अधिकारियों ने बताया कि 67 वर्षीय शिंज़ो आबे को देश के पश्चिमी हिस्से के नारा शहर में शुक्रवार को भाषण शुरू करने के कुछ मिनटों बाद एक हमलावर ने पीछे से गोली मार दी. इस मामले में एक संदिग्ध को गिरफ़्तार कर लिया गया है. उनके निधन पर भारत में एक दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की घोषणा की गई है. शनिवार को देश भर में तिरंगा आधा झुका रहेगा.
टोक्यो/नई दिल्ली: जापान के सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली नेताओं में शुमार पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की शुक्रवार को एक चुनावी सभा के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई. अस्पताल के अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
अधिकारियों ने बताया कि 67 वर्षीय आबे को देश के पश्चिमी हिस्से के नारा शहर में शुक्रवार को भाषण शुरू करने के कुछ मिनटों बाद हमलावर ने पीछे से गोली मार दी. आबे को विमान से एक अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी सांस नहीं चल रही थी और उनकी हृदय गति रुक गयी थी. ‘ब्लड ट्रांसफ्यूजन’ समेत आपात इलाज की कोशिश के बाद अस्पताल ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
पुलिस ने घटनास्थल पर ही संदिग्ध हमलावर को गिरफ्तार कर लिया. दुनिया के सबसे सुरक्षित देशों में से एक माने जाने वाले जापान में इस घटना ने लोगों को स्तब्ध कर दिया है, जहां बंदूक नियंत्रण संबंधी कड़े कानून हैं.
#UPDATE Japan's former prime minister Shinzo Abe has been confirmed dead after he was shot at a campaign event, public broadcaster NHK and Jiji news agency reported. pic.twitter.com/EWwz3Lj5Jw
— AFP News Agency (@AFP) July 8, 2022
आबे को राजनीति विरासत में मिली थी और वह अपने दादा पूर्व प्रधानमंत्री नोबुसुके किशी के मार्गदर्शन में आगे बढ़े. आबे ने देश को सैन्य रूप से ज्यादा ताकतवर बनाने तथा अंतरराष्ट्रीय मामलों में देश की बड़ी भूमिका पर ध्यान दिया.
स्वास्थ्य कारणों से दो साल पहले पद से हटने से पहले आबे ने जापान की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित किया, राष्ट्र के लिए एशिया में एक मजबूत भूमिका निभाने के प्रयासों का नेतृत्व किया.
वासेदा विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञानी डेव लेहेनी ने कहा, ‘वह (आबे) पिछले कुछ दशकों में जापान में सबसे बड़ी राजनीतिक शख्सियत थे. वह चाहते थे कि जापान का वैश्विक मंच पर उस तरह से सम्मान किया जाए, जिसका वह हकदार है. वह यह भी चाहते थे कि जापान को द्वितीय विश्व युद्ध के लिए माफी नहीं मांगनी पड़े.’
लेहेनी ने कहा, ‘युद्ध के बाद जापान का आर्थिक सफलता, शांति और वैश्विक सहयोग अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड रहा है, जिस बारे में उन्हें लगता था कि अन्य देशों को उस पर अधिक ध्यान देना चाहिए और जापान के लोगों को इस पर गर्व होना चाहिए.’’
जापान के लोक प्रसारक ‘एनएचके’ के मुताबिक घटना के बाद प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने इस हमले को ‘कायराना और बर्ब’ करार दिया.
नारा मेडिकल यूनिवर्सिटी के आपातकालीन विभाग के प्रमुख हिदेतादा फुकुशिमा ने कहा कि हमले में आबे के दिल को बड़ा नुकसान हुआ, साथ ही गर्दन में जख्म के दो निशान बन गए. धमनी क्षतिग्रस्त हो जाने से काफी रक्तस्राव हुआ.
फुकुशिमा ने कहा कि जब आबे को अस्पताल लाया गया तो उन्हें दिल का दौरा पड़ा था और उनके महत्वपूर्ण अंग फिर से सक्रिय नहीं हो पाए.
आबे 2020 में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण इस्तीफा देने से पहले देश के सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे. आबे ने इसाकू सातो के रिकॉर्ड को तोड़ा जो 1964 से 1972 तक 2798 दिन प्रधानमंत्री रहे.
‘एनएचके’ ने घटना का एक फुटेज प्रसारित किया है, जिसमें नारा में एक मुख्य ट्रेन स्टेशन के बाहर आबे भाषण देते हुए दिख रहे हैं. जब गोली चलने की आवाज सुनी गयी तो आबे खड़े थे, उन्होंने गहरे नीले रंग के कपड़े पहने हुए थे और मुठ्ठी बांधे अपना हाथ ऊपर उठा रहे थे.
Former Japanese Prime Minister #Abe Shinzo has died after being shot Video taken by an audience member shows the movements of the suspect in the #shooting.https://t.co/koTERK8se2
— NHK WORLD News (@NHKWORLD_News) July 8, 2022
इसके बाद फुटेज में आबे सड़क पर गिरते और कई सुरक्षाकर्मी उनकी ओर भागते दिखे. उन्होंने अपने सीने पर हाथ रखा हुआ था और उनकी कमीज पर खून लगा हुआ था.
फुटेज में नजर आया कि इसके अगले क्षण ही सुरक्षाकर्मियों ने स्लेटी रंग की कमीज पहने एक व्यक्ति को दबोच लिया. जमीन पर एक बंदूक भी गिरी हुई दिखायी दी.
नारा की पुलिस ने हत्या की कोशिश के लिए एक संदिग्ध को गिरफ्तार किए जाने की पुष्टि की और उसकी पहचान तेत्सुया यामागामी (41) के तौर पर की.
‘एनएचके’ ने बताया कि संदिग्ध 2000 में तीन साल के लिए ‘मेरिटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स’ में सेवाएं दे चुका है.
एक अन्य फुटेज में चुनाव प्रचार अधिकारियों को अपने लोकप्रिय नेता के आसपास इकट्ठा होते देखा गया. आबे सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रभावशाली नेता थे और वह उसके सबसे बड़े धड़े सेइवकाई का नेतृत्व करते थे.
आबे का वर्तमान प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा की नीतियों पर भी एक बड़ा प्रभाव था, जिसमें युद्धक क्षमता सहित सैन्य क्षमता को बढ़ाने पर जोर दिया गया.
विपक्षी दलों के नेताओं ने हमले की निंदा करते हुए इसे जापान के लोकतंत्र के लिए चुनौती बताया. घटना के बाद टोक्यो में लोग अखबारों के अतिरिक्त संस्करण लेने या टीवी कवरेज देखने के लिए सड़क पर रुक गए.
आबे ने यह कहते हुए प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था कि उनकी एक पुरानी बीमारी ‘अल्सरेटिव कोलाइटिस’ फिर से उभर आई है. आबे ने उस समय पत्रकारों से कहा था कि अपने कई लक्ष्यों को अधूरा छोड़ना उनके लिए ‘परेशान करने वाली बात’ है.
उन्होंने वर्षों पहले उत्तर कोरिया द्वारा अगवा किए गए जापानी नागरिकों के मुद्दे, रूस के साथ क्षेत्रीय विवाद और जापान के युद्ध त्यागने वाले संविधान के संशोधन के मुद्दों को हल करने में अपनी नाकामी की बात की थी.
दुनिया भर के नेताओं ने इस हमले की निंदा की है. आबे 2006 में 52 साल की उम्र में जापान के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री बने थे, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से उनका पहला कार्यकाल एक साल बाद अचानक समाप्त हो गया.
आबे जब 2012 में फिर से प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने, राजकोषीय प्रोत्साहन, मौद्रिक सुगमता और ढांचागत सुधारों पर जोर दिया. आबे ने छह राष्ट्रीय चुनाव जीते और जापान की रक्षा भूमिका और क्षमता तथा अमेरिका के साथ इसके सुरक्षा गठबंधन को मजबूत करते हुए सत्ता पर मजबूत पकड़ बनाई.
आबे के अति-राष्ट्रवाद वाले दृष्टिकोण ने कोरिया और चीन को भी नाराज कर दिया और रक्षा मुद्दों पर जापान के रुख की कई लोगों ने आलोचना की.
आबे के समर्थकों का कहना है कि उनके कार्यकाल में अमेरिका-जापान के मजबूत संबंधों के कारण जापान की रक्षा क्षमता में काफी बढ़ोतरी हुई. हालांकि, रक्षा क्षेत्र के लिए अपने लक्ष्यों पर जोर देने और अन्य विवादित मुद्दों पर आगे बढ़ने से कई नेता आबे के खिलाफ हो गए.
समर्थकों ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर जापान के दबदबे को बढ़ाने के आबे के प्रयासों और चीन के उभार का मुकाबला करने के लिए समान विचारधारा वाले लोकतांत्रिक देशों की नयी व्यवस्था के लिए उनके प्रस्ताव का जिक्र किया, जिसे वाशिंगटन और अन्य ने समर्थन दिया था.
आबे के कार्यकाल में ही पहली बार तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा परमाणु बम हमले के शिकार हुए शहर हिरोशिमा गए थे. आबे ने टोक्यो को 2020 ओलंपिक की मेजबानी भी दिलाई.
अमेरिका-जापान संबंधों को मजबूत करने के लिए वॉशिंगटन में आबे की प्रशंसा की गई, जिसे उन्होंने जापान की रक्षा क्षमता को मजबूत करने के साधन के रूप में देखा. चीन और उत्तर कोरिया के साथ तनाव के बीच जापान इस क्षेत्र में 50,000 अमेरिकी सैनिकों की तैनाती में मदद करता है.
भारत में एक दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा, शनिवार को देश भर में तिरंगा आधा झुका रहेगा
सरकार ने जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के सम्मान में एक दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है, इस दौरान शनिवार को भारत में उन सभी इमारतों पर तिरंगा आधा झुका रहेगा, जहां इसे नियमित रूप से फहराया जाता है.
गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘पूरे भारत में शोक के दिन राष्ट्रीय ध्वज उन सभी भवनों पर आधे पर झुके रहेंगे, जहां राष्ट्रीय ध्वज नियमित रूप से फहराये जाते हैं और इस दिन कोई आधिकारिक मनोरंजन नहीं होगा.’
As a mark of our deepest respect for former Prime Minister Abe Shinzo, a one day national mourning shall be observed on 9 July 2022.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 8, 2022
आबे की मौत की खबर सार्वजनिक किए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के निधन पर गहरा शोक जताया और कहा कि उन्होंने अपना पूरा जीवन जापान और दुनिया को एक बेहतर स्थान बनाने में समर्पित कर दिया.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को शिंजो आबे के निधन पर शोक प्रकट करते हुए कहा कि उनके लिए यह विश्वास करना कठिन है कि जापान के पूर्व प्रधानमंत्री अब नहीं रहे.
कोविंद ने अपने ट्वीट में कहा कि आबे का एक हत्यारे की गोली का शिकार बनना सम्पूर्ण मानवता के लिये त्रासदी है.
कोविंद ने कहा, ‘मेरे लिए यह विश्वास करना कठिन है कि जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे अब नहीं रहे. वे एक महान राजनेता थे और उनके मिलनसार स्वभाव के कारण दुनियाभर में स्नेह मिला.’
I find it difficult to believe that Shinzo Abe is no more. He was a great statesman, & his infectious affability endeared him the world over. That he fell prey to an assassin’s bullet is a tragedy for the whole humanity. My heartfelt condolences to his family and people of Japan.
— President of India (@rashtrapatibhvn) July 8, 2022
राष्ट्रपति ने कहा कि उनकी संवेदनाएं उनके परिजनों, प्रियजनों और जापान की जनता के साथ हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने जापान के पूर्व प्रधानमंत्री आबे के प्रति गहरे सम्मान के प्रतीक के तौर पर नौ जुलाई को एक दिन का राष्ट्रीय शोक रखे जाने की घोषणा की.
मोदी ने एक ट्वीट में कहा, ‘मेरे प्रिय मित्रों में शुमार शिंजो आबे के दुखद निधन से मैं हैरान और दुखी हूं और इसे व्यक्त करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं. वह एक शीर्ष वैश्विक राजनेता, एक उत्कृष्ट नेता और एक अद्भुत प्रशासक थे. उन्होंने जापान और विश्व को एक बेहतर स्थान बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया.’
I am shocked and saddened beyond words at the tragic demise of one of my dearest friends, Shinzo Abe. He was a towering global statesman, an outstanding leader, and a remarkable administrator. He dedicated his life to make Japan and the world a better place.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 8, 2022
मोदी ने कहा कि आबे के साथ उनके वर्षों पुराने संबंध रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था, तब से मैं उन्हें जानता था और हमारी दोस्ती मेरे प्रधानमंत्री बनने के बाद भी जारी रही. अर्थव्यवस्था और वैश्विक मामलों पर उनकी तीक्ष्ण अंतर्दृष्टि ने मुझ पर गहरी छाप छोड़ी.’
My association with Mr. Abe goes back many years. I had got to know him during my tenure as Gujarat CM and our friendship continued after I became PM. His sharp insights on economy and global affairs always made a deep impression on me.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 8, 2022
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री आबे पर हमले की विश्व नेताओं ने कड़ी निंदा की
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या की विश्व के कई नेताओं ने कड़ी निंदा की और इसे स्तब्ध करने वाली घटना बताया.
तुर्की से लेकर सिंगापुर तक के नेताओं ने इस हमले की निंदा की और ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने गोलीबारी को ‘घिनौना कृत्य’ करार दिया.
जॉनसन ने ट्वीट किया, ‘उनके वैश्विक नेतृत्व को हमेशा याद किया जाएगा. मेरी संवेदनाएं उनके परिवार, दोस्तों और जापानी लोगों के साथ हैं. इस दुखद समय में ब्रिटेन आपके साथ खड़ा है.’
ईरान ने इसे ‘आतंकवादी कृत्य’ और स्पेन ने ‘कायरतापूर्ण हमला’ बताया.
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘हम एक ऐसे देश के रूप में जो आतंकवाद का शिकार रहा है और जिसने आतंकवादी घटनाओं में अपने महान नेताओं को खोया है, इस खबर को सुनकर स्तब्ध हैं.’
स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने कहा, ‘इस कायरतापूर्ण हमले की हम निंदा करते हैं.’ उन्होंने ट्वीट किया कि स्पेन इस कठिन समय में जापान के लोगों के साथ खड़ा है.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि वह जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या से ‘स्तब्ध, क्रोधित और दुखी’ है.
बाइडेन ने एक बयान में कहा, ‘यह जापान के लिए और उन्हें जानने वाले सभी लोगों के लिए एक त्रासदी है. जिस समय भी उन पर हमला हुआ, वह लोकतंत्र के काम में लगे हुए थे. संयुक्त राज्य अमेरिका दुख की इस घड़ी में जापान के साथ खड़ा है. मैं उनके परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं.’
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका इस घटना को लेकर ‘बहुत दुखी और चिंतित’ है.
ह्वाइट हाउस ने एक बयान में कहा, ‘हम जापान के पूर्व प्रधानमंत्री आबे पर हमले के बारे में सुनकर स्तब्ध और दुखी हैं.’
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि आबे पर हमला हैरत में डालने वाला है. उन्होंने आबे को ‘वास्तव में एक महान व्यक्ति और नेता’ बताया और कहा कि वह ‘मेरे और उससे कहीं ज्यादा अमेरिका के सच्चे मित्र रहे.’
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ट्वीट किया कि वह आबे पर ‘घृणित हमले से स्तब्ध हैं.’ उन्होंने आबे को ‘एक महान प्रधानमंत्री’ बताया और कहा ‘फ्रांस जापानी लोगों के साथ खड़ा है.’
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंटनी अल्बानीज ने ट्वीट किया, ‘जापान से हैरान करने वाली खबर आ रही है कि पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को गोली मारी गयी है. हमारी संवेदनाएं उनके परिवार और जापान के लोगों के साथ हैं.’
न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने शुक्रवार को कहा कि वह ‘बहुत ज्यादा स्तब्ध’ हैं.
अर्डर्न ने कहा, ‘जब मैं प्रधानमंत्री बनी थी तो वह उन पहले नेताओं में से एक थे जिनसे मैंने मुलाकात की थी. वह अपनी भूमिका के लिए बहुत प्रतिबद्ध रहने के साथ ही दयालु और विनम्र भी थे. मुझे याद है कि हाल में जब मैंने उनसे मुलाकात की थी तो उन्होंने हमारे पालतू जानवर की मौत के बारे में पूछा था. यह छोटी-सी बात हो सकती है, लेकिन यह बताता है कि वह किस तरह के इंसान थे. मेरी संवेदनाएं उनकी पत्नी और जापान के लोगों के साथ हैं. ऐसी घटनाएं हम सभी को हिला देती हैं.’
सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लुंग ने इसे ‘हिंसा का कृत्य’ बताते हुए इसकी आलोचना की.
ली ने फेसबुक पर कहा, ‘श्रीमान आबे सिंगापुर के अच्छे मित्र रहे. मैंने टोक्यो की यात्रा पर मई में उनके साथ दोपहर का भोजन किया था. मेरी संवेदनाएं और प्रार्थना, आबे और उनके परिवार के साथ हैं.’
मलेशिया के विदेश मंत्री सैफुद्दीन अब्दुल्ला ने कहा कि वह इस घटना से दुखी और स्तब्ध हैं.
इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्रागी ने अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की और कहा कि इटली आबे के परिवार, सरकार और जापानी लोगों के साथ खड़ा है.
इंडोनेशिया के विदेश मंत्री रेटनो मार्सुडी ने आबे के ‘असामयिक निधन’ पर शोक व्यक्त किया.
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा कि चीन ने आबे के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की और कहा कि गोलीबारी को द्विपक्षीय संबंधों से नहीं जोड़ा जाना चाहिए.