‘कोर्बेवैक्स’ भारत के औषधि महानियंत्रक की ओर से 12 से 18 वर्ष आयु वर्ग के लिए सीमित आपात इस्तेमाल की मंज़ूरी हासिल करने वाला तीसरा टीका बन गया है. इससे पहले जाइडस कैडिला के जायकोव-डी और भारत बायोटेक के कोवैक्सीन को मंज़ूरी दी गई थी.
नई दिल्ली/हैदराबाद: भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने 12 से 18 साल आयु वर्ग के लिए बायोलॉजिकल ई के कोविड -19 रोधी टीके ‘कोर्बेवैक्स’ को सीमित आपात इस्तेमाल के वास्ते मंजूरी (ईयूए) दे दी है. आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी.
हालांकि, सरकार ने अभी तक 15 साल से कम उम्र वालों को टीका लगाने पर कोई फैसला नहीं लिया है.
डीसीजीआई की ओर से 12 से 18 वर्ष आयु वर्ग के लिए मंजूरी हासिल करने वाला ‘कोर्बेवैक्स’ तीसरा टीका बन गया है. इससे पहले जाइडस कैडिला के जायकोव-डी और भारत बायोटेक के कोवैक्सीन को मंजूरी दी गई थी.
इस समय भारत 15 से 18 वर्ष आयु वर्ग के किशोरों का टीकाकरण करने के लिए कोवैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है.
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की विषय विशेषज्ञ समिति ने 14 फरवरी को 12 से 18 साल तक के बच्चों के लिए कुछ शर्तों के साथ बायोलॉजिकल ई के कोविड-19 रोधी टीके ‘कोर्बेवैक्स’ को आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी देने की अनुशंसा की थी. इसके बाद डीसीजीआई ने यह मंजूरी दी है.
डीसीजीआई, कोर्बेवैक्स को वयस्कों के लिए सीमित आधार पर आपात इस्तेमाल के वास्ते अपनी मंजूरी 28 दिसंबर को ही दे चुका है. यह भारत में ही कोविड-19 के खिलाफ विकसित आरबीडी प्रोटीन आधारित टीका है.
हालांकि, इस टीके को देश के टीकाकरण अभियान में शामिल नहीं किया गया है.
इस संबंध में एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, ‘डीसीजीआई ने सोमवार को कुछ शर्तों के तहत 12 से 18 वर्ष आयु वर्ग के लिए कोर्बेवैक्स को सीमित ईयूए प्रदान किया.’
इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने ट्वीट किया, ‘सीडीएससीओ ने 12-18 वर्ष आयु वर्ग के लिए कोविड-19 रोधी रोधी टीके कोर्बेवैक्स को आपात उपयोग मंजूरी प्रदान की है. यह कोविड-19 के खिलाफ हमारी लड़ाई को और मजबूत करेगा.’
बायोलॉजिकल ई लिमिटेड की प्रबंध निदेशक महिमा दतला ने कहा, ‘हम इस महत्वपूर्ण घटनाक्रम से खुश हैं, जो हमारे देश में 12 से 18 वर्ष आयु वर्ग के लिए हमारे टीके की पहुंच बढ़ाने में मदद करता है.’
उन्होंने कहा, ‘इस मंजूरी के साथ, हम कोविड-19 महामारी के खिलाफ अपनी वैश्विक लड़ाई पर काबू पाने के और भी करीब हैं.’
उल्लेखनीय है कि नौ फरवरी को डीसीजीआई को भेजे गए आवेदन में बायोलॉजिकल ई लिमिटेड के गुणवत्ता एवं नियमन मामलों के प्रमुख श्रीनिवास कोसाराजू ने कहा था कि कंपनी को कोर्बेवैक्स का पांच से 18 साल आयु वर्ग पर दूसरे-तीसरे चरण के चिकित्सकीय परीक्षण की अनुमति पिछले साल सितंबर में मिली थी.
कोर्बेवैक्स टीका मांसपेशियों के जरिये शरीर में पहुंचाया जाएगा और 28 दिनों के भीतर दो खुराक लेनी होंगी. इस टीके का भंडारण दो से आठ डिग्री सेल्सियस पर किया जाता है.