके से हल नहीं किया जा सकता.

उन्होंने याद दिलाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले माह स्वतंत्रता दिवस पर अपनी तक़रीर में कहा था कि कश्मीर मसले को गालियों या गोलियों से नहीं बल्कि कश्मीरियों को गले लगाकर ही हल किया जा सकता है.

उन्होंने कहा, ‘यह स्वागतयोग्य बयान था और हमने सोचा कि सरकार अपनी कश्मीर नीति पर फिर से विचार कर रही है. हालांकि इसमें कोई बदलाव नहीं आया है. दरअसल यह और ज़्यादा कट्टर हो गई है. अलगाववादी नेताओं को बदनाम करने का अभियान जारी है.’

उन्होंने कहा कि उदारवादी अलगाववादियों की सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि भारत कश्मीर समस्या को पूरी तरह पाकिस्तान की देन मानता है और इसे सीमापार आतंकवाद के ऩजरिये से देखता है. ऐसे में बाकी पूरे देश को कश्मीर समस्या को कश्मीरियों के नज़रिये से दिखा पाना बहुत मुश्किल है, जिनकी अपनी आकांक्षाएं हैं.

फ़ारूक़ कहते हैं, ‘भारत के लोगों के साथ संपर्क की कोई गुंजाइश नहीं हैं. दिल्ली में बैठे उदारवादी भी हमसे बात करने से डरते हैं. हमें पत्थरबाज़ कश्मीरी कहा जाता है. लड़के पाकिस्तान गए बिना बंदूकें उठा रहे हैं. हमें पाकिस्तान को दोष देने के बजाय इसकी वजह का पता लगाना होगा.’

उन्होंने कहा, ‘इतना दर्द, गुस्सा और नाखुशी है, जिसे दूर करना होगा, वर्ना कश्मीर एक बार फिर 1990 के दशक में चला जाएगा, जब उग्रवाद अपने चरम पर था.’

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq