पारदर्शिता संबंधी चिंताओं के बीच राजनीतिक दलों को चुनावी बॉन्ड से मिले 10,000 करोड़ रुपये

राजनीतिक दलों को चुनावी बॉन्ड के ज़रिये मिलने वाले चंदे को लेकर 'अपारदर्शिता' संबंधी चिंताओं के बीच आरटीआई कार्यकर्ता लोकेश बत्रा ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के आधार पर बताया कि हाल में ख़त्म हुए बॉन्ड बिक्री के 21वें चरण तक 10,000 करोड़ रुपये से अधिक के चुनावी बॉन्ड बिक चुके हैं.

/
(फोटो: रॉयटर्स)

राजनीतिक दलों को चुनावी बॉन्ड के ज़रिये मिलने वाले चंदे को लेकर ‘अपारदर्शिता’ संबंधी चिंताओं के बीच आरटीआई कार्यकर्ता लोकेश बत्रा ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के आधार पर बताया कि हाल में ख़त्म हुए बॉन्ड बिक्री के 21वें चरण तक 10,000 करोड़ रुपये से अधिक के चुनावी बॉन्ड बिक चुके हैं.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: भले ही सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना को चुनौती देने वाली लंबित याचिकाओं पर अभी तक सुनवाई न की हो, लेकिन केंद्रीय वित्त मंत्रालय के तहत काम करने वाले आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि बॉन्ड की बिक्री अब 10,000 करोड़ रुपये को पार कर चुकी है.

कई पारदर्शिता कार्यकर्ता, संगठन और राजनीतिक दल वर्षों से इन बॉन्ड की ‘अपारदर्शिता‘ को लेकर चिंता व्यक्त करते रहे हैं, क्योंकि इन्हें खरीदने वाले दानदाताओं की पहचान गुप्त बनी रहती है.

चंदे ने 10,246 करोड़ रुपये का आंकड़ा छुआ

सूचना का अधिकार (आरटीआई) कार्यकर्ता कमोडोर लोकेश बत्रा (सेवानिवृत्त) के अनुसार, 1 जुलाई से 10 जुलाई के बीच बॉन्ड की बिक्री के 21वें चरण के दौरान बॉन्ड की बिक्री ने 10,000 करोड़ रुपये का मील का पत्थर छू लिया है. बत्रा भारतीय स्टेट बैंक की नामित शाखाओं द्वारा इन बॉन्ड की बिक्री और उनके भुनाने (रिडेंप्शन) पर नज़र रख रहे हैं.

डीईए से उन्हें जो जवाब मिला है, उसके मुताबिक इन बॉन्ड की बिक्री और रिडेंप्शन एसबीआई की 29 अधिकृत शाखाओं में हुआ. अब तक, सभी 21 चरणों को एक साथ देखें तो कुल 10,246 करोड़ (102,46,22,51,000 रुपये) रुपये कीमत के बॉन्ड बिक चुके हैं.

इन बॉन्ड की बिक्री 1,000 रुपये, 10,000 रुपये, एक लाख, दस लाख और एक करोड़ रुपये के मूल्यवर्ग में होती है. जनवरी 2018 में योजना के अधिसूचित किए जाने के बाद से कुल 18,779 चुनावी बॉन्ड बेचे जा चुके हैं.

इन बॉन्ड के बारे में जानकारी जारी करने के बाद बत्रा ने कहा, ‘सारी निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हैं जो चुनावी बॉन्ड-2018 योजना पर रोक लगाने के लिए एडीआर के मामले पर सुनवाई कर रहा है.’

चंदे की ‘अपारदर्शिता’ को लेकर चिंता

बता दें कि चुनावी बॉन्ड योजना को वित्त विधेयक 2017 के साथ पेश किया गया था और जनवरी 2018 में अधिसूचित किया गया था. जिस तरह यह योजना गुमनाम चंदे की अनुमति देती है, उससे अधिकांश धनराशि सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को पहुंची, जिसने सवाल खड़े किए.

सबसे पहले तो स्वयं चुनाव आयोग ने 2017 में योजना को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की. इसके बाद, 2018 से इनकी वैधता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गईं.

शीर्ष अदालत दो बार योजना पर अंतरिम लोक लगाने से इनकार कर चुकी है. रोक की मांग एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा दायर याचिका में की गई थी.

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने भी जुलाई 2021 में चुनावी बॉन्ड योजना की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं के एक समूह पर तत्काल सुनवाई की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.

माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी भी कई मौकों पर मामले में तत्काल सुनवाई की जरूरत को लेकर ट्वीट कर चुके हैं. आखिरी ट्वीट उन्होंने 30 दिसंबर 2021 को किया था. इस ट्वीट में उन्होंने कहा था कि याचिकाओं पर तीन साल से सुनवाई नहीं हो रही, जिससे भाजपा को धन बल के भोंडे प्रदर्शन करने की अनुमति मिल गई है.

चुनावी बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट में लगी याचिकाएं

याचिकाएं सुनवाई के लिए इंतजार कर रही हैं, जबकि प्रधान न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने अप्रैल में वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण को बताया था कि अदालत चुनावी बॉन्ड मामले पर ‘सुनवाई’ करेगी. भूषण के यह कहने पर कि ऐसी खबर है कि एक कंपनी ने कोलकाता में छापेमारी से बचने के लिए 40 करोड़ रुपये दिए और चुनावी बॉन्ड योजना लोकतंत्र को नुकसान पहुंचा रही है, सीजेआई रमना ने उन्हें यकीन दिलाया था कि ‘हम इस पर सुनवाई करेंगे’.

दो एनजीओ- कॉमन कॉज और एडीआर की योजना को चुनौती देने वाली याचिकाएं शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित हैं.

मार्च 2021 में, सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड की बिक्री पर रोक लगाने के लिए दायर एडीआर की याचिका को खारिज कर दिया था.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)

https://arch.bru.ac.th/wp-includes/js/pkv-games/ https://arch.bru.ac.th/wp-includes/js/bandarqq/ https://arch.bru.ac.th/wp-includes/js/dominoqq/ https://ojs.iai-darussalam.ac.id/platinum/slot-depo-5k/ https://ojs.iai-darussalam.ac.id/platinum/slot-depo-10k/ bonus new member slot garansi kekalahan https://ikpmkalsel.org/js/pkv-games/ http://ekip.mubakab.go.id/esakip/assets/ http://ekip.mubakab.go.id/esakip/assets/scatter-hitam/ https://speechify.com/wp-content/plugins/fix/scatter-hitam.html https://www.midweek.com/wp-content/plugins/fix/ https://www.midweek.com/wp-content/plugins/fix/bandarqq.html https://www.midweek.com/wp-content/plugins/fix/dominoqq.html https://betterbasketball.com/wp-content/plugins/fix/ https://betterbasketball.com/wp-content/plugins/fix/bandarqq.html https://betterbasketball.com/wp-content/plugins/fix/dominoqq.html https://naefinancialhealth.org/wp-content/plugins/fix/ https://naefinancialhealth.org/wp-content/plugins/fix/bandarqq.html https://onestopservice.rtaf.mi.th/web/rtaf/ https://www.rsudprambanan.com/rembulan/pkv-games/ depo 20 bonus 20 depo 10 bonus 10 poker qq pkv games bandarqq pkv games pkv games pkv games pkv games dominoqq bandarqq pkv games dominoqq bandarqq pkv games dominoqq bandarqq pkv games bandarqq dominoqq http://archive.modencode.org/ http://download.nestederror.com/index.html http://redirect.benefitter.com/ slot depo 5k