नाराज़ समर्थकों ने रोडवेज़ की बस फूंकी. ज्ञानपुर सीट से राजेश यादव इस बार हुए विधानसभा चुनाव में बसपा के प्रत्याशी थे.
इलाहाबाद: बहुजन समाज पार्टी के नेता राजेश यादव की सोमवार देर रात गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस घटना से आक्रोशित उनके समर्थकों ने मंगलवार को शहर के इंडियन प्रेस चौराहे के पास रोडवेज़ की एक बस को आग लगा दी.
पुलिस के मुताबिक, राजेश यादव सोमवार को अपने मित्र डॉ. मुकुल सिंह के साथ फॉर्च्यूनर एसयूवी से इलाहाबाद विश्वविद्यालय के ताराचंद हॉस्टल में किसी से मुलाकात करने गए थे.
रात तकरीबन ढाई बजे हॉस्टल के बाहर किसी से उनका विवाद हो गया. कहासुनी ज़्यादा बढ़ने पर दूसरे पक्ष ने यादव पर गोली चला दी जो उनकी पेट में लगी.
यादव की देर रात अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. सुबह उनकी मौत की ख़बर फैलते ही उनके समर्थक अस्पताल के निकट स्थित इंडियन प्रेस चौराहे पर एकत्र हो गए और रोडवेज़ की एक बस को आग लगा दिया. बस पूरी तरह से जल गई.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने बताया कि शव को पोस्टमॉर्टम के लिए स्वरूपरानी नेहरू (एसआरएन) चिकित्सालय भेजा गया है.
इस संबंध में यादव की पत्नी की ओर से दी गई शिकायत के आधार पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है. इसमें यादव के साथी मुकुल सिंह के ख़िलाफ़ नामजद जबकि अन्य अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया गया है.
उल्लेखनीय है कि ज्ञानपुर सीट से राजेश यादव इस विधानसभा चुनाव में बसपा के प्रत्याशी थे.
उत्तर प्रदेश में अब राजनीतिक हत्याओं का दौर: मायावती
राजेश यादव की हत्या पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में जातिवादी एवं सांप्रदायिक घटनाओं के बाद अब राजनीतिक हत्याओं का दौर शुरू हो गया है.
मायावती ने कहा, ‘प्रदेश में जातिवादी, सांप्रदायिक घटनाओं के बाद अब राजनीतिक हत्याओं का भी दौर शुरू हो गया है जिसका ही दुष्परिणाम है कि बसपा के कर्मठ साथी राजेश यादव की इलाहाबाद में गोली मारकर हत्या कर दी गई है.’
मायावती ने कहा कि राजेश यादव बसपा कार्यकर्ता थे तथा इस बार भदोही की ज्ञानपुर सीट से विधानसभा का चुनाव लड़े थे. उनकी हत्या ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था की स्थिति पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है.
उन्होंने बसपा के प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर, बसपा विधायक दल के नेता लालजी वर्मा एवं वरिष्ठ नेता अंबिका चौधरी के तीन-सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को तत्काल मिर्ज़ापुर मंडल के अंतर्गत भदोही ज़िला जाने का निर्देश दिया है. मायावती ने प्रदेश सरकार से दोषी लोगों की तत्काल गिरफ्तारी एवं उन्हें सख़्त सज़ा दिलाने की मांग की.
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि इस जघन्य हत्या के अलावा दशहरा और मोहर्रम के दौरान भी उत्तर प्रदेश के लगभग एक दर्जन से अधिक ज़िलों में तनाव एवं हिंसा की वारदात हुईं हैं, जो अपराध-नियंत्रण व कानून-व्यवस्था के मामले में योगी सरकार की विफलता को साबित करती है.
उन्होंने कहा कि खासकर भाजपा शासित राज्यों में कट्टरवादी सांप्रदायिक व जातिवादी तत्वों द्वारा सरकारी संरक्षण में हर स्तर पर आपराधिक कृत्य किया जा रहा है जिस कारण समाज में काफी ज्यादा जातिवादी, सांप्रदायिक व राजनीतिक तनाव का माहौल है.