इस साल मार्च में लोकसभा ने दलों को कॉर्पोरेट घरानों से मिलने वाले चंदे में ढील देने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी थी.
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे से संबंधित कानून में हाल ही में किए गए संशोधन को चुनौती देने वाली याचिका पर मंगलवार को केंद्र और निर्वाचन आयोग से जवाब मांगा.
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनंजय वाई. चंद्रचूड़ की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने गैर सरकारी संगठन एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की जनहित याचिका पर नोटिस जारी किए.
एडीआर की ओर से सुनवाई में शामिल हुए वकील प्रशांत भूषण ने दलील दी कि इस संशोधन ने किसी भी राजनीतिक दल को अपने कुल औसत लाभ का 7.5 प्रतिशत से अधिक चंदा देने पर लगी पाबंदी हटा दी है. उन्होंने यह भी कहा कि राजनीतिक दल अब स्रोत की जानकारी का खुलासा किए बगैर ही चुनाव बॉन्ड की शक्ल में चंदा ले सकते हैं.
लोकसभा ने वित्त विधेयक 2017 में संशोधनों के अनुरूप राजनीतिक दलों को कॉर्पोरेट घरानों से मिलने वाले चंदे में ढील देने के सरकार के प्रस्ताव को इस साल मार्च में मंजूरी दे दी थी.