एबीवीपी से जुड़े छात्रों से कथित तौर पर बहस के बाद पिछले साल 15 अक्टूबर से नजीब अहमद जेएनयू परिसर के माही-मांडवी हॉस्टल लापता हैं.
जेएनयू के एमएससी बायो टेक्नोलॉजी विभाग के छात्र नजीब अहमद को लापता हुए एक साल हो गए, लेकिन दिल्ली पुलिस से जांच अपने हाथ में लेने वाले केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के हाथ अब कोई सुराग नहीं लग सका है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने नजीब के रहस्यमयी हालात में गायब होने के मामले में पहले दिल्ली पुलिस पर जांच में तेज़ी लाने के लिए दबाव डाला. पुलिस की जांच की प्रगति से संतुष्ट नहीं होने पर अदालत ने इस साल 16 मई को जांच सीबीआई को सौंप दी थी.
एमएससी बायोटेक्नोलॉजी के 27 वर्षीय छात्र नजीब अहमद 15 अक्टूबर 2016 को जेएनयू परिसर के माही-मांडवी हॉस्टल से लापता हो गए थे. उनकी तलाश में परिवार के लोग अब भी जुटे हुए हैं.
दोस्तों और परिवार के लोगों के मुताबिक, नजीब की कुछ उन छात्रों से बहस हुई थी जो कथित तौर पर भाजपा की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़े हुए थे.
नजीब के लापता होने के करीब एक महीने बाद उसकी मां फ़ातिमा नफ़ीस ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अदालत से पुलिस को उनके बेटे की तलाश के निर्देश देने की मांग की थी.
हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को तत्काल सभी पहलुओं की जांच करने और नजीब की तलाश करने को कहा था. अदालत ने कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी से कोई भी ऐसे ही गायब नहीं हो सकता.
हालांकि करीब 600 से ज़्यादा कर्मचारियों और खोजी कुत्तों की मदद लेने के बाद भी पुलिस इस मामले में कोई भी सुराग पाने में नाकाम रही थी.
इस मामले में परिवार की तरफ से सीबीआई जांच की मांग को लेकर किए जा रहे अनुरोध पर अदालत ने 16 मई को मामला केंद्र जांच एजेंसी को सौंप दिया.
हालांकि तमाम कोशिशों के बावजूद लापता नजीब का अब तक कोई सुराग सीबीआई के हाथ नहीं लग सका है.