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बृहस्पतिवार रात रामबन ज़िले में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर एक निर्माणाधीन सुरंग का हिस्सा ढहने से एक मज़दूर की मौत हो गई थी, वहीं तीन लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया था. मलबे में नौ मज़दूर फंस गए थे. शनिवार को उनके शवों को भी बरामद कर लिया गया.
रामबन जिले में जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुआ हादसा. (फोटो: पीटीआई)
बनिहाल/जम्मू: जम्मू कश्मीर के रामबन जिले में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर एक निर्माणाधीन सुरंग का हिस्सा ढहने के दो दिन बाद शनिवार को मलबे से नौ और शव बरामद किए गए, जिससे इस दुर्घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि सभी लापता श्रमिकों के शव बरामद होने के साथ ही दो दिन तक चला बचाव अभियान शनिवार देर शाम समाप्त हो गया. मृतकों में से पांच मजदूर पश्चिम बंगाल के, दो-दो मजदूर जम्मू कश्मीर एवं नेपाल के तथा एक मजदूर असम के थे.
मृतकों की पहचान पश्चिम बंगाल के सुधीर रॉय (31 वर्ष), जादव रॉय (23 वर्ष), गौतम रॉय (22 वर्ष), दीपक रॉय (33 वर्ष) और परिमल रॉय (38), असम के शिवा चौहान (26 वर्ष), नेपाल के नवराज चौधरी (26 वर्ष) और कुशी राम (25 वर्ष) तथा जम्मू कश्मीर निवासी मुजफ्फर (38 वर्ष) और इसरत (30 वर्ष) के रूप में हुई है.
इससे पहले बृहस्पतिवार को रात करीब 10 बजकर 15 मिनट पर रामबन में खूनी नाले के समीप राजमार्ग पर टी3 की सुरंग ढह गई थी, जिससे एक मजदूर (सुधीर रॉय) की मौत हो गई थी, वहीं तीन लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया था. बाकी के नौ शवों को शनिवार को मलबे से बरामद कर लिया गया.
घटना के तुरंत बाद 19 और 20 मई की दरम्यानी रात बचाव दल ने तीन जीवित लोगों को अस्पताल पहुंचाया था.
इससे पहले अधिकारियों ने कहा था कि निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा परियोजना पर काम शुरू होने के तुरंत बाद ढह गया, लेकिन शनिवार को रामबन के उपायुक्त (डिप्टी कमिश्नर) मस्सरतुल इस्लाम ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के हवाले से कहा कि निर्माणाधीन सुरंग के मुहाने पर टी-4 तक भूस्खलन हुआ.
इस्लाम ने ट्वीट किया, ‘एनएचएआई के स्पष्टीकरण के बाद यह सूचित किया जाता है कि खूनी नाले के पास सुरंग नहीं ढही है. 19 मई की रात को सुरंग के मुहाने पर भूस्खलन हुआ, जिसमें एक कंपनी के मजदूर काम कर रहे थे. बचाव अभियान जारी है.’
शुक्रवार को एक व्यक्ति का शव बरामद किया गया था, जबकि दो स्थानीय लोगों सहित तीन अन्य लोगों को बचा लिया गया और उनकी हालत स्थिर है.
अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को कई घंटे की सघन खोजबीन के बाद एक और शव को बाहर निकाला गया. चट्टानों के नीचे से शव को निकालने में उन्हें दो घंटे से अधिक का समय लगा. बाद में आठ और शवों को बाहर निकाला गया.
उपायुक्त ने कहा, ‘बचावकर्ताओं ने दिन भर की कड़ी खोज के दौरान सुरंग के मुहाने के बाहर भूस्खलन के स्थान से सभी लापता श्रमिकों के शव बरामद कर लिए. 20 मई को एक शव बरामद किया गया था और तीन लोगों को बचा लिया गया था, शनिवार को नौ और शव मिले.’
इस्लाम ने कहा कि सभी शवों को पहचान और अन्य कानूनी औपचारिकताओं के लिए एक सरकारी अस्पताल भेज दिया गया है.
उन्होंने कहा कि रेडक्रॉस कोष से 25,000 रुपये और कंपनी की ओर से 25,000 रुपये की तात्कालिक अनुग्रह राशि घटना में मारे गए दो स्थानीय मजदूरों के परिजनों को दी जा रही है. उन्होंने कहा कि बाकी मृतकों में पश्चिम बंगाल, नेपाल और असम के मजदूर शामिल हैं.
अधिकारियों ने बताया कि रामसू थाना प्रभारी नईम-उल-हक सहित 15 से अधिक बचावकर्मी इस दौरान बाल-बाल बच गए. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (रामबन) मोहिता शर्मा ने कहा कि घटना के संबंध में स्थानीय थाने में एफआईआर दर्ज की गई है.
माकपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक एमवाई तारिगामी ने घटना की न्यायिक जांच और मृतकों के परिजनों को 40-40 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की है.
कांग्रेस की जम्मू कश्मीर इकाई के अध्यक्ष जीए मीर ने भी घटना की जांच और मृतकों के परिजनों को पर्याप्त मुआवजा दिए जाने की मांग की.
मृतक मजदूरों के परिजनों को 16-16 लाख रुपये मुआवजा मिलेगा
निर्माणाधीन सुरंग का हिस्सा ढहने से जान गंवाने वाले 10 मजदूरों के परिजनों को 16-16 लाख रुपये की मुआवजा राशि दी जाएगी. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी.
उपायुक्त मुसर्रत इस्लाम ने कहा कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मिले निर्देश के अनुसार निर्माण कार्य कर रही कंपनी द्वारा सुरंग हादसे में जान गंवाने वाले मजदूरों के परिजनों को 15-15 लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल ने भी मृतकों के परिजनों को एक-एक लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है.
इस बीच, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सुरंग हादसे में जान गंवाने वाले मजदूरों की मौत पर शोक व्यक्त किया. साथ ही घायलों के लिए बेहतर उपचार व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने इस घटना में लोगों की मौत को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया.
उमर ने ट्वीट कर कहा, ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण. रामबन में कार्यस्थल पर हुई दुर्घटना में मारे गए दस लोगों के परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं. शोकाकुल परिवारों को यह दुख सहन करने की शक्ति मिले.’