जेल के अंदर दंत चिकित्सा सेवाओं से हुई 49,500 रुपये की कमाई को तलवार दंपति ने लेने से इनकार किया.
डासना/गाज़ियाबाद: इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा आरुषि-हेमराज दोहरे हत्याकांड में दोषमुक्त ठहराए गए दंत चिकित्सक दंपति राजेश और नूपुर तलवार सोमवार को डासना जेल से बाहर आ गए. तलवार दंपति शाम पांच बजे जेल से बाहर आए. वे तकरीबन पिछले चार वर्ष से सलाखों के पीछे थे.
पुलिस ने तलवार दंपति को नोएडा के जलवायु विहार स्थित नूपुर के माता-पिता के घर पहुंचाया. यह वही इलाका है जहां उनका आवास था, जिसमें 2008 में उनकी बेटी आरुषि और घरेलू नौकर हेमराज की हत्या कर दी गई थी. इस घर को किराये पर दे दिया गया है. फिलहाल तलवार दंपति नूपुर तलवार के माता पिता के यहां ही रहेंगे.
तलवार दंपति को जेल से बाहर निकलते कैमरे में कैद करने के लिये मीडियाकर्मियों की भारी भीड़ जमा थी. इसकी वजह से जेल के बाहर सड़क पर काफी अफरा-तफरी थी. तलवार दंपति के वकील तनवीर अहमद मीर ने उनकी रिहाई के बाद कहा, हमारे मुवक्किलों को फंसाने के लिए एक साजिश रची गई थी.
तलवार दंपति की रिहाई दीपावली से दो दिन पहले हुई है. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 12 अक्टूबर को अपने फैसले में कहा था कि न तो परिस्थितियां और न ही साक्ष्य उन्हें दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त थे.
आरुषि तलवार अपने माता-पिता के घर के अपने शयनकक्ष में 16 मई 2008 को मृत पाई गई थी. हेमराज का शव अगले दिन तलवार दंपति के घर की छत से बरामद किया गया था.
अब हर 15 दिन में जेल जाकर करेंगे क़ैदियों का इलाज
आरुषि-हेमराज हत्याकांड के संबंध में वर्ष 2013 से डासना जेल में सजा काट रहे दंत चिकित्सक दंपति राजेश एवं नूपुर तलवार ने इस दौरान जेल के अंदर मरीजों को दी गई अपनी अपनी सेवाओं का मेहनताना लेने से इनकार कर दिया है. जेल अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
जेल अधिकारियों के मुताबिक तलवार दंपति से जल्द से जल्द अपना उपचार कराने के लिए जेल के मरीजों में होड़ मची है. जेल के एक अधिकारी ने बताया कि तलवार दंपति ने जेल के अंदर मरीजों की सेवाओं के लिए मिलने वाला अपना पारिश्रमिक लेने से इनकार कर दिया है. जेल अधीक्षक डी. मौर्य ने बताया कि इस दौरान उन्होंने करीब 49,500 रुपये कमाये हैं.
सजा सुनाये जाने के बाद तलवार दंपति नवंबर 2013 से जेल के अंदर मरीजों का उपचार कर रहे हैं. जेल चिकित्सक सुनील त्यागी ने बताया कि तलवार दंपति ने अधिकारियों को आश्वस्त किया है कि कैदियों के उपचार के लिए हर 15 दिन पर वे जेल आते रहेंगे.