बीते आठ अगस्त को वायुसेना के हेलीकॉप्टर हादसे में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य सैन्यकर्मियों की मौत हो गई थी. दुर्घटना में ग्रुप कैप्टन अकेले शख़्स थे, जो जीवित बच पाए थे. लड़ाकू विमान तेजस को संभावित दुर्घटना से सफलतापूर्वक बचा लेने के उत्कृष्ट कार्य के चलते ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को बीते अगस्त महीने में शौर्य चक्र से नवाज़ा गया था.
नई दिल्ली: तमिलनाडु में कुन्नूर के पास हुए बीते आठ दिसंबर को हेलीकॉप्टर हादसे में गंभीर रूप से घायल हुए वायुसेना के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का बुधवार सुबह बेंगलुरु के एक सैन्य अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया.
इस हेलीकॉप्टर हादसे में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य सैन्यकर्मियों की उसी दिन मौत हो गई थी. इस हादसे में ग्रुप कैप्टन अकेले शख्स थे, जो जीवित बच पाए थे. मगर बुधवार को उनका भी निधन हो गया.
भारतीय वायुसेना (आईएएफ) ने कहा कि ‘बहादुर’ ग्रुप कैप्टन ने आज सुबह दम तोड़ दिया.
बुधवार सुबह वायुसेना ने ट्वीट किया, ‘आईएएफ को यह बताते हुए बेहद दुख हो रहा है कि बहादुर ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह, जो आठ दिसंबर 2021 को हुए हेलीकॉप्टर हादसे में घायल हो गए थे. उनका आज सुबह निधन हो गया. भारतीय वायुसेना गहरी संवेदना व्यक्त करती है और शोक संतप्त परिवार के साथ दृढ़ता से खड़ी है.’
IAF is deeply saddened to inform the passing away of braveheart Group Captain Varun Singh, who succumbed this morning to the injuries sustained in the helicopter accident on 08 Dec 21. IAF offers sincere condolences and stands firmly with the bereaved family.
— Indian Air Force (@IAF_MCC) December 15, 2021
वायु सेना के एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर के बीते आठ दिसंबर को दुघर्टनाग्रस्त होने के बाद ग्रुप कैप्टन गंभीर रूप से झुलस गए थे और उन्हें वेलिंगटन के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. कैप्टन सिंह को बीते नौ दिसंबर को को ग्रुप तमिलनाडु के वेलिंगटन से बेंगलुरु के कमांड अस्पताल में स्थानांतरित किया गया था.
इस हादसे में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य सैन्यकर्मियों की जान चली गई थी. केवल वरुण सिंह ही जीवित बचे थे.
रूस निर्मित हेलीकॉप्टर में वह सीडीएस के संपर्क अधिकारी के तौर पर सवार थे. रावत, वेलिंगटन में ‘डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज’ जा रहे थे. सिंह, उस प्रतिष्ठित संस्थान में एक प्रशिक्षक के तौर पर कार्य कर रहे थे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंह के निधन पर बुधवार को शोक जताया और कहा कि उन्होंने देश की जो सेवा की, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता.
प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ने गर्व, पराक्रम और अत्यंत पेशेवराना अंदाज में देश की सेवा की. उनके निधन से मुझे अत्यंत दुख पहुंचा है. देश के लिए उनकी सेवा को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है. उनके परिवार और मित्रों के प्रति मेरी संवेदनाएं.’
Group Captain Varun Singh served the nation with pride, valour and utmost professionalism. I am extremely anguished by his passing away. His rich service to the nation will never be forgotten. Condolences to his family and friends. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 15, 2021
पिछले साल 12 अक्टूबर को एक बड़ी तकनीकी खामी की चपेट में आए लड़ाकू विमान तेजस को संभावित दुर्घटना से सफलतापूर्वक बचा लेने के उत्कृष्ट कार्य के चलते ग्रुप कैप्टन सिंह को अगस्त महीने में शौर्य चक्र से नवाजा गया था.
पुरस्कार प्रशस्ति पत्र में कहा गया है कि एक खतरनाक स्थिति में अत्यधिक शारीरिक एवं मानसिक तनाव के बावजूद, उन्होंने अनुकरणीय संयम बनाए रखा और असाधारण उड़ान कौशल का प्रदर्शन करते हुए विमान को बचाया.
ग्रुप कैप्टन सिंह के पिता कर्नल (सेवानिवृत्त) केपी सिंह ‘आर्मी एअर डिफेंस’ में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. सिंह का परिवार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गाजीपुर का रहने वाला है.
ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ने पत्र में कहा था, औसत दर्जे का होने में कोई बुराई नहीं
हेलीकॉप्टर हादसे में जिंदगी और मौत से एक हफ्ते तक लड़ने वाले वायुसेना के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ने सिंतबर में अपने स्कूल के छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए एक पत्र में कहा था, ‘औसत दर्जे का होने में कोई बुराई नहीं है.’ इसके कुछ हफ्ते पहले ही उन्हें शौर्य चक्र से नवाज़ा गया था.
सिंह ने चंडी मंदिर के आर्मी पब्लिक स्कूल के प्राधानाचार्य को लिखे एक पत्र में छात्रों से कहा था, ‘औसत दर्जे का होने में कोई बुराई नहीं है. स्कूल में सभी बेहतरीन नहीं हो सकते हैं और सभी 90 फीसदी से ज्यादा अंक हासिल नहीं कर सकते हैं. अगर आप ऐसा करते हैं, ये जबर्दस्त उपलब्धि है और इसकी सराहना की जानी चाहिए.’
उन्होंने कहा था, ‘अगर आप ऐसा नहीं करते हैं, तो यह न सोचें कि आप औसत दर्जे के हैं. आप स्कूल में औसत दर्जे के हो सकते हैं, लेकिन यह जीवन में आने वाली चीजों का कोई पैमाना नहीं है.’
सिंह ने कहा था, ‘आप अपने शौक को पहचानिए. यह कला, संगीत, ग्राफिक डिजाइन, साहित्य आदि हो सकता है. आप जो भी काम करें, पूरी लगन से करें और अपना सर्वश्रेष्ठ दें. कभी भी यह सोचकर सोने नहीं जाएं कि मैं और कोशिश कर सकता था.’
उन्होंने कहा था कि वह स्कूल में औसत छात्र थे और 12वीं कक्षा में उनके मुश्किल से प्रथम श्रेणी के अंक आए थे, लेकिन उनमें विमानों के लिए जुनून था.
उन्होंने कहा था, ‘इस वर्ष 15 अगस्त को मुझे 12 अक्टूबर 2020 को वीरता के एक कार्य के लिए भारत के राष्ट्रपति द्वारा शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था.’
सिंह ने कहा था, ‘मैं इस प्रतिष्ठित पुरस्कार का श्रेय उन सभी को देता हूं, जिनसे मैं वर्षों से स्कूल, एनडीए और उसके बाद वायु सेना में जुड़ा रहा हूं. मेरा मानना है कि मेरा उस दिन का कार्य मेरे शिक्षकों के मार्गदर्शन का नतीजा है.’
सिंह ने यह पत्र 18 सितंबर को लिखा था.