पनामा पेपर मामले में पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोग्य ठहराए जाने के बाद नवाज़ शरीफ़ को प्रधानमंत्री पद छोड़ना पड़ा था.
इस्लामाबाद: नवाज़ शरीफ़ को पाकिस्तान के सत्तारूढ़ दल पीएमएल-एन का मंगलवार को फिर से अध्यक्ष चुना गया. गौरतलब है कि संसद ने हाल ही में एक विवादित विधेयक पारित करके प्रधानमंत्री पद से हट चुके नवाज़ की राजनीति में वापसी का रास्ता साफ कर दिया है.
पनामा पेपर मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा 28 जुलाई को अयोग्य ठहराये जाने के बाद पीएमएल-एन प्रमुख 67 वर्षीय नवाज़ शरीफ़ को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा था. पाकिस्तान के जन प्रतिनिधित्व कानून, 1976 के तहत अयोग्य ठहराया गया कोई व्यक्ति पार्टी में पदाधिकारी के पद पर नहीं रह सकता है.
बहरहाल, शरीफ़ के पार्टी प्रमुख बनने की राह का यह रोड़ा सोमवार को उस वक़्त हट गया जब नेशनल एसेंबली ने विवादित इलेक्शन बिल, 2017 को पारित किया. इस विधेयक के मुताबिक, सार्वजनिक पद धारण करने के अयोग्य ठहराया गया व्यक्ति, राजनीतिक दल का प्रमुख रह सकता है.
संसद में पारित होने के कुछ ही घंटों के भीतर राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने इस विवादित विधेयक पर हस्ताक्षर कर दिए थे.
पीएमएल-एन नेता डॉक्टर तारिक़ फ़ज़ल चौधरी ने पार्टी अध्यक्ष के पद पर चुनाव के लिए शरीफ़ के दस्तावेज़ पाकिस्तान निर्वाचन आयोग को सौंपे. पार्टी से किसी अन्य उम्मीदवार ने पर्चा नहीं भरा था.
राज्य मंत्री तलाल चौधरी ने मीडिया को बताया कि शरीफ़ पीएमएल-एन प्रमुख बने रहेंगे. उन्होंने कहा, वह देश के प्रधानमंत्री भी बनेंगे. शरीफ़ को साजिशों के माध्यम से राजनीति से नहीं हटाया जा सकता.