जम्मू कश्मीर परिसीमन आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक, विधानसभा सीटों की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव

जम्मू एवं कश्मीर परिसीमन आयोग ने भारत और जम्मू एवं कश्मीर के राजपत्रों में प्रकाशित अपनी अंतिम रिपोर्ट में लोकसभा क्षेत्रों की संख्या पांच ही रखने, जबकि विधानसभा सीटों की संख्या वर्तमान 83 से बढ़ाकर 90 करने का प्रस्ताव रखा है.

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(प्रतीकात्मक फाइल फोटो: पीटीआई)

जम्मू एवं कश्मीर परिसीमन आयोग ने भारत और जम्मू एवं कश्मीर के राजपत्रों में प्रकाशित अपनी अंतिम रिपोर्ट में लोकसभा क्षेत्रों की संख्या पांच ही रखने, जबकि विधानसभा सीटों की संख्या वर्तमान 83 से बढ़ाकर 90 करने का प्रस्ताव रखा है.

श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर सचिवालय. (फोटो: पीटीआई)

जम्मूः जम्मू एवं कश्मीर परिसीमन आयोग ने विधानसभा और संसदीय क्षेत्रों का नए सिरे से निर्धारण करने संबंधी अपनी रिपोर्ट सोमवार को सार्वजनिक करते हुए 21 मार्च शाम पांच बजे तक आपत्तियां और सुझाव देने को कहा है.

आयोग ने भारत और जम्मू एवं कश्मीर के राजपत्रों में प्रकाशित अपनी अंतिम रिपोर्ट में लोकसभा क्षेत्रों की संख्या पांच ही रखने, जबकि विधानसभा सीटों की संख्या वर्तमान 83 से बढ़ाकर 90 करने का प्रस्ताव रखा है.

रिपोर्ट में जम्मू में विधानसभा की छह और कश्मीर में एक सीट बढ़ाने का प्रस्ताव है.

सोमवार को प्रमुख समाचार-पत्रों में प्रकाशित विस्तृत प्रस्ताव में आयोग के पांच सहयोगी सदस्यों में से चार सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित दो असहमति नोट भी शामिल हैं.

इन असहमति प्रस्तावों पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के तीन लोकसभा सांसदों फारूक अब्दुल्ला, हसनैन मसूदी तथा मोहम्मद अकबर लोन और भाजपा सांसद जुगल किशोर के हस्ताक्षर हैं.

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह आयोग के छठे सहयोगी सदस्य हैं.

आयोग के सचिव केएन भर ने अधिसूचना में कहा, ‘आयोग इस संबंध में आपत्तियां और सुझाव आमंत्रित करता है.’

अधिसूचना के अनुसार, प्रस्तावों के संबंध में कोई आपत्ति और सुझाव 21 मार्च को या उससे पहले सचिव, परिसीमन आयोग कार्यालय में पहुंच जाने चाहिए.

अधिसूचना में कहा गया है कि आयोग इन सुझावों पर 28 और 29 मार्च को केंद्रशासित प्रदेश में सार्वजनिक बैठकों के दौरान विचार करेगा.

इसमें कहा गया है, ‘उपरोक्त बैठकों का स्थान और समय अलग से अधिसूचित किया जाएगा.’

राजपत्र की प्रतियां जम्मू एवं कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और केंद्रशासित प्रदेश के सभी जिलों में चुनाव अधिकारियों के संदर्भ के लिए उपलब्ध है.

बता दें कि आयोग को छह मार्च को दो महीने का विस्तार दिया गया था और उसे छह मई से पहले एक रिपोर्ट जमा करनी थी.

सोमवार को सार्वजनिक किए गए मसौदा प्रस्ताव के अनुसार जम्मू कश्मीर में लोकसभा सीटों की संख्या में कोई वृद्धि नहीं हुई है.

इसी तरह, केंद्रशासित प्रदेश की संसदीय सीट में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए कोई आरक्षण नहीं है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा सीटों की संख्या 90 करने का प्रस्ताव है, जिसमें से सात सीट एससी और नौ सीट एसटी के लिए आरक्षित होंगी.

मसौदे में कहा गया है कि जम्मू संभाग में जम्मू रियासी और उधमपुर-डोडा निर्वाचन क्षेत्र होंगे, जबकि कश्मीर संभाग में श्रीनगर-बडगाम और बारामूला-कुपवाड़ा होंगे. अनंतनाग-पुंछ सीट दोनों संभागों का हिस्सा होगी.

जस्टिस (सेवानिवृत्त) रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में मार्च 2020 में गठित तीन सदस्यीय आयोग ने 90 सदस्यीय सदन में जम्मू क्षेत्र में छह और सीट तथा कश्मीर में एक अतिरिक्त सीट का प्रस्ताव रखा है.

बता दें कि 90 सदस्यीय विधानसभा में से 47 सीट कश्मीर में, जबकि 43 सीट जम्मू क्षेत्र में होंगी.

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