महाराष्ट्र: दलित होने के चलते स्थानीय प्रशासन सरकारी कार्यक्रमों में नहीं बुलाता- भाजपा सांसद

लातूर से भाजपा सांसद सुधाकर श्रंगारे ने आरोप लगाया है कि उन्हें सरकारी एजेंसियों द्वारा स्थानीय स्तर पर आयोजित कार्यक्रमों में जानबूझकर नहीं बुलाया जाता है क्योंकि वह दलित हैं. श्रंगारे ने यह आरोप उस समय लगाया जब औरंगाबाद में केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में एक उद्यान में बाबासाहेब आंबेडकर की 72 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया गया.

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महाराष्ट्र के लातूर से भाजपा सासंद सुधाकर श्रंगारे (फोटो साभार: ट्विटर/@mpsshrangare)

लातूर से भाजपा सांसद सुधाकर श्रंगारे ने आरोप लगाया है कि उन्हें सरकारी एजेंसियों द्वारा स्थानीय स्तर पर आयोजित कार्यक्रमों में जानबूझकर नहीं बुलाया जाता है क्योंकि वह दलित हैं. श्रंगारे ने यह आरोप उस समय लगाया जब औरंगाबाद में केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में एक उद्यान में बाबासाहेब आंबेडकर की 72 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया गया.

महाराष्ट्र के लातूर से भाजपा सांसद सुधाकर श्रंगारे (फोटो साभार: ट्विटर/@mpsshrangare)

औरंगाबाद: महाराष्ट्र के लातूर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोकसभा सदस्य सुधाकर श्रंगारे ने एक सार्वजनिक समारोह में आरोप लगाया है कि उन्हें सरकारी एजेंसियों द्वारा स्थानीय स्तर पर आयोजित कार्यक्रमों में जानबूझकर नहीं बुलाया जाता है क्योंकि वह दलित हैं.

श्रंगारे ने स्थानीय प्रशासन पर यह आरोप बुधवार शाम को उस समय लगाया जब केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में यहां एक उद्यान में बाबासाहेब भीम राव आंबेडकर की 72 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया गया.

श्रंगारे ने कहा, ‘जिला कलेक्टर कार्यालय और यहां नगर निगम में भी कई कार्यक्रम होते हैं. लेकिन मुझे जानबूझकर आमंत्रित नहीं किया जाता है. वे मेरा काम नहीं देख सकते हैं.’

उन्होंने कहा, ‘क्या मैं यह तय कर सकता हूं कि मुझे किस परिवार में जन्म लेना चाहिए? मेरा अपमान इसलिए किया जाता है क्योंकि मैं दलित हूं. मेरा नाम कार्यक्रमों के निमंत्रण कार्ड से गायब होता है. मैं पिछले तीन साल से चुप रहा, लेकिन आज यह सब बताना चाहता हूं.’

उन्होंने कहा, ‘मैंने लातूर में एक ऑक्सीजन संयंत्र लगवाया, लेकिन जैसे ही मैं दिल्ली गया, इसका उद्घाटन यहां कर दिया गया. ऐसा मेरे साथ ही नहीं होता, ऐसा पूरा महाराष्ट्र में होता है. हम सभी को यह मुद्दा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष उठाना चाहिए.’

श्रंगारे ने कहा कि हालांकि वह पिछले चार साल से स्थानीय सांसद हैं, लेकिन प्रशासन ने उन्हें कभी भी कार्यक्रमों में आमंत्रित नहीं किया.

उन्होंने कहा, ‘मेरे साथ ऐसा इसलिए व्यवहार किया जाता है क्योंकि मैं एक दलित हूं.’

श्रंगारे ने कहा कि डॉ आंबेडकर की प्रतिमा का काम शुरू होने के दो दिनों के भीतर ही रोक दिया गया था.

उन्होंने कहा, ‘इस प्रतिमा का शिलान्यास होने के बाद हमने केवल 28 दिनों में काम पूरा कर लिया. लेकिन रास्ते में कई बाधाएं खड़ी की गईं.’

श्रंगारे के भाषण का जवाब देते हुए केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्य मंत्री आठवले ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि उन्होंने सांसद द्वारा उठाए गए मुद्दे पर ध्यान दिया है.

श्रंगारे द्वारा व्यक्त की गई चिंता को गंभीरता से लेते हुए, फडणवीस ने कहा, ‘अधिकारियों को एक सांसद के साथ सम्मान का व्यवहार करना चाहिए, अन्यथा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.’