बीते 8 अगस्त को एफबीआई ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फ्लोरिडा के पाम बीच में मार-ए-लागो आवास की तलाशी ली थी. अब अदालती दस्तावेज़ बताते हैं कि एफबीआई ने इस छापेमारी में गोपनीय दस्तावेज़ों के 11 सेट बरामद किए, जिनमें से चार अतिगोपनीय यानी टॉप सीक्रेट के बतौर चिह्नित हैं.
फ्लोरिडा: शुक्रवार (12 अगस्त) को प्रकाशित अदालती दस्तावेजों के अनुसार, अमेरिकी फेडरल एजेंट्स ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फ्लोरिडा स्थित घर से बेहद गोपनीय दस्तावेज बरामद किए हैं.
बता दें कि एफबीआई ने छापेमारी की कार्रवाई बीते सोमवार (8 अगस्त) को की थी, लेकिन अब तक यह जानकारी नहीं दी है कि वे क्या खोज रहे थे और उन्हें क्या मिला. संघीय कानून गोपनीय सामग्री के दुरुपयोग और गोपनीय दस्तावेज या सामग्री को अनधिकृत रूप से हटाने या अपने पास रखने पर रोक लगाता है.
अति गोपनीय दस्तावेज मिले
अदालती दस्तावेजों से पता चला कि एजेंट्स ने गोपनीय दस्तावेजों के 11 सेट बरामद किए, जिनमें चार सेट अतिगोपनीय के रूप में चिह्नित थे और बाकी सात सेट गोपनीय थे. एक अतिगोपनीय सेट पर ‘संवेदनशील कंपार्टमेंट सूचना’ (एससीआई) लिखा था, जो गोपनीयता का सबसे उच्च स्तर होता है.
उन दस्तावेजों की सामग्री सूचीबद्ध नहीं थी. ‘अतिगोपनीय’ टैग देश की सबसे गोपनीय राष्ट्रीय रक्षा जानकारी के लिए इस्तेमाल होता है. ऐसे दस्तावेज आम तौर पर राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर नुकसान से बचाने के लिए विशेष सरकारी कदम उठाने में मदद करते हैं.
एजेंट्स ने सामान के 20 से अधिक बॉक्स, साथ ही तस्वीरों के बाइंडर, फ्रांसीसी राष्ट्रपति के बारे में जानकारी, रोजर स्टोन को दिया अनुदान और हस्तलिखित नोट जब्त किया.
दस्तावेजों के मुताबिक, जासूसी अधिनियम के संभावित उल्लंघन के लिए ट्रंप की जांच की जा रही है. ट्रंप ने सत्ता में रहते हुए इन कानूनों को तोड़ने पर जुर्माना बढ़ा दिया था.
एफबीआई ने अदालत से दस्तावेजों की सील खोलने का अनुरोध किया
गुरुवार को अमेरिकी अटॉर्नी जनरल मैरिक गारलैंड ने कहा कि न्याय मंत्रालय ने ‘इस मामले में पर्याप्त सार्वजनिक हित’ का हवाला देते हुए फ्लोरिडा कोर्ट को दस्तावेजों की सील खोलने के लिए कहा है.
ट्रंप ने शुक्रवार को अपनी ‘ट्रुथ सोशल’ वेबसाइट पर एक पोस्ट में दावा किया कि जब्त किया गया कोई भी दस्तावेज गोपनीय नहीं है.
उन्होंने लिखा, ‘पहली बात, यह सभी अगोपनीय थे. दूसरी बात, उन्हें कुछ भी ‘जब्त’ करने की जरूरत नहीं थी. वे बिना राजनीति किए और मार-ए-लागो में घुसे बिना जब भी चाहते, कभी भी इन्हें पा सकते थे. यह एक अतिरिक्त ताले में सुरक्षित रखे हुए थे.’
अमेरिकी कानून के अनुसार, मौजूदा राष्ट्रपति सूचनाओं को सार्वजनिक कर सकते हैं, लेकिन पद छोड़ने के बाद यह अधिकार समाप्त हो जाता है. यह स्पष्ट नहीं है कि क्या जब्त किए गए दस्तावेज कभी सार्वजनिक किए गए थे.
नेशनल आर्काइव समेत कई एजेंसियों ने संघीय कानून के अनुसार ट्रंप को राष्ट्रपति संबंधी रिकॉर्ड देने के लिए कई अनुरोध जारी किए थे.
किन कानूनों को तोड़ने के आरोपी हैं ट्रंप
खुले वारंट ने तीन अलग-अलग कानूनों का उल्लंघन करने वाले सामान को जब्त करने की अनुमति दी. तीनों कानून संघीय सरकार के रिकॉर्ड का गलत इस्तेमाल करने से निपटने संबंधी हैं. यह परवाह किए बिना कि रिकॉर्ड अभी भी गोपनीय हैं या नहीं, ये कानून लागू होते हैं.
पहले कानून में राष्ट्रीय रक्षा जानकारी पर अनधिकृत कब्जे को रोकने का उल्लेख है और 10 वर्ष तक जेल की सजा का प्रावधान है.
अन्य दो कानून अधिकृत अमेरिकी दस्तावेजों को छिपाने या नष्ट करने से रोकते हैं और इनमें क्रमश: तीन साल तक और 20 साल तक जेल की सजा का प्रावधान है.
एफबीआई को विरोध का सामना करना पड़ रहा है
सोमवार की छानबीन के बाद से गारलैंड और उनके विभाग को रिपब्लिकन पार्टी के साथ-साथ ट्रंप और उनके समर्थकों से भीषण विरोध का सामना करना पड़ रहा है.
शुरुआती छापेमारी के बाद, छानबीन से नाराज एक बंदूकधारी एफबीआई के सिनसिनाटी कार्यालय के अंदर घुसने की कोशिश में गोलीबारी में मारा गया. इस घटना की जांच घरेलू चरमपंथ की कार्रवाई के रूप में की जा रही है.
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