आरोप है कि इंद्राणी मुखर्जी, उनके चालक श्यामवर राय और पूर्व पति संजीव खन्ना ने अप्रैल 2012 में उनकी 24 वर्षीय बेटी शीना बोरा की गला घोंटकर हत्या कर दी थी और उनका शव महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के एक जंगल में जला दिया गया था. साज़िश का हिस्सा होने के आरोप में पूर्व मीडिया दिग्गज और इंद्राणी के पूर्व पति पीटर मुखर्जी को फरवरी 2020 में ज़मानत मिल गई थी. जेल में बंद रहने के दौरान ही उन्होंने इंद्राणी मुखर्जी से तलाक़ ले लिया था.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने इंद्राणी मुखर्जी को उनकी बेटी शीना बोरा की हत्या के मामले में बुधवार को जमानत दे दी. वह मामले में मुख्य आरोपी है.
जस्टिस एल. नागेश्वर राव, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि साढ़े छह साल तक जेल में रहना एक लंबी अवधि है और मुकदमे की सुनवाई जल्द पूरी होने की संभावना नहीं है.
पीठ ने कहा कि इंद्राणी मुखर्जी 2015 से जेल में हैं और अभियोजन पक्ष द्वारा उद्धृत 237 गवाहों में से केवल 68 का ही अब तक परीक्षण किया गया है तथा इस वजह से मुकदमा जल्द पूरा होने की संभावना नजर नहीं आती.
न्यायालय ने कहा, ‘याचिकाकर्ता पर हत्या के इरादे से अपनी बेटी के अपहरण की आपराधिक साजिश में शामिल होने का आरोप है. याचिकाकर्ता मामले में सह-आरोपी पीटर मुखर्जी की पत्नी हैं. याचिकाकर्ता के खिलाफ आरोप है कि उसने पीटर मुखर्जी और उनकी पहली पत्नी के बेटे राहुल मुखर्जी के साथ अपनी बेटी के ‘लिव इन रिलेशनशिप’ को देखते हुए हत्या की योजना बनाई थी.’
इसने कहा, ‘हम याचिका के गुण-दोष पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं, क्योंकि यह पक्षकारों के हितों के लिए नुकसानदेह हो सकता है. इस बात को देखते हुए कि याचिकाकर्ता साढ़े छह साल से जेल में है और अगर अभियोजन पक्ष 50 प्रतिशत गवाह भी पेश कर देता है, तो भी मुकदमा जल्द खत्म नहीं होगा, हमारा मत है कि याचिकाकर्ता जमानत पर रिहा होने की हकदार है.’
पीठ ने यह भी कहा, ‘याचिकाकर्ता को निचली अदालत की संतुष्टि के अधीन और उन्हीं शर्तों पर जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया जाता है, जो पहले (पीटर मुखर्जी पर) लगाई गई थीं.’
पूर्व मीडिया दिग्गज पीटर मुखर्जी और इंद्राणी मुखर्जी की शादी 2019 में उनके कारावास में रहने की अवधि के दौरान टूट गई थी.
इंद्राणी मुखर्जी अगस्त 2015 में गिरफ्तारी के बाद से मुंबई के भायखला महिला कारागार में बंद हैं. इंद्राणी मुखर्जी की ओर से अदालत में वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी पेश हुए.
रोहतगी ने कहा कि मुकदमे में सुनवाई जल्द पूरी नहीं होने वाली है, क्योंकि इसमें अभी बड़ी संख्या में गवाहों का परीक्षण किया जाना बाकी है, जबकि मामले में सह-आरोपी पीटर मुखर्जी को 2020 में पहले ही जमानत मिल चुकी है.
सीबीआई की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने अदालत से कहा कि मामले में इंद्राणी मुखर्जी के शामिल होने के बारे में कॉल रिकॉर्ड के रूप में पुख्ता सबूत हैं.
उन्होंने कहा कि शेष 50 प्रतिशत गवाहों को त्याग दिया गया है और मुकदमा जल्द ही पूरा हो जाएगा.
राजू ने जमानत याचिका का विरोध किया और शीर्ष अदालत को बताया कि महत्वपूर्ण गवाहों में से शामिल शीना बोरा के कथित प्रेमी राहुल मुखर्जी से 27 मई को पूछताछ की जानी है.
शीना बोरा की हत्या के मामले की सुनवाई कर रही केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत कई बार इंद्राणी की जमानत याचिका खारिज कर चुकी है.
गौरतलब है कि आरोप है कि इंद्राणी मुखर्जी, उनके चालक श्यामवर राय और पूर्व पति संजीव खन्ना ने अप्रैल 2012 में एक कार में उनकी 24 वर्षीय बेटी शीना बोरा की गला घोंटकर हत्या कर दी थी और उनका शव महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के एक जंगल में जला दिया गया था.
बोरा, इंद्राणी के पूर्व के रिश्ते से पैदा हुई बेटी थीं.
इस साजिश का हिस्सा होने के आरोप में पूर्व मीडिया दिग्गज पीटर मुखर्जी को भी गिरफ्तार किया गया था. उन्हें फरवरी 2020 में हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी. हालांकि, जेल में बंद रहने के दौरान ही उन्होंने इंद्राणी मुखर्जी से तलाक ले लिया था.