ईडी ने कहा कि मोबाइल निर्माण कंपनी ने 5,551.27 करोड़ रुपये के बराबर विदेशी मुद्रा को रॉयल्टी के नाम पर विदेश स्थित तीन कंपनियों को भेजा है. इनमें शाओमी समूह की एक कंपनी भी शामिल है. अन्य दो अमेरिकी असंबद्ध कंपनियों को भेजी गई राशि भी अंतत: शाओमी समूह की कंपनियों के लाभ के लिए थी.
नई दिल्ली: चीन की मोबाइल विनिर्माता कंपनी शाओमी के बैंक खातों में जमा 5,551 करोड़ रुपये की राशि को भारत के विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) नियमों का उल्लंघन करने के मामले में जब्त कर लिया गया है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को यह जानकारी दी.
ईडी के बयान के बाद शाओमी टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि देश में उसके परिचालन में ‘स्थानीय नियम-कानूनों का सख्ती से पालन किया जाता है.’
ईडी ने यह कार्रवाई शाओमी टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ की है. शाओमी इंडिया भारत में एमआई (MI) ब्रांड के तहत मोबाइल फोन की बिक्री एवं वितरण करती है.
प्रवर्तन निदेशालय ने एक बयान में कहा, ‘चीन के शाओमी समूह के पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी शाओमी इंडिया के बैंक खातों में पड़ी 5,551.27 करोड़ रुपये की राशि प्रवर्तन निदेशालय ने जब्त कर ली है.’ फेमा कानून के संबंधित प्रावधानों के तहत यह धन जब्त किया गया है.
ED has seized Rs.5551.27 Crore of M/s Xiaomi Technology India Private Limited lying in the bank accounts under the provisions of Foreign Exchange Management Act, 1999 in connection with the illegal outward remittances made by the company.
— ED (@dir_ed) April 30, 2022
शाओमी के प्रवक्ता ने इस पर जारी एक बयान में कहा, ‘भारत के लिए प्रतिबद्ध ब्रांड होने के नाते हमारे सभी परिचालनों में स्थानीय नियमों एवं कानूनों का कड़ाई से पालन किया जाता है.’
उन्होंने कहा, ‘सरकारी अधिकारियों के आदेश का हमने ध्यान से अध्ययन किया. हमारे रॉयल्टी भुगतान और बैंक को दिए गए विवरण वैध और सत्य हैं. शाओमी इंडिया ने जो रॉयल्टी भुगतान किया, वह हमारे भारतीय संस्करण उत्पादों में उपयोग की जाने वाली इन-लाइसेंस प्रौद्योगिकी और आईपी के लिए था.’
प्रवक्ता ने कहा, ‘इस तरह के रॉयल्टी भुगतान करना कंपनी के लिए एक वैध वाणिज्यिक व्यवस्था है. हालांकि, हम किसी भी गलतफहमी को दूर करने के लिए सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.’
इससे पहले ईडी ने फरवरी में चीनी कंपनी द्वारा विदेश भेजे गए कथित ‘अवैध धन’ के सिलसिले में जांच शुरू की थी.
वर्ष 2014 में भारत में अपना परिचालन शुरू करने वाली शाओमी ने अगले ही साल से यहां से धन चीन भेजना शुरू कर दिया था.
ईडी ने कहा, ‘कंपनी ने 5,551.27 करोड़ रुपये के बराबर विदेशी मुद्रा को रॉयल्टी के नाम पर विदेश स्थित तीन कंपनियों को भेजा है. इनमें शाओमी समूह की एक कंपनी भी शामिल है.’
एजेंसी ने कहा, ‘अन्य दो अमेरिकी असंबद्ध कंपनियों को भेजी गई राशि भी अंतत: शाओमी समूह की कंपनियों के लाभ के लिए थी. रॉयल्टी के नाम पर इतनी बड़ी राशि उनके चीनी मूल कंपनी के निर्देश पर ही भेजी गई थी.’
प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक, शाओमी इंडिया भारत के विनिर्माताओं से पूरी तरह तैयार मोबाइल सेट और अन्य उत्पाद खरीदती है. उसने इन तीन विदेशी कंपनियों में से किसी की सेवा नहीं ली, जिन्हें यह राशि भेजी गयी थी.
जांच एजेंसी ने रॉयल्टी के नाम पर विदेश धन भेजने को फेमा कानून की धारा चार का उल्लंघन बताने के साथ ही शाओमी पर विदेश में धन भेजते समय बैंकों को ‘भ्रामक सूचना’ देने का आरोप भी लगाया है.
जांच एजेंसी ने इस महीने की शुरुआत में शाओमी समूह के वैश्विक उपाध्यक्ष मनु कुमार जैन से बेंगलुरु स्थित अपने क्षेत्रीय कार्यालय में पूछताछ की थी.