ब्रिटेन की विदेश मंत्री रहीं लिज़ ट्रस ने सोमवार को भारतीय मूल के पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक को कंज़रवेटिव पार्टी नेतृत्व के लिए हुए मुक़ाबले में हराया था और अब वह प्रधानमंत्री के तौर पर बोरिस जॉनसन का स्थान लेंगी.
लंदन: महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने कंजरवेटिव पार्टी की नेता लिज ट्रस को मंगलवार को औपचारिक रूप से ब्रिटेन का नया प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया.
ट्रस देश की तीसरी महिला प्रधानमंत्री बनी हैं. वह 96 वर्षीय महारानी से मिलने के लिए स्कॉटलैंड के एबर्डीनशायर में उनके बाल्मोरल कैसल स्थित आवास पहुंचीं. महारानी ने औपचारिक रूप से ट्रस से नई सरकार बनाने को कहा.
इससे पहले निवर्तमान प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने महारानी को अपना इस्तीफा सौंप दिया. महारानी अपनी वार्षिक छुट्टियों के लिए एबर्डीनशायर स्थित आवास पर हैं.
अब 47 वर्षीय ट्रस लंदन स्थित 10 डाउनिंग स्ट्रीट पहुंचकर प्रधानमंत्री के रूप में अपना पहला भाषण देंगी और इसके बाद कुछ प्रमुख कैबिनेट मंत्रियों के नाम की घोषणा करेंगी.
बुधवार को वह ‘हाउस ऑफ कॉमंस’ में प्रधानमंत्री के तौर पर शुरुआती सवालों (पीएमक्यू) को संबोधित करेंगी और लेबर पार्टी के नेता सर कीर स्टार्मर से भी उनका आमना-सामना होगा.
गौरतलब है कि ट्रस ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद की दौड़ में सोमवार को पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक को हरा दिया था.
ब्रिटेन की विदेश मंत्री रहीं लिज ट्रस ने भारतीय मूल के पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक को कंजरवेटिव पार्टी नेतृत्व के लिए मुकाबले में हराया और अब वह प्रधानमंत्री के तौर पर बोरिस जॉनसन का स्थान लेंगी. कंजरवेटिव पार्टी के सदस्यों द्वारा 1,70,000 से अधिक ऑनलाइन और डाक मत डाले गए थे.
चुनाव में 82.6 प्रतिशत मतदान हुआ, जिसमें सुनक को 60,399 मत, जबकि ट्रस को 81,326 मत मिले. मतदान के लिए कंजरवेटिव पार्टी के 1,72,437 सदस्य योग्य थे, वहीं 654 मत खारिज कर दिए गए. इस तरह ट्रस को 57.4 प्रतिशत और सुनक को 42.6 प्रतिशत मत मिले.
सुनक ने ट्वीट करके कहा, ‘मैंने पूरे प्रचार अभियान के दौरान कहा कि कंजरवेटिव पार्टी सदस्य एक परिवार हैं. यह सही है कि अब हम नई प्रधानमंत्री लिज ट्रस के पीछे एकजुट हैं, जो देश को कठिन समय में आगे बढ़ाएंगी.’
Thank you to everyone who voted for me in this campaign.
I’ve said throughout that the Conservatives are one family.
It’s right we now unite behind the new PM, Liz Truss, as she steers the country through difficult times.
— Rishi Sunak (@RishiSunak) September 5, 2022
वहीं, ट्रस ने विजेता घोषित किए जाने के बाद अपने संबोधन में कहा था, ‘हम वादे पूरे करेंगे.’ उन्होंने कहा, ‘मैं ऊर्जा संकट का समाधान करूंगी, लोगों के बिजली बिल के मुद्दे का हल करूंगी, साथ ही ऊर्जा आपूर्ति के लिए दीर्घकालिक मुद्दों पर भी गौर करूंगी.’
