आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, आठ बुनियादी उद्योगों- कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली की वृद्धि दर मार्च 2022 में 4.3 प्रतिशत रही. इसके एक महीने पहले फरवरी में इन उद्योगों की वृद्धि दर छह प्रतिशत रही थी.
नई दिल्ली: आठ बुनियादी उद्योगों का उत्पादन इस साल मार्च महीने में धीमा पड़कर 4.3 प्रतिशत रहा. एक साल पहले इसी महीने में इसमें 12.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. यह गिरावट मुख्य रूप से कोयला और कच्चे तेल के उत्पादन में कमी के चलते हुई.
शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार आठ बुनियादी उद्योगों- कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली की वृद्धि दर मार्च 2022 में 4.3 प्रतिशत रही. इसके एक महीने पहले फरवरी में इन उद्योगों की वृद्धि दर छह प्रतिशत रही थी.
आंकड़ों के मुताबिक, 2021-22 के समूचे वित्त वर्ष में बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर 10.4 प्रतिशत रही, जबकि एक साल पहले 2020-21 में इसमें 6.4 प्रतिशत की गिरावट आई थी.
मार्च में कोयले और कच्चे तेल का उत्पादन क्रमश: 0.1 फीसदी और 3.4 फीसदी घट गया.
समीक्षाधीन माह के दौरान प्राकृतिक गैस, इस्पात, सीमेंट और बिजली के उत्पादन में क्रमश: 7.6 प्रतिशत, 3.7 प्रतिशत, 8.8 प्रतिशत और 4.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई. यह आंकड़ा मार्च 2021 में क्रमश: 12.3 प्रतिशत, 31.5 प्रतिशत, 40.6 प्रतिशत और 22.5 प्रतिशत था.
इस साल मार्च में रिफाइनरी उत्पाद और उर्वरक उत्पादन में क्रमशः 6.2 प्रतिशत और 15.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई.
इन आंकड़ों पर टिप्पणी करते हुए इक्रा लिमिटेड की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि मार्च 2022 में प्रमुख क्षेत्रों की वृद्धि दर धीमी होकर 4.3 प्रतिशत हो गई, जिसमें आठ उद्योगों में में से पांच में नरमी थी.
उन्होंने कहा कि इस दौरान उर्वरक उत्पादन में हुई दहाई अंकों की वृद्धि तुलनात्मक आधार कम होने के कारण हुई.
नायर ने कहा कि हालांकि मार्च में आठ बुनियादी उद्योगों के उत्पादन में वृद्धि कम हुई है, लेकिन कई प्रमुख वृहत आर्थिक आंकड़ों में सुधार देखा गया. इस आधार पर उम्मीद है कि इस माह आईआईपी (औद्योगिक उत्पादन सूचकांक) की वृद्धि दर मामूली रूप से बढ़कर 3-3.5 प्रतिशत तक हो जाएगी.
आईआईपी में आठ बुनियादी उद्योगों की हिस्सेदारी 40.27 प्रतिशत है.