भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम के कोच विमल कुमार ने उम्मीद जताई है कि ऐतिहासिक थॉमस कप जीत का इस खेल पर वैसा ही असर हो जैसा 1983 विश्व कप जीत का क्रिकेट पर हुआ था. उन्होंने कहा कि बतौर टीम ऐसा प्रदर्शन पहले नहीं हुआ था. जब आप टीम चैंपियनशिप जीतते हो, उसे देश की जीत कहते हो.
बैंकॉक/नई दिल्ली: भारत की पुरुष बैडमिंटन टीम ने रविवार को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक एकतरफा फाइनल में 14 बार के चैंपियन इंडोनेशिया को 3-0 से हराकर पहली बार थॉमस कप का खिताब जीतकर अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करा दिया.
भारतीय टीम ने टूर्नामेंट के इतिहास का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया. टीम के लिए विश्व चैंपियनशिप के पदक विजेताओं लक्ष्य सेन और किदांबी श्रीकांत के अलावा सात्विक साईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की दुनिया की आठवें नंबर की जोड़ी ने यादगार जीत दर्ज की.
भारत ने इस तरह पूरे हफ्ते शानदार प्रदर्शन करते हुए दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित टीम टूर्नामेंट का शानदार अंत किया, जिसमें वह इससे पहले कभी फाइनल में नहीं पहुंचा था.
भारतीय टीम 1979 से कभी थॉमस कप के सेमीफाइनल में भी नहीं पहुंच पाई थी और यहां खिताबी जीत के दौरान उसने मलेशिया और डेनमार्क जैसी मजबूत टीम को हराया.
नॉकआउट चरण में लय हासिल करने के लिए जूझ रहे लक्ष्य ने सबसे महत्वपूर्ण मुकाबले में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन करते हुए पहले एकल मैच में पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए दुनिया के पांचवें नंबर के खिलाड़ी एंथोनी सिनिसुका गिनटिंग को 8-21 21-17 21-16 से हराकर भारत को 1-0 की बढ़त दिलाई.
लक्ष्य ने मैच के बाद कहा, ‘तीन या चार अंक से पिछड़ने से कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि मुझे पता था कि मुझे कोर्ट की बेहतर तरफ से खेलने का मौका मिलेगा और मैं बढ़त हासिल कर सकता हूं और वह दबाव में आ जाएगा. ’
उन्होंने कहा, ‘यह जीत टीम की है, जिसने पूरे टूर्नामेंट के दौरान मेरा समर्थन किया. मैं अच्छा खेल रहा था, लेकिन नतीजे नहीं मिल रहे थे. मुझे खुशी है कि मैं टीम के लिए पहला मैच जीतने में सफल रहा.’
सात्विक और चिराग की देश की शीर्ष पुरुष युगल जोड़ी ने इसके बाद प्रतिकूल हालात में शानदार वापसी करते हुए दूसरे गेम में चार मैच पॉइंट बचाए और मोहम्मद अहसन और केविन संजय सुकामुल्जो की जोड़ी को 18-21 23-21 21-19 से हराकर भारत की बढ़त को 2-0 किया.
दूसरे एकल में श्रीकांत ने शानदार प्रदर्शन करते हुए एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता जोनाथन क्रिस्टी को सीधे गेम में 48 मिनट में 21-15 23-21 से हराकर भारत को 3-0 की विजयी बढ़त दिला दी.
लक्ष्य ने अपनी मानसिक मजबूती का परिचय दिया और अपने से बेहतर रैंकिंग वाले खिलाड़ी के खिलाफ पहला गेम गंवाने के बाद जीत दर्ज की. गिनटिंग के खिलाफ दो मैच में लक्ष्य की यह दूसरी जीत है.
गिनटिंग ने मुकाबले की बेहतर शुरुआत की और वह पहले गेम में ब्रेक तक 11-7 से आगे चल रहे थे. इंडोनेशिया के खिलाड़ी ने इसके बाद अगले 11 में से 10 अंक जीतकर पहला गेम अपने नाम किया.
लक्ष्य ने दूसरे गेम में बेहतर प्रदर्शन करते हुए 7-4 की बढ़त बनाई, जिसे ब्रेक तक उन्होंने 11-7 कर दिया. गिनटिंग ने इसके बाद वापसी करते हुए स्कोर 11-12 किया. भारतीय खिलाड़ी ने हालांकि धैर्य बरकरार रखते हुए पांच गेम पॉइंट हासिल किए और फिर दूसरा गेम जीतकर मैच को तीसरे और निर्णायक गेम में खींच दिया.