ट्रस ने सुनक के साथ मौजूदा प्रधानमंत्री जॉनसन को भी शुक्रिया कहा. ट्रस ने कहा, ‘बोरिस आपने ब्रेक्जिट कराया, आपने (विपक्ष के नेता) जर्मी कोर्बिन को हराया, आपने टीकाकरण की शुरुआत की, आप व्लादिमीर पुतिन के सामने डटकर खड़े रहे. कीव से कार्लिस्ले तक आपकी सराहना होती है.’
जॉनसन ने ट्वीट कर ‘निर्णायक जीत’ के लिए ट्रस को बधाई दी थी और पार्टी से ट्रस के नेतृत्व में एकजुट रहने का आह्वान किया.
जॉनसन ने कहा, ‘मुझे पता है कि उनके पास सभी स्थितियों से निपटने, हमारी पार्टी और हमारे देश को एकजुट रखने के महान कार्य को जारी रखने की सही योजना है. अब पार्टी के सभी सदस्यों के लिए उनका पूरा साथ देने का समय है.’
Congratulations to @trussliz on her decisive win. I know she has the right plan to tackle the cost of living crisis, unite our party and continue the great work of uniting and levelling up our country. Now is the time for all Conservatives to get behind her 100 per cent.
— Boris Johnson (@BorisJohnson) September 5, 2022
मार्गरेट थेचर और थेरेसा मे के बाद ट्रस ब्रिटेन की तीसरी महिला प्रधानमंत्री होंगी. ट्रस ने कहा कि उनके पास करों में कटौती और ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए एक ‘साहसिक योजना’ है.
बता दें कि ट्रस चुनाव पूर्व कई सर्वेक्षणों में भी ऋषि सुनक से आगे रही थीं. कंजरवेटिव पार्टी के कई सदस्य सुनक के कदमों को प्रधानमंत्री जॉनसन के साथ विश्वासघात के तौर पर देख रहे थे और कर में कटौती को लेकर ट्रस का संकल्प भी भारतवंशी सुनक की हार के मुख्य कारण रहे.
वर्ष 2001 में नेतृत्व पद के लिए कंजरवेटिव पार्टी के चुनाव नियमों में बदलाव के बाद किसी भी नेता को 60 प्रतिशत से कम वोट नहीं मिला है. ट्रस को सदस्यों के 57 प्रतिशत वोट मिले, जबकि बोरिस जॉनसन को 2019 में 66.4 प्रतिशत, डेविड कैमरन को 2005 में 67.6 प्रतिशत और 2001 में इयान डंकन स्मिथ को 60.7 प्रतिशत वोट मिले थे.
ट्रस ने अपने अभियान में वित्त मंत्री के तौर पर सुनक की कर वृद्धि की योजनाओं को पलटने का संकल्प जताया था, जबकि सुनक का दृष्टिकोण बढ़ती महंगाई से निपटने पर ध्यान केंद्रित करने तथा संकट के लिए मदद की पेशकश करने के साथ लक्षित उपायों की पेशकश करना रहा.
गौरतलब है कि जॉनसन ने करीब दो महीने पहले पार्टी के नए नेता के चुनाव के बाद पद से इस्तीफा देने की घोषणा की थी.
वहीं, पहली बार सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया लंदन के बकिंघम पैलेस के बजाय एबर्डीनशायर स्थित शाही परिवार के ग्रीष्मकालीन आवास बालमोराल कैसल में हो रही है. महारानी 96 वर्ष की हैं और ऐसे में उन्हें कहीं भी आने-जाने में काफी समस्या का सामना करना पड़ता है. इसलिए महल के अधिकारियों को उनकी दैनिक यात्रा के बारे में निर्णय बहुत सोच-समझ कर लेने पड़ रहे हैं.
जॉनसन ने करीब तीन साल पहले प्रधानमंत्री पद का कार्यभार संभाला था, लेकिन कई तरह के विवादों में फंसने के बाद उन्होंने जुलाई में पद छोड़ने की घोषणा कर दी थी.