सभी राजनीतिक दल तय समय पर विधानसभा चुनाव चाहते हैं: मुख्य चुनाव आयुक्त

मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा यह बयान हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक जज के उस आग्रह के मद्देनज़र काफ़ी महत्वपूर्ण है, जिसमें उन्होंने कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव को कुछ समय के लिए टालने पर विचार करने को कहा था.

/
चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा. (फोटो: पीटीआई)

मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा यह बयान हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक जज के उस आग्रह के मद्देनज़र काफ़ी महत्वपूर्ण है, जिसमें उन्होंने कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव को कुछ समय के लिए टालने पर विचार करने को कहा था.

मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने गुरुवार को कहा कि उत्तर प्रदेश के सभी राजनीतिक दल समय पर राज्य का आगामी विधानसभा चुनाव संपन्न कराना चाहते हैं.

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि पिछले दिनों उनके साथ बैठक में सभी राजनीतिक दलों ने उनसे कहा है कि राज्य में कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए समय पर चुनाव होने चाहिए.

यह बयान हाल ही में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक जज के उस आग्रह के मद्देनजर काफी महत्वपूर्ण है, जिसमें उन्होंने कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य के विधानसभा चुनाव को कुछ समय के लिए टालने पर विचार करने को कहा था.

मुख्य निर्वाचन आयुक्त की अगुवाई में चुनाव आयोग का एक दल लखनऊ के तीन दिवसीय दौरे पर है और उसने अगले साल के शुरू में होने वाले विधानसभा चुनाव के सिलसिले में विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के अलावा चुनाव से संबंधित तमाम अधिकारियों के साथ अलग-अलग बैठकें की हैं.

राज्य की मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 14 मई 2022 को समाप्त हो जाएगा.

चंद्रा ने बताया कि कुछ राजनीतिक दलों ने कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन किए बगैर हो रहीं चुनावी रैलियों पर चिंता जताते हुए रैलियों की संख्या को भी नियंत्रित करने की मांग की.

उन्होंने बताया कि इसके अलावा कुछ दलों ने प्रशासन के कुछ लोगों तथा पुलिस के पक्षपाती रवैये के बारे में भी शिकायत की. उन्होंने कहा कि विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने नफरत भरे भाषणों और ‘पेड न्यूज’ को लेकर भी चिंता व्यक्त की है.

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि आयोग विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों द्वारा उठाए गए मुद्दों से अवगत है और वह मतदान प्रक्रिया को और अधिक सुगम, सहज, सरल और प्रलोभन मुक्त बनाने के लिए तत्पर है.

उन्होंने बताया कि आगामी पांच जनवरी को निर्वाचक नामावली अंतिम रूप से प्रकाशित की जाएगी. उन्होंने कहा कि नामांकन दाखिल करने के आखिरी दिन तक मतदाता अपने दावे और आपत्तियां दर्ज करा सकेंगे.

उन्होंने कहा कि प्रदेश में अभी तक मतदाताओं की संख्या 15 करोड़ दो लाख से अधिक है और अंतिम प्रकाशन तक मतदाताओं के वास्तविक आंकड़े स्पष्ट होंगे.

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि विशेष पुनरीक्षण-2022 के दौरान अब तक 52.80 लाख नए मतदाताओं को निर्वाचक नामावली में शामिल किया गया है, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. उन्होंने बताया कि इसमें लगभग 23.92 लाख पुरुष और 28.86 लाख महिला मतदाता हैं.

उन्होंने कहा कि इन नए मतदाताओं में से 18 से 19 वर्ष आयु वर्ग के करीब 19.89 लाख मतदाता शामिल हैं, जो पिछली बार के मुकाबले तीन गुना अधिक हैं.

उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा पहली बार 80 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग मतदाताओं तथा कोविड-19 से प्रभावित मतदाताओं को घर पर ही बैठकर पोस्टल वोट की वैकल्पिक सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.

उन्होंने कहा कि अगर वे मतदान केंद्र पर आकर वोट डालना चाहते हैं तो उनका स्वागत है, लेकिन अगर वह नहीं आ पाते हैं तो आयोग उनके दरवाजे पर पहुंचेगा.

उन्होंने कहा कि ऐसे सभी मतदाताओं की सूची राजनीतिक दलों को दी जाएगी और वीडियोग्राफी की टीम उनके घर जाएगी. उन्होंने कहा कि इस दौरान मतदान की गोपनीयता भी न भंग हो, इसका पूरा ख्याल रखा जाएगा.

चंद्रा ने बताया कि प्रदेश में कोविड-19 प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए प्रति बूथ मतदाताओं की संख्या 1500 से घटाकर 1250 कर दी गई है.

उन्होंने कहा कि ऐसा करने से पोलिंग बूथ की संख्या में 11,000 का इजाफा हुआ है और अब यह कुल 1,74,351 हो गई है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों को छोड़कर बाकी जिलों में मतदान का समय भी एक घंटा बढ़ाया जाएगा.

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि इस बार चुनाव ड्यूटी में तैनात किए जाने वाले सभी अधिकारियों का संपूर्ण टीकाकरण होना आवश्यक होगा और चुनाव से संबंधित अधिकारियों को अग्रिम मोर्चे के कर्मियों का दर्जा दिए जाने संबंधी आदेश जारी हो चुके हैं.

उन्होंने कहा, ‘जो भी पात्र होंगे उन्हें बूस्टर खुराक का प्रावधान भी किया गया है. हर मतदान बूथ कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत ही काम करेगा. राज्य, जिला तथा विधानसभा के स्तर पर स्वास्थ्य नोडल अधिकारियों को भी नामित किया गया है. यह अधिकारी हर बूथ पर सैनिटाइजेशन की व्यवस्था तथा मास्क इत्यादि के कचरे के निस्तारण के लिए जिम्मेदार होंगे.’

चंद्रा ने बताया कि इस बार महिलाओं को अधिक से अधिक मतदाता बनाया गया है. उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में लिंगानुपात प्रति 1000 पुरुषों पर 839 महिलाओं का था जो अब 868 हो गया है.

उन्होंने कहा कि आगामी चुनाव में प्रदेश में कम से कम 800 मतदान केंद्र ऐसे होंगे, जहां सभी कर्मचारी और सुरक्षाकर्मी महिलाएं ही होंगी.

उन्होंने बताया कि चुनाव प्रक्रिया से जुड़े जो भी अधिकारी तीन साल से अधिक समय से किसी स्थान पर तैनात है, उनका स्थानांतरण किया जाएगा और इसका प्रमाणपत्र मुख्य सचिव तथा पुलिस महानिदेशक द्वारा आयोग को 31 दिसंबर के बाद भेजा जाएगा.

उन्होंने कहा कि अभी तक 5000 से अधिक पुलिसकर्मियों को पहले ही स्थानांतरण हो चुका है और जो थोड़े-बहुत रह गए हैं, उनका तबादला भी जल्द कर दिया जाएगा.

चंद्रा ने बताया कि मतदान में होने वाली किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए ‘सीविजिल’ (cVIGIL) नाम से एक मोबाइल एप्लीकेशन जारी किया गया है.

उन्होंने कहा कि अगर कहीं पर चुनाव में कोई गड़बड़ी या अनैतिक कार्य हो रहा है तो उससे संबंधित तस्वीर सूचना या फिर दोनों ही अपलोड करनी होगी तथा उस पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी.

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि उत्तर प्रदेश से सटे दूसरे राज्यों तथा अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से जुड़े अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे दूसरे राज्यों के समकक्ष अधिकारियों के साथ बैठक करके यह सुनिश्चित करें कि चुनाव में गड़बड़ी पैदा करने वाले तत्व उत्तर प्रदेश में दाखिल न हो सकें.

उन्होंने कहा कि सभी सीमा चौकियों पर सीसीटीवी कैमरा की मदद से 24 घंटे निगरानी की जाएगी और अनैतिक गतिविधियों को रोकने के लिए मजबूत सीमा जांच की विस्तृत योजना तैयार की जाएगी.

उन्होंने कहा कि हर विधानसभा क्षेत्र में लगभग 10 आदर्श पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे.

उन्होंने बताया कि पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए 1,74,351 मतदान स्थलों में से कम से कम एक लाख मतदान स्थलों पर वेबकास्टिंग कराई जाएगी.

उन्होंने कहा कि इस बार भी सभी पोलिंग बूथों पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के साथ साथ वीवीपैट मशीन भी लगाई जाएंगी और उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम पांच मतदान केंद्रों की वीवीपैट पर्चियों का ईवीएम गणना से मिलान किया जाएगा.

चंद्रा ने बताया कि मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के लिए कम मतदान प्रतिशत वाले सभी स्थानों को चिह्नित किया गया है और वहां पर जागरूकता संबंधी गतिविधियां भी बढ़ाई गई हैं.

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50