लक्ष्य ने गिनटिंग को रैली में उलझाने का प्रयास किया, लेकिन विरोधी खिलाड़ी अपने दमदार खेल की बदौलत 5-1 की बढ़त बनाने में सफल रहा. भारतीय खिलाड़ी ने हालांकि धैर्य नहीं खोया और वापसी करते हुए स्कोर 6-8 किया. गिनटिंग ब्रेक तक 11-7 की प्रभावी बढ़त बनाने में सफल रहे.
लक्ष्य ने इसके बाद रैली में दबदबा बनाना शुरू किया. गिनटिंग ने दो बार शॉट बाहर मारे और भारतीय खिलाड़ी वापसी करते हुए लंबी रैली के बाद क्रॉस कोर्ट स्मैश के साथ स्कोर 12-12 से बराबर करने में सफल रहा.
लक्ष्य ने लगातार अंक बनाकर 18-14 की बढ़त बनाई. गिनटिंग ने इसके बाद बाहर शॉट मारकर चार मैच पॉइंट लक्ष्य की झोली में डाल दिए. लक्ष्य का शॉट इसके बाद नेट से टकराकर गिनटिंग की तरफ गिर गया जिससे भारत ने 1-0 की बढ़त बनाई.
सात्विक और चिराग ने इसके बाद अहसन और सुकामुल्जो के खिलाफ अपने जुझारूपन का नजारा पेश किया.
पहला गेम करीबी अंतर से गंवाने के बाद भारतीय जोड़ी ने दूसरा गेम कई मैच पॉइंट बचाने के बाद जीता और मुकाबले को निर्णायक गेम में खींच दिया.
तीसरे गेम में भी दोनों जोड़ियों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली, लेकिन सात्विक और चिराग ब्रेक तक 11-9 की बढ़त बनाने में सफल रहे.
अहसन और सुकामुल्जो ने हालांकि वापसी करते हुए 16-16 पर बराबरी हासिल कर ली. भारतीय जोड़ी ने धैर्य नहीं खोया और वीडियो रैफरल पर महत्वपूर्ण अंक हासिल किया. सात्विक के स्मैश को सुकामुल्जो इसके बाद नेट पर उलझा गए जिससे भारतीय जोड़ी ने दो अंक की बढ़त बनाई.
सात्विक को सर्विस के लिए तैयार होने में देर करने पर पीला कार्ड दिखाया गया, लेकिन चिराग ने अंतत: क्रॉस कोर्ट स्मैश जड़कर गेम और मैच भारत के नाम करके टीम को 2-0 से आगे कर दिया.
दूसरे एकल में श्रीकांत ने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया. उन्होंने रैली को छोटा रखा और मौका मिलने पर दमदार स्मैश लगाकर अंक जुटाए.
श्रीकांत ने अच्छी शुरुआत करते हुए 8-3 की बढ़त बनाई, लेकिन इसके बाद कई गलतियां करके क्रिस्टी को 15-15 के स्कोर पर बराबरी हासिल करने का मौका दे दिया. श्रीकांत जल्द ही संभल गए और अगले छह में से पांच अंक जीतकर स्कोर 20-16 करने में सफल रहे. क्रिस्टी ने इसके बाद बाहर शॉट मारा जिससे श्रीकांत ने पहला गेम जीत लिया.
दूसरे गेम अधिक करीबी रहा. श्रीकांत ब्रेक तक 11-8 से आगे थे. ब्रेक के बाद क्रिस्टी ने 10-13 के स्कोर पर लगातार छह अंक के साथ तीन अंक की बढ़त हासिल कर ली.
क्रिस्टी ने इसके बाद कुछ गलतियां की और श्रीकांत ने 18-18 के स्कोर पर बराबरी हासिल कर ली.
श्रीकांत ने स्मैश के साथ अगला अंक जुटाया जिससे वह जीत से दो अंक दूर थे. क्रिस्टी हालांकि उनसे पहले गेम पॉइंट हासिल करने में सफल रहे. श्रीकांत ने पहला गेम पॉइंट बचाकर स्कोर 20-20 किया.
क्रिस्टी ने एक बार फिर गेम पॉइंट हासिल किया, लेकिन श्रीकांत ने फिर स्कोर बराबर कर दिया. श्रीकांत ने स्मैश के साथ चैंपियनशिप पॉइंट हासिल किया और फिर एक और स्मैश के साथ भारत को खिताब दिला दिया.
श्रीकांत जीत दर्ज करते ही टीम के अपने साथियों की तरफ मुड़े और हवा में मुक्का मारा. इसके बाद पूरी टीम ने कोर्ट पर उतरकर जीत का जश्न मनाया.
करिअर की सर्वश्रेष्ठ उपलब्धि में से एक : श्रीकांत
भारतीय बैडमिंटन टीम की थॉमस कप की ऐतिहासिक जीत में अहम भूमिका निभाने वाले खिलाड़ियों में से एक किदांबी श्रीकांत ने इसे अपने करिअर की सर्वश्रेष्ठ उपलब्धियों में शुमार किया.
भारतीय टीम ने 14 बार की चैंपियन इंडोनेशिया पर 3-0 की जीत से पहली बार थॉमस कप जीता जिसमें श्रीकांत ने अहम भूमिका अदा की, क्योंकि उन्हें टूर्नामेंट में एक भी हार का सामना नहीं करना पड़ा.
श्रीकांत ने ‘वर्चुअल’ प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘व्यक्तिगत स्पर्धाएं हमेशा टीम स्पर्धाओं से अलग होती है और हमें मुश्किल से ही टीम स्पर्धाएं खेलने को मिलती हैं और थॉमस कप फाइनल्स बड़ा टीम टूर्नामेंट है. इसलिए इतना बड़ा टूर्नामेंट जीतना वास्तव में बड़ा क्षण है. ऐसा वास्तव में हो गया है, इससे महसूस करने में समय लगेगा.’
उन्होंने कहा, ‘मैं इसे अपनी सबसे बड़ी जीत में से एक करार करूंगा और मैं खुश हूं कि प्रत्येक खिलाड़ी बहुत अच्छा खेला. मुझे नहीं लगता कि यह व्यक्तिगत जीत है, यह सभी 10 खिलाड़ियों की जीत है, जब भी जरूरत पड़ी, प्रत्येक ने योगदान दिया.’
पिछले साल स्पेन में विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाले श्रीकांत ने कहा कि वह अपनी जीत की तुलना नहीं कर सकते लेकिन यह उनके करिअर की बड़ी जीत में से एक थी.
उन्होंने कहा, ‘मैंने दिसंबर में भी विश्व चैंपियनशिप में अच्छा प्रदर्शन किया था और यह एक अन्य टूर्नामेंट था जिसमें मैंने अच्छा किया. मैं अपनी इन जीत की तुलना नहीं कर सकता, मैं अपनी इन जीत को रैंक नहीं करना चाहता, ये सभी अहम हैं. ’’
श्रीकांत ने कहा, ‘यह निश्चित रूप से बड़ी जीत से एक है, टूर्नामेंट के हिसाब से सर्वश्रेष्ठ और मेरे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन में से एक.’
उन्होंने कहा, ‘किसी भी बड़े टूर्नामेंट, चाहे राष्ट्रमंडल खेल हों, एशियाड, थॉमस और उबेर कप, विश्व चैंपियनशिप, इन सभी में कोई पुरस्कार राशि नहीं होती. लेकिन जब आप इन टूर्नामेंट में जीतते हो तो ये देश के लिए होता है. हमारे जीतने के बाद लोगों ने कहा कि भारत ने थॉमस कप जीता, यह श्रीकांत या प्रणय की जीत नहीं थी, इसलिए यह खुद में ही इतना विशेष एहसास है.’
इस जीत का बैडमिंटन पर वैसा ही असर हो जैसा 1983 विश्व कप का क्रिकेट पर हुआ था: कोच
भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम के कोच विमल कुमार ने रविवार को उम्मीद जताई कि ऐतिहासिक थॉमस कप जीत का इस खेल पर वैसा ही असर हो जैसा 1983 विश्व कप जीत का क्रिकेट पर हुआ था.
कुमार ने बैंकाक से कहा, ‘मेरे पास इसे बयां करने के लिए शब्द नहीं हैं. हमें हमेशा उम्मीद थी, लेकिन जिस तरह से खिलाड़ी खेले, उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया. यह अद्भुत रहा. हमारा इंडोनेशिया के खिलाफ इतना खराब रिकॉर्ड था और 3-0 से जीतना बेहतरीन था. ’
उन्होंने कहा, ‘1983 में जब भारत ने क्रिकेट विश्व कप जीता था, तो उत्साह सातवें आसमान पर था, लेकिन क्रिकेट हमेशा बहुत ही लोकप्रिय खेल था और मैं उम्मीद करता हूं कि बैडमिंटन में अब इस प्रदर्शन से यह खेल भी इतना ही लोकप्रिय हो जाएगा.’
उन्होंने कहा, ‘खेल में हमेशा व्यक्तिगत उपलब्धियां रहीं लेकिन यह टीम प्रदर्शन था और मुझे उम्मीद है कि अब से खेल की लोकप्रियता यहां से बढ़ेगी ही.’
कोच ने इसे भारतीय बैडमिंटन की सबसे बड़ी उपलब्धि करार दिया.
उन्होंने कहा, ‘मैं इसे सबसे बड़ी उपलब्धि करार करूंगा. निश्चित रूप से प्रकाश (पादुकोण) और गोपी (पुलेला गोपीचंद) ने ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप जीती, (पीवी) सिंधू जीतीं, सभी महान उपलब्धियां थीं, लेकिन बतौर टीम ऐसा प्रदर्शन पहले नहीं आया था. जब आप टीम चैंपियनशिप जीतते हो, उसे देश की जीत कहते हो, इसलिए मैं इसे सर्वश्रेष्ठ करार करूंगा.’
कुमार ने साथ ही कहा, ‘मैं खुश हूं कि अपने जीवन में मैं इसे देख सका. यह मेरे लिए सपना सच होना था.’
खेल मंत्रालय ने पुरुष बैडमिंटन टीम के लिए एक करोड़ रुपये के पुरस्कार की घोषणा की
खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम को एक करोड़ रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की, जिसने पहली बार प्रतिष्ठित थॉमस कप का खिताब जीतकर इतिहास रचा.
ठाकुर ने बयान में कहा, ‘मलेशिया, डेनमार्क और इंडोनेशिया के खिलाफ प्ले ऑफ में लगातार मुकाबलों में जीत की भारत की असाधारण उपलब्धि नियमों में छूट की हकदार है.’
उन्होंने कहा, ‘मैं गर्व के साथ उस टीम को एक करोड़ रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा करता हूं जिसने भारतीयों को इस सप्ताहांत खुशी के पल दिए.’
ठाकुर ने इस ऐतिहासिक जीत के लिए भारतीय टीम के खिलाड़ियों, कोच और सहयोगी स्टाफ को बधाई थी.
उन्होंने कहा, ‘किदांबी श्रीकांत और एचएस प्रणय ने जब भी कोर्ट पर कदम रखा तो जीत दर्ज की. सात्विक साईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की युगल जोड़ी ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए छह में से पांच मैच में महत्वपूर्ण अंक जुटाए जिसमें तीन मुकाबले नॉकआउट चरण के रहे.’
ठाकुर ने कहा, ‘लक्ष्य सेन ने इंडोनेशिया के खिलाफ पहला मैच जीतकर अपना जज्बा दिखाया. मुझे यकीन है कि एमआर अर्जुन और ध्रुव कपिला तथा कृष्ण प्रसाद गारगा और विष्णुवर्धन गौड़ पंजाला की पुरुष युगल जोड़ी और प्रियांशु राजावत को इस ऐतिहासिक अभियान का हिस्सा बनकर काफी फायदा हुआ होगा.’
खेल मंत्रालय ने कहा कि उसने खिलाड़ियों को ट्रेनिंग और प्रतियोगिताओं में खेलने का समर्थन करके इस अभूतपूर्व सफलता में योगदान दिया है.
बयान के अनुसार, ‘जनवरी में 10 हफ्ते के राष्ट्रीय शिविर से खिलाड़ियों के फिटनेस स्तर में सुधार में मदद मिली. युगल खिलाड़ियों की सहायता के लिए कोच के रूप में मथियास बो को जोड़ना भी महत्वपूर्ण रहा.’
इसमें कहा गया, ‘पिछले चार साल में मंत्रालय ने भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों की ट्रेनिंग और प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने पर 67 करोड़ 19 लाख रुपये खर्च किए हैं जिसमें विदेशी और भारतीय कोच का वेतन भी शामिल है.’
बयान के अनुसार, ‘पिछले साल मंत्रालय ने 14 अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में खिलाड़ियों के हिस्सा लेने का खर्चा उठाया जिस पर चार करोड़ 50 लाख रुपये खर्च हुए.’