बिहार में नीतीश कुमार द्वारा भाजपा नेतृत्व वाले राजग के साथ गठबंधन तोड़ने और विपक्षी महागठबंधन में लौटने के बाद ये घटनाक्रम सामने आया है. पवन के. वर्मा और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को साल 2020 में जदयू से उस वक़्त निष्कासित कर दिया गया था, जब उन्होंने विवादास्पद नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) का खुलकर विरोध किया था.
नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता पवन के. वर्मा ने शुक्रवार को पार्टी अध्यक्ष ममता बनर्जी को अपना इस्तीफा सौंप दिया.
नीतीश कुमार के महागठबंधन में लौटने और बिहार में एक नई सरकार बनाने के कुछ दिन बाद वर्मा ने इस्तीफा दिया है. बिहार में बीते नौ अगस्त को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के साथ जनता दल (यूनाइटेड) का गठबंधन टूट गया है.
नीतीश कुमार द्वारा एनडीए गठबंधन तोड़ने और अपने पद से इस्तीफा देने के बाद बीते 10 अगस्त को उन्होंने विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ महागठबंधन सरकार के मुखिया के तौर पर फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और उनके साथ राजद के तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री चुने गए थे.
वर्मा ने ट्वीट किया, ‘कृपया पार्टी से मेरा इस्तीफा स्वीकार करें. मुझे दिए गए स्नेह के लिए मैं आपको धन्यवाद देना चाहता हूं. मैं आपके साथ हमेशा संपर्क में बने रहने की आशा करता हूं. आप सभी को शुभकामनाएं.’
Dear @MamataOfficial ji, Please accept my resignation from the @AITCofficial. I want to thank you for the warm welcome accorded to me, and for your affection and courtesies. I look forward to remaining in touch. Wishing you all the best, and with warm regards, Pavan K. Varma
— Pavan K. Varma (@PavanK_Varma) August 12, 2022
जदयू के पूर्व सांसद वर्मा पिछले साल तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे. उन्होंने कहा था कि विपक्ष को मजबूत करने के लिए काम करना समय की जरूरत है.
पवन के. वर्मा और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को 2020 में जदयू से उस वक्त निष्कासित कर दिया गया था, जब उन्होंने विवादास्पद नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का खुलकर विरोध किया था.