ट्विटर ने एक बयान में कहा कि ट्विटर के क़दम न केवल उच्च मतदान सुनिश्चित करने पर केंद्रित हैं, बल्कि यह सुनिश्चित करने में भी सहायता करेंगे कि मतदाता पूरे चुनाव चक्र में शामिल हों और इस दौरान उनके पास पूरी जानकारी रहे. माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ‘कू’ ऐप ने भी कहा कि उसने विधानसभा चुनावों में सोशल मीडिया के निष्पक्ष उपयोग के लिए ‘स्वैच्छिक आचार संहिता’ अपनाई है.
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नई दिल्ली: ट्विटर ने पांच राज्यों में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों में वोट डालने से पहले नागरिकों को सही जानकारी देने के लिए बृहस्पतिवार को सूचना संबंधी कई कदमों की घोषणा की.
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में विधानसभा चुनाव 10 फरवरी से सात मार्च तक सात चरणों में होंगे और 10 मार्च को मतगणना होगी.
कुल मिलाकर 690 विधानसभा सीट के लिए मतदान होगा और पांचों राज्यों में 8.5 करोड़ महिलाओं सहित 18.3 करोड़ लोग मतदान करने के लिए पात्र होंगे.
ट्विटर ने एक बयान में कहा, ‘जब चुनाव होते हैं तो लोग मतदान के बारे में विश्वसनीय जानकारी खोजने, उम्मीदवारों और उनके घोषणा-पत्रों के बारे में जानने और स्वस्थ नागरिक चर्चा एवं बातचीत में शामिल होने के लिए ट्विटर पर आते हैं. सार्वजनिक बातचीत के लिए एक सेवा के रूप में ट्विटर लोगों को अपने नागरिक अधिकारों का प्रयोग करते समय सही निर्णय लेने में सक्षम बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.’
कंपनी के अनुसार, ओपन इंटरनेट द्वारा संचालित ट्विटर के कदम न केवल उच्च मतदान सुनिश्चित करने पर केंद्रित हैं, बल्कि यह सुनिश्चित करने में भी सहायता करेंगे कि मतदाता पूरे चुनाव चक्र में शामिल हों और इस दौरान उनके पास पूरी जानकारी रहे. ट्विटर मतदाताओं की मदद के लिए एक उचित इमोजी की भी शुरुआत करेगा.
बयान में कहा गया है कि इसके अलावा एक मतदाता शिक्षा प्रश्नोत्तरी लोगों को चुनाव के बारे में आवश्यक तथ्यों से अवगत कराते हुए सवाल-जवाब में संलग्न करेगी.
ट्विटर ने कहा कि उसने विधानसभा चुनावों के लिए विश्वसनीय और आधिकारिक जानकारी की खोज आसान बनाने के लिए भारत निर्वाचन आयोग और मुख्य चुनाव अधिकारियों के साथ मिलकर एक ‘सर्च प्रॉम्प्ट’ (Search Prompt) शुरू किया है.
इसने कहा कि जब लोग ट्विटर के एक्सप्लोर पेज पर संबंधित कीवर्ड के साथ खोज करेंगे तो यह ‘सर्च प्रॉम्प्ट’ सूचना के विश्वसनीय, आधिकारिक स्रोत प्रदान करेगा तथा यह लोगों को उन संसाधनों तक ले जाएगा, जहां वे उम्मीदवार सूचियों, मतदान तिथियों, मतदान केंद्रों तथा अन्य चीजों के बारे में विश्वसनीय जानकारी प्राप्त कर सकेंगे.
अंग्रेजी के अलावा यह ‘सर्च प्रॉम्प्ट’ हिंदी, पंजाबी और कोंकणी में उपलब्ध होगा और कई हैशटैग होंगे.
इसके अलावा ट्विटर पांच राज्यों में गैर-लाभकारी संस्थाओं के लिए कार्यशालाओं और प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन करेगा, जिसका उद्देश्य चुनावों से संबंधित गलत सूचना से निपटना होगा.
ट्विटर इंडिया की सार्वजनिक नीति प्रबंधक पायल कामत ने कहा कि कंपनी भारत निर्वाचन आयोग सहित अधिकारियों के साथ साझेदारी में काम कर रही है और इस चुनावी मौसम में नागरिक संवाद को मजबूत करने तथा गुणवत्ता भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए ओपन इंटरनेट की शक्ति का उपयोग करना जारी रखेगी.
सोशल मीडिया के निष्पक्ष, नैतिक उपयोग के लिए ‘कू’ ने स्वैच्छिक आचार संहिता अपनाई
माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म कू (Koo) ऐप ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने आगामी विधानसभा चुनावों के दौरान सोशल मीडिया के निष्पक्ष और नैतिक उपयोग के लिए ‘स्वैच्छिक आचार संहिता’ अपनाई है.
कू ने एक बयान में कहा कि इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) द्वारा बनाई गई संहिता को पहली बार 2019 के आम चुनाव से पहले उद्योग निकाय द्वारा भारत निर्वाचन आयोग को प्रस्तुत किया गया था.
संहिता चुनावों के दौरान सोशल मीडिया के निष्पक्ष और नैतिक उपयोग को प्राथमिकता देती है.
कंपनी ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में फरवरी एवं मार्च 2022 के बीच होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले आचार संहिता अपनाने के साथ कू ऐप जिम्मेदार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के रूप में जवाबदेही सुनिश्चित करते हुए उपयोगकर्ताओं को एक सुरक्षित और निष्पक्ष चुनाव के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का आश्वासन देता है.’
भारत में निर्मित यह प्लेटफॉर्म अपने उपयोगकर्ताओं को कई भारतीय भाषाओं में खुद को व्यक्त करने में सक्षम बनाता है. यह चुनाव संहिता के किसी भी उल्लंघन को सीमित करने के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करेगा.
कू अपने उपयोगकर्ताओं को चुनाव कानूनों और संबंधित अन्य चीजों के बारे में सूचित एवं शिक्षित करेगा.
कू के सह-संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी अप्रमेय राधाकृष्ण ने कहा कि एक निष्पक्ष, पारदर्शी और विश्वसनीय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के रूप में कू संबंधित संहिता के प्रति अक्षरश: समर्पित है और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव की दिशा में काम करेगा, जो किसी लोकतंत्र की पहचान होता है.
उन्होंने जोर देकर कहा कि कू का अनुपालन और शिकायत निवारण तंत्र उपयोगकर्ताओं को अपने विचार व्यक्त करने तथा अपनी पसंद की भाषा में अपने समुदायों से जुड़ने के लिए एक सुरक्षित ऑनलाइन वातावरण प्रदान करेगा